वित्त मंत्रालय का 2020-21 में 4.5 फीसदी जीडीपी का अनुमान, आर्थिक रिपोर्ट में कोरोना लॉकडाउन को बताया जिम्मेदार
By स्वाति सिंह | Published: July 6, 2020 04:00 PM2020-07-06T16:00:11+5:302020-07-06T16:06:14+5:30
कोरोना वायरस के कारण देश की अर्थव्यवस्था ठहर सी गई है। इसको देखते हुए वित्त मंत्रालय वित्त वर्ष 2020-21 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का अनुमान 4.5 फीसदी लगाया है।
नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 4.5 फीसदी होगा। कोरोना वायरस महामारी तथा इसकी रोकथाम के लिये देश भर में लगाये गये लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था में सुस्ती आयी है। सरकार ने अपनी आर्थिक रिपोर्ट में कहा कि कोरोनो वायरस महामारी के खिलाफ एक वैक्सीन की अनुपस्थिति के कारण होने वाली अनिश्चितता अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती है।
हालांकि, सरकार के संरचनात्मक सुधारों और सामाजिक कल्याण उपायों से अर्थव्यवस्था में ग्रीन शूट बनाने में मदद मिलेगी। वहीं, चालू वित्त वर्ष में अब तक राजस्व प्राप्तियों में साल-दर-साल आधार पर 68.9 प्रतिशत की गिरावट आई है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि सरकार के 'आत्मनिर्भर भारत प्रोत्साहन' पैकेज में सुधारों में तेजी आई है।
अर्थव्यवस्था में 4.5 प्रतिशत की गिरावट आने के आसार : IMF
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने कहा है कि 2020 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 4.5 फीसदी का बड़ा कॉन्ट्रैक्शन आएगा और यह ऐतिहासिक निम्न स्तर पर आ जाएगी। ऐसा हुआ तो भारत के लिए ग्रोथ रेट का इस साल 1961 के बाद का सबसे निचला स्तर होगा। इसका कारण कोरोनावायरस है, जिसकी वजह से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं।
लेकिन साथ ही यह भी अनुमान दिया है कि 2021 में देश 6 फीसदी की ग्रोथ रेट से फिर वापसी करेगा। 2019 में देश की ग्रोथ रेट 4.2 फीसदी रही थी। IMF ने वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक फोरकास्ट में अनुमान दिया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट में इस साल 4.9 फीसदी की कमी रहेगी। यह अप्रैल के अनुमान से 1.9 फीसदी कम है।