मद्रास उच्च न्यायालय ने बंपर-टू-बम्पर बीमा से जुड़ा अपना आदेश वापस लिया

By भाषा | Published: September 14, 2021 05:58 PM2021-09-14T17:58:29+5:302021-09-14T17:58:29+5:30

Madras High Court withdraws its order on bumper-to-bumper insurance | मद्रास उच्च न्यायालय ने बंपर-टू-बम्पर बीमा से जुड़ा अपना आदेश वापस लिया

मद्रास उच्च न्यायालय ने बंपर-टू-बम्पर बीमा से जुड़ा अपना आदेश वापस लिया

चेन्नई, 14 सितंबर मद्रास उच्च न्यायालय ने बीमा कंपनियों को एक सितंबर, 2021 से बेचे जाने वाले नए वाहनों का अनिवार्य रूप से पांच साल तक शत प्रतिशत नुकसान की भरपाई करने वाला संपूर्ण बीमा कराने का अपना आदेश वापस ले लिया। बीमा क्षेत्र के नियामक इरडई और अन्य ने दलील दी थी कि निर्देश को लागू करना असंभव है जिसके बाद उच्च न्यायालय ने यह फैसला लिया।

उच्च न्यायालय ने यह फैसला भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडई), जनरल इंश्योरेंस कंपनी (जीआईसी) और सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के वकीलों द्वारा दी गयी दलीलों के बाद लिया। वकीलों ने दलील दी थी कि निर्देश को लागू करना असंभव है।

सियाम ऑटोमोबाइल उद्योग से जुड़ा एक गैर लाभकारी संगठन है।

मद्रास उच्च न्यायालय ने इससे पहले अपने फैसले में कहा था कि एक सितंबर से बिकने वाले नये मोटर वाहनों का संपूर्ण बीमा (बंपर-टू-बंपर) अनिवार्य रूप से होना चाहिए। संपूर्ण बीमा यानी ‘बंपर-टू-बंपर’ बीमा में वाहन के फाइबर, धातु और रबड़ के हिस्सों सहित 100 प्रतिशत नुकसान का बीमा होता है।

न्यायमूर्ति एस वैद्यनाथन ने सोमवार को कहा, "अदालत को लगता है कि इस साल चार अगस्त को पैराग्राफ 13 में जारी निर्देश मौजूदा स्थिति में लागू करने के लिए शायद अनुकूल और उपयुक्त ना हो। इसलिए, उस पैराग्राफ में जारी उक्त निर्देश को इस समय वापस लिया जाता है।"

न्यायाधीश ने आशा व्यक्त की और भरोसा जताया कि सांसद इस पहलू पर गौर करेंगे और वाहनों के व्यापक कवरेज से संबंधित अधिनियम में उपयुक्त संशोधन की जरूरत पर ध्यान देंगे ताकि निर्दोष पीड़ितों की रक्षा की जा सके।

न्यायाधीश ने कहा कि निर्देश को वापस लेने के मद्देनजर संयुक्त परिवहन आयुक्त द्वारा इस संबंध में जारी 31 अगस्त का सर्कुलर भी रद्द किया जाता है।

वकीलों ने दलील दी थी कि बंपर टू बंपर पॉलिसी के कवरेज को अनिवार्य करने वाला आदेश वर्तमान कानूनी व्यवस्था में प्रभावी कार्यान्वयन के लिए तार्किक और आर्थिक रूप से व्यवहार्य नहीं हो सकता है।

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Web Title: Madras High Court withdraws its order on bumper-to-bumper insurance

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