Lockdown Impact: मई में निर्यात 36.47 प्रतिशत घटा, व्यापार घाटा कम होकर 3.15 अरब डॉलर रहा

By भाषा | Published: June 16, 2020 04:45 AM2020-06-16T04:45:30+5:302020-06-16T04:45:30+5:30

लॉकडाउन के दौरान भारत में चावल, मसाला, लौह अयस्क और औषधि को छोड़कर शेष सभी 26 प्रमुख क्षेत्रों में मई में गिरावट दर्ज की गयी।

Lockdown Impact: Exports declined 36.47 percent in May, trade deficit narrowed to $ 3.15 billion | Lockdown Impact: मई में निर्यात 36.47 प्रतिशत घटा, व्यापार घाटा कम होकर 3.15 अरब डॉलर रहा

लॉकडाउन की वजह से आयात कम हुआ, जिससे बाजार पर पूरी तरह से असर हुआ (फाइल फोटो)

Highlightsदेश में आयात भी पिछले महीने 51 प्रतिशत घटकर 22.2 अरब डॉलर रहा। आयात कम होने से व्यापार घाटा घटकर 3.15 अरब डॉलर पर आ गया जो पिछले साल इसी महीने में 15.36 अरब डॉलर था।कोरोना की वजह से आपूर्ति व्यवस्था प्रभावित है और दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं में नरमी या मंदी की स्थिति है।

नयी दिल्ली: कोविड-19 के कारण कमजोर वैश्विक मांग से देश के निर्यात में लगातार तीसरे महीने गिरावट आयी है और मई महीने में यह 36.47 प्रतिशत घटकर 19.05 अरब डॉलर रहा। मुख्य रूप से पेट्रोलियम, कपड़ा, इंजीनियरिंग, रत्न एवं आभूषण के निर्यात में कमी के कारण कुल निर्यात घटा है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के सोमवार को जारी आंकड़े के अनुसार आयात भी पिछले महीने 51 प्रतिशत घटकर 22.2 अरब डॉलर रहा। इससे व्यापार घाटा घटकर 3.15 अरब डॉलर पर आ गया जो पिछले साल इसी महीने में 15.36 अरब डॉलर था। हालांकि आलोच्य माह में निर्यात में गिरावट अप्रैल के मुकाबले कम है। अप्रैल में इसमें 60.28 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।

लॉकडाउन के दौरान 26 प्रमुख क्षेत्रों में मई में गिरावट दर्ज की गई-

चावल, मसाला, लौह अयस्क और औषधि को छोड़कर शेष सभी 26 प्रमुख क्षेत्रों में मई में गिरावट दर्ज की गयी। आंकड़े के अनुसार रत्न एवं आभूषण में (-) 68.83 प्रतिशत, चमड़ा (-)75 प्रतिशत, पेट्रोलियम उत्पाद (-)68.46 प्रतिशत, इंजीनियरिंग सामान (-)24.25 प्रतिशत तथा सिले-सिलाये कपड़ों के निर्यात में (-)66.19 प्रतिशत की गिरावट आयी। मई में तेल आयात 71.98 प्रतिशत घटकर 3.49 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले इसी महीने में 12.44 अरब डॉलर था।

वहीं गैर-तेल आयात 43.13 प्रतिशत घटकर 18.71 अरब डॉलर रहा। परियोजना वस्तुएं, सल्फर और कच्च लोहा पाइराइट को छोड़कर सोना, चांदी, परिवहन उपकरण, कोयला, उर्वरक, मशीनरी, मशीन उपकरण समेत 28 प्रमुख आयात क्षेत्रों में गिरावट दर्ज की गयी। सोने का आयात भी मई में 98.4 प्रतिशत लुढ़क कर 7.631 करोड़ डॉलर का रहा। व्यापार आंकड़ों के बारे में व्यापार संवर्धन परिषद (टीपीसीआई) के चेयरमैन मोहित सिंगला ने कहा कि कोरोना वायरस महामरी से प्रभावित व्यापार के मामले में अब कुछ सकारात्मक चीजें हो रही हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘खाद्य पदार्थों की अनिवार्य वस्तु की प्रकृति के हिसाब से इसकी हमेशा से मांग रही है। हमें इसकी क्षमता का उपयोग करना चाहिए और देश की वृद्धि के लिये इसे और मजबूत बनाने के लिये रणनीति बनानी चाहिए।’’ निर्यात संगठनों का महासंघ (फियो) ने कहा कि मई महीने में अप्रैल की तुलना में निर्यात में गिरावट पर अंकुश लगा है। इसका कारण देश भर में इकाइयों में कामकाज का आंशिक रूप से शुरू होना है। अमेरिका और यूरोपीय संघ के बाजारों से आर्डर को लेकर पूछताछ हो रही है।

बाजार अब भी धीमा है-

फियो के अध्यक्ष शरद कुमार सर्राफ ने कहा, बाजार में ‘‘पुनरूद्धार अभी भी धीमा जान पड़ता है क्योंकि वैश्विक कारोबारी धारण अभी कमजोर है। आपूर्ति व्यवस्था प्रभावित है और दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं में नरमी या मंदी की स्थिति है।’’ उन्होंने रोजगार गहन क्षेत्रों के निर्यात में तीव्र गिरावट को लेकर गंभीर चिंता जतायी। इससे देश में रोजगार पर असर पड़ेगा क्योंकि घरेलू मांग की स्थिति भी अच्छी नहीं है।

चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों अप्रैल-मई में निर्यात 47.54 प्रतिशत घटकर 29.41 अरब डॉलर रहा। वहीं आयात भी 5.67 प्रतिशत घटकर 39.32 अरब डॉलर रहा। चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीने में व्यापार घाटा 9.91 अरब डॉलर रहा। वित्त वर्ष 2020-21 में तेल आयात 65.79 प्रतिशत घटकर 8.15 अरब डॉलर रहा जो पिछले साल इसी अवधि में 23.82 अरब डॉलर था। वित्त वर्ष 2011-12 से देश का निर्यात 300 अरब डॉलर के आसपास बना हुआ है। 2019-20 में 314.31 अरब डॉलर था जबकि 2018-19 में 330.08 अरब डॉलर था। 

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