बजट 2019ः सरकार की आमदनी कैसे होती है? जानिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर में अंतर
By आदित्य द्विवेदी | Published: January 25, 2019 05:12 PM2019-01-25T17:12:23+5:302019-01-25T17:14:33+5:30
बजट में इस्तेमाल होने वाले विभिन्न शब्दों और बजट प्रक्रिया से अपने पाठकों को अवगत कराने के लिए Lokmat News ने एक अहम पहल 'जानें अपना बजट' शुरू किया है। इस सीरीज में हम आपको बजट से जुड़ी विभिन्न शब्दों को आसान भाषा में समझाएंगे। आज जानिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर के बारे में...
अगले कुछ महीने में देश में आम चुनाव होने वाले हैं इसलिए सरकार इसबार अंतरिम बजट ही पेश करेगी। चुनाव होने के बाद नई सरकार की अंतिम बजट पेश करेगी। बजट केंद्र सरकार के वित्तीय लेनदेन की जानकारी देने वाली सबसे विस्तृत रिपोर्ट है। इसमें सरकार को सभी स्रोतों से प्राप्त होने वाले राजस्व और विभिन्न गतिविधियों के लिए आवंटित व्यय की जानकारी होती है। इसबार 1 फरवरी मोदी सरकार के इस कार्यकाल का आखिरी बजट पेश किया जाएगा।
बजट में इस्तेमाल होने वाले विभिन्न शब्दों और बजट प्रक्रिया से अपने पाठकों को अवगत कराने के लिए Lokmat News ने एक अहम पहल 'जानें अपना बजट' शुरू किया है। इस सीरीज में हम आपको बजट से जुड़ी विभिन्न शब्दों को आसान भाषा में समझाएंगे। आज जानिए कैसे होती है सरकार की आय? इसके अलावा हम आपको प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर के बारे में भी बताएंगे।
भारत एक लोकतांत्रिक देश है। यहां की सरकार का उद्देश्य सिर्फ धनार्जन नहीं बल्कि लोक कल्याण होता है। सरकार कुछ निर्धारित जरियों से कमाई करती है और उन्हें लोक कल्याण में खर्च करती है। वैसे तो सरकार की आय के कई स्रोत होते थे जिनमें कंपनी कर, आयकर, संघ उत्पाद शुल्क, सेवा और अन्य कर, सीमा शुल्क, उधारी और अन्य देनदारियां शामिल हैं। सरकार की आय के स्रोत को प्रमुख रूप से दो भागों में बांटा जा सकता है- प्रत्यक्ष कर और अप्रत्यक्ष कर।
प्रत्यक्ष कर (Direct Tax)
आपकी कमाई से सरकार सीधे जो टैक्स काट लेती है उसे प्रत्यक्ष कर कहते हैं। इसमें आयकर (Income Tax) और कॉरपोरेट टैक्स (Corporate Tax) शामिल हैं।
अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax)
ऐसे कर जो किसी वस्तु या सेवा के बदले आपसे अप्रत्यक्ष रूप से वसूले जाते हैं उन्हें अप्रत्यक्ष कर कहते हैं। जैसे- शॉपिंग, रेस्टोरेंट में खाना, यात्रा टिकट इत्यादि पर आपको टैक्स चुकाना पड़ता है। मोदी सरकार ने कई अलग-अलग अप्रत्यक्ष कर को एकल रूप देने के लिए वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Sevices Tax) लागू किया है।
बजट में सरकार साल भर में टैक्स से होने वाली आमदनी का अनुमान लगाती है और इसी के आधार पर सरकारी योजनाओं में खर्च का खाका तैयार करती है।