महाराष्ट्र बजटः किसानों को 3 लाख रुपए तक के कर्ज पर कोई ब्याज नहीं, शराब महंगी, 7 नए मेडिकल कॉलेज, जानें बड़ी बातें
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 8, 2021 08:43 PM2021-03-08T20:43:52+5:302021-03-08T20:45:47+5:30
Maharashtra Budget 2021-22: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार ने बजट पेश किया। पेट्रोल-डीजल पर राहत की उम्मीद को झटका लगा है।
Maharashtra Budget 2021-22: उपमुख्यमंत्री तथा वित्त मंत्री अजित पवार की ओर से आज विधानसभा में पेश राज्य के वर्ष 2021-22 के बजट में कृषि, स्वास्थ्य तथा बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष जोर दिया गया है.
बजट प्रावधानों के मुताबिक राज्य में 7 नए मेडिकल कॉलेज खुलेंगे. ग्रामीण क्षेत्र की छात्राओं को एसटी बस में यात्रा करने के लिए टिकट नहीं खरीदनी पड़ेगी. महिलाओं के नाम पर संपत्ति खरीदने या हस्तांतरित करने पर स्टांप ड्यूटी में 1 प्रतिशत की छूट मिलेगी. इसके अलावा किसानों को 3 लाख रुपए तक के कर्ज पर कोई ब्याज नहीं लगेगा.
वित्त मंत्री ने डीजल तथा पेट्रोल पर करों में कोई रियायत नहीं दी, लेकिन आबकारी शुल्क तथा वैट बढ़ाकर शराब महंगी कर दी. किसानों के कर्ज पर ब्याज माफी के लिए शर्त हालांकि यह है कि इसके लिए किसानों को नियमित रूप से कर्ज का भुगतान करना होगा. वित्त मंत्री ने पेश किए गए बजट में 10226 करोड़ रुपए का राजस्व घाटा दिखाया है.
सरकार ने आने वाले साल के दौरान 3 लाख 79 हजार 213 करोड़ रुपए का खर्च प्रस्तावित किया है, जबकि राजस्व के रूप में 3 लाख 68 हजार 987 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान लगाया गया है. राज्य सरकार के हाथ में सस्ता और महंगा करने के लिए पेट्रोल, डीजल, शराब, सिगरेट और तंबाकू बचे हुए हैं. इनमें से शराब पर आबकारी शुल्क और वैट बढ़ा दिया गया है.
पेट्रोल पर सेस घटाने की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन सरकार ने आमदनी बढ़ाने का उद्देश्य सामने रखते हुए ऐसा कोई कदम नहीं उठाया. पवार ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल बहुत ज्यादा टैक्स लगा रखे हैं. उसे टैक्स में कमी कर जनता को राहत देनी चाहिए.
किसी बड़ी परियोजना का ऐलान नहीं बजट में किसी बड़ी परियोजना की घोषणा नहीं की गई है. हमेशा की तरह विभिन्न विभागों के लिए राशियों के आवंटन का प्रस्ताव कर दिया गया है. अगले साल होने वाले मुंबई मनपा के चुनाव को ध्यान में रखते हुए बृह्नमुंबई के लिए खासी बड़ी राशि का आवंटन प्रस्तावित किया गया है. पिछले बजट की तुलना में यह काफी ज्यादा है. चूंकि कोरोना संक्रमण का खतरा अब भी बना हुआ है इसलिए स्वास्थ्य विभाग के लिए भी भारी-भरकम राशि का प्रावधान किया गया है.
यहां खोले जाएंगे नए मेडिकल कॉलेजः राज्य में सिंधुदुर्ग, उस्मानाबाद, नासिक, रायगढ़ और सातारा में नए शासकीय मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे. अमरावती और परभणी में भी मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे, लेकिन ये निजी होंगे या सरकारी इस बारे में बताया नहीं गया है. कैंसर के उपचार के लिए राज्य में 150 अस्पतालों में सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
महिला दिवस पर महिलाओं को सौगातः महिला दिवस के दिन पेश किए गए बजट में महिलाओं के लिए कुछ विशेष घोषणाएं की गई हैं. पवार ने कहा कि यदि महिलाओं के नाम से मकान की रजिस्ट्री कराई जाती है, तो स्टैम्प ड्यूटी में 1 प्रतिशत की छूट दी जाएगी. आगामी वित्त वर्ष से यह योजना लागू होगी.
ग्रामीण क्षेत्र की 12वीं तक की छात्राओं को उनके गांव से स्कूल जाने तक एसटी बसों से नि:शुल्क आने-जाने की योजना घोषित की गई है. इसे क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले योजना नाम दिया गया है. इसके लिए सरकार 1500 सीएनजी और हाईब्रीड बसें उपलब्ध कराएगी. बड़े शहरों में महिलाओं के लिए तेजस्विनी योजना के तहत चलाई जाने वाली बसों की संख्या में भी बढ़ोतरी की जाएगी.
इस तरह महंगी होगी शराबः बजट में शराब पर राज्य उत्पाद शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है. देसी शराब को दो श्रेणी ब्रांडेड और गैर-ब्रांडेड श्रेणी में रखा जाएगा. केवल ब्रांडेड देसी शराब पर विनिर्माण लागत का 220 प्रतिशत या 187 रुपए प्रति लीटर की दर से, जो भी ज्यादा हो, उत्पाद शुल्क लगाया जाएगा.
बजट की मुख्य बातेंः
स्वास्थ्य क्षेत्र की सेवाओं पर 7500 करोड़ रुपए होंगे खर्च किए जाएंगे
- कृषि, पशु संवर्धन, दुग्ध व्यवसाय और मत्स्य व्यवसाय विभाग के लिए 3274 करोड़
- जलसंपदा विभाग के लिए 12951 करोड़
- मदद एवं पुनर्वसन विभाग के लिए 11454 करोड़
- बुनियादी सुविधाओं से योजनाओं के लिए 7350 करोड़
- विभिन्न रेल परियोजनाओं के लिए 2570 करोड़
- ग्रामविकास विभाग की योजनाओं के लिए 6829 करोड़
- मानव संसाधन विकास विभाग की योजनाओं के लिए 1391 करोड़
- जलापूर्ति और सफाई विभाग 2533 करोड़ रु. आवंटित किए जाएंगे
- मुंबई की विकास योजनाओं के लिए 8420 करोड़
- उद्योग और श्रम विभाग की योजनाओं के लिए 321 करोड़
- उद्योगों को प्रोत्साहन अनुदान देने के लिए 3435 करोड़
- ऊर्जा विभाग को 9453 करोड़
- महिला और बालविकास विभाग की योजनाओं के लिए 2247 करोड़
- विधि और न्याय विभाग के लिए 482 करोड़
- अन्न, नागरी और ग्राहक सुरक्षा विभाग के लिए 321 करोड़
- गृह विभाग के लिए 1712 करोड़ रु. का प्रावधान किया गया है
- गृह निर्माण विभाग के लिए 931 करोड़ रु. प्रस्तावित
- पर्यटन और सांस्कृतिक कार्य विभाग के लिए 1367 करोड़
- प्राचीन मंदिरों के जतन और संवर्धन के लिए 101 करोड़
- सामाजिक न्याय और विशेष सहायता विभाग के लिए 2675 करोड़
- अनुसूचित जाति योजना के लिए 10635 करोड़
- आदिवासी विकास विभाग के लिए 9738 करोड़
- अन्य पिछड़ा बहुजन कल्याण विभाग को 3210 करोड़
- अल्पसंख्यक विकास विभाग के लिए 589 करोड़
- नियोजन (योजना) विभाग के लिए 4862 करोड़
- रोजगार गारंटी योजना के लिए 1231 करोड़
- वन विभाग के लिए 1723 करोड़
- पर्यावरण एवं जलवायु बदलाव विभाग के लिए 246 करोड़
- जिला वार्षिक योजना के लिए 11035 करोड़.