महाराष्ट्र ने केंद्र से कहा- प्याज व्यापारियों के लिए 25 नहीं 1500 टन हो स्टॉक लिमिट, अगले 15 दिनों में आलू की नई आवक से गिरेंगे दाम
By एसके गुप्ता | Published: November 9, 2020 08:30 PM2020-11-09T20:30:48+5:302020-11-09T20:32:06+5:30
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि राज्य सरकार की ओर से तर्क दिया जा रहा है कि महाराष्ट्र में प्याज की पैदावार बहुतायत में होती है। प्याज व्यापारी और किसान अब मुनाफा नहीं कमाएगा तो कब कमाएगा।
नई दिल्लीः त्योहारी सीजन में फिलहाल आलू और प्याज के दामों में राहत मिलती नजर नई आ रही है। सरकार जहां प्याज की स्टॉक लिमिट लगाकर दामों को नियंत्रित करने के प्रयास में है।
वहीं प्याज का बड़ा उत्पादक राज्य महाराष्ट्र केंद्र से प्याज की स्टॉक लिमिट 25 टन से बढ़ाकर 1500 टन करने की मांग कर रहा है। केंद्रीय उपभोक्ता मामलो, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि राज्य सरकार की ओर से तर्क दिया जा रहा है कि महाराष्ट्र में प्याज की पैदावार बहुतायत में होती है। प्याज व्यापारी और किसान अब मुनाफा नहीं कमाएगा तो कब कमाएगा।
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने खास बातचीत में कहा कि आलू और प्याज के बढ़ते दामों को नियंत्रित करने के लिए ही प्याज पर 23 अक्टूबर को स्टॉक लिमिट लगाई गई थी। मौसम विभाग से राज्यों में मानसून और पैदावार का अंदाजा लगने के साथ ही प्याज के निर्यात को भी बंद कर दिया गया।
जहां तक प्याज खराब होने की बात है तो इसको 4-5 महीने तक ही स्टॉक करके रखा जा सकता है। उसके बाद यह खराब होने लगता है। सरकार ने स्टॉक में रखा प्याज रिलीज करने के साथ ही प्याज का निर्यात रोका और प्याज के स्टॉक की लिमिट तय कर इसकी कालाबाजारी को रोकने की दिशा में कदम उठाए। उसी का नतीजा है कि बाजार में लोगों को प्याज 60 रुपए किलो में मिल पा रहा है।
उन्होंने फुटकर में आलू के 50 रुपए किलो बिकने पर कहा कि सरकार इस दिशा में लगातार नजर बनाए हुए है। इस बार बारिश से कई राज्यों में आलू की फसल को नुकसान हुआ है। लेकिन अगले 10-15 दिनों में आलू की नई आवक मंडियों में पहुंचने वाली है। जिसके बाद आलू के दामों में गिरावट आनी स्वभाविक है।