विजय माल्या के प्रत्यर्पण पर सोमवार को आ सकता है बड़ा फैसला, लंदन रवाना हुई CBI और ED की टीमें
By स्वाति सिंह | Published: December 9, 2018 02:19 PM2018-12-09T14:19:42+5:302018-12-09T14:19:42+5:30
इससे पहले 22 नवंबर को स्विस बैंक यूबीएस द्वारा अपने कर्ज की वसूली के लिए जब्ती के खिलाफ उनकी कानूनी टीम द्वारा दी गई दलीलों को यूके हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था।
शराब कारोबारी और भारतीय बैंकों से कर्ज लेकर भागे विजय माल्या मामले की सुनवाई लंदन कोर्ट में चल रही है.इस सुनवाई में शामिल होने के लिए रविवार को सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ब्रिटेन रवाना हुई है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक टीम की अगुवाई सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर ए साई मनोहर कर रहे हैं। इससे पहले राकेश अस्थाना इस केस की जांच कर रहे थे।
इससे पहले 22 नवंबर को स्विस बैंक यूबीएस द्वारा अपने कर्ज की वसूली के लिए जब्ती के खिलाफ उनकी कानूनी टीम द्वारा दी गई दलीलों को यूके हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। बैंक ने गिरवी रखकर लिए गए 20.4 मिलियन पाउंड के कर्ज की अदायगी नहीं करने पर सेन्ट्रल लंदन के कॉर्नवॉल टेरेस स्थित संपत्ति को जब्त करने की मांग की थी।
A joint team of CBI and ED led by CBI Joint Director A Sai Manohar has left for UK for court proceedings there on India’s request seeking extradition of Vijay Mallya. Court is expected to pronounce its judgment on Monday. Earlier Rakesh Asthana was leading this case. pic.twitter.com/3lh0EafiSN
— ANI (@ANI) December 9, 2018
इस संपत्ति को यूके हाई कोर्ट में डॉ विजय माल्या, उनके परिवार और यूनाइटेड ब्रूवरीज ग्रुप कॉर्पोरेट गेस्ट के लिए उच्च वर्ग का मकान बताया गया था।हालांकि इस मामले में सुनवाई अगले वर्ष मई में तय है। हाई कोर्ट ने बुधवार को यूबीएस की अर्जी के पक्ष में फैसला दिया। वहीं यूबीएस ने अपने बयान में कहा, ‘‘यूबीएस निर्णय से खुश है। यह देखते हुए कि कार्रवाई चल रही है ऐसे में कोई टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।’’
उल्लेखनीय है कि विजय माल्या पर भारतीय बैंकों से करीब 6000 करोड़ से ज्यादा की रकम लेकर देश छोड़कर भागने का आरोप है। मामले को लेकर ब्रिटेन की हाईकोर्ट में मुकदमा चल रहा है। आमतौर पर कोर्ट में पेशी के लिए विजय माल्या के जाने के दौरान उनसे सवाल हो पाता है। लेकिन ज्यादातर मौके पर वे अपने जवाब बहुत ही बेरुखी देते थे। लेकिन अब उनके ऊपर हो रही कार्रवाई के बाद उनकी ऐंठन कम होती है या और बढ़ती है।