लागत बढ़ोतरी की वजह से इस्पात उत्पादों पर अधिभार लगा सकती है जेएसडब्ल्यू स्टील

By भाषा | Updated: October 24, 2021 12:39 IST2021-10-24T12:39:09+5:302021-10-24T12:39:09+5:30

JSW Steel may impose surcharge on steel products due to cost escalation | लागत बढ़ोतरी की वजह से इस्पात उत्पादों पर अधिभार लगा सकती है जेएसडब्ल्यू स्टील

लागत बढ़ोतरी की वजह से इस्पात उत्पादों पर अधिभार लगा सकती है जेएसडब्ल्यू स्टील

(अभिषेक सोनकर)

नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर उत्पादन लागत में बढ़ोतरी की भरपाई को जेएसडब्ल्यू स्टील दीर्घावधि के मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम)

के लिए अपने इस्पात उत्पादों की बिक्री पर अधिभार लगाने की तैयारी कर रही है। कंपनी के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

यदि ऐसा होता है, तो जेएसडब्ल्यू स्टील घरेलू इस्पात बाजार में अधिभार की अवधारणा शुरू करने वाली पहली कंपनी होगी।

जेएसडब्ल्यू स्टील के संयुक्त प्रबंध निदेशक एवं समूह मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) शेषागिरी राव ने कहा कि उत्पादन की लागत पर भारी दबाव है। जुलाई-सितंबर में तिमाही आधार पर प्रति टन इस्पात उत्पादन की लागत 19 प्रतिशत या 6,600 रुपये बढ़ी है।

उन्होंने पीटीआई-भाषा से साक्षात्कार में कहा कि कोकिंग कोयले की कीमत भी सिर्फ चार सप्ताह में 120 डॉलर प्रति टन से 400 डॉलर प्रति टन हो गई है। यह इस्पात विनिर्माण का प्रमुख कच्चा माल है।

यह पूछे जाने जाने पर कि क्या कंपनी उत्पादन लागत में बढ़ोतरी का बोझ शुल्क या अधिभार के रूप में उपभोक्ताओं पर डालने पर विचार कर रही है, उन्होंने इसका जवाब ‘हां’ में दिया।

राव ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर जो हो रहा है हम काफी समय से उसपर काम कर रहे हैं। कोकिंग कोयले का दाम चार सप्ताह में ही 120 डॉलर प्रति टन से चार गुना होकर 400 डॉलर प्रति टन हो गया है।’’

उन्होंने कहा कि इस तरह का उतार-चढ़ाव झेलना किसी इस्पात कंपनी के लिए संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि यूरोप में एक इस्पात कंपनी ने 50 यूरो का अधिभार लगाया है। वहीं ब्रिटेन की एक कंपनी 25 पाउंड के दो अधिभार वसूल रही है।

उन्होंने कहा कि अधिभार की अवधारणा बेशक भारतीय बाजार के लिए नई है, लेकिन वैश्विक बाजारों में यह पहले से है।

यह पूछे जाने पर कि क्या भारत के मूल्य संवेदनशील बाजार में अधिभार लगाना व्यावहारिक होगा, राव ने कहा कि हम अपने उपभोक्ताओं को भरोसे में लेंगे। ‘‘उतार-चढ़ाव की वजह से हम उपभोक्ताओं से इस मसले पर बातचीत करेंगे।’’

राव ने बताया कि इस्पात की बिक्री तीन खंडों ओईएम, खुदरा और निर्यात में की जाती है। खुदरा बाजार में पहले ही रोजाना कीमतों में उतार-चढ़ाव हो रहा है। ऐसे में वहां अधिभार काम नहीं करेगा। वहीं निर्यात के मामले में कीमतें अन्य बाजारों के हिसाब से तय होती हैं।

तीसरा खंड ओईएम है जिसके साथ हमारे दीर्घावधि के संबंध होते हैं। वहां अधिभार लगाया जा सकता है।

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Web Title: JSW Steel may impose surcharge on steel products due to cost escalation

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