अमेरिकी प्रतिबंध पर बोले विदेश मंत्री जयशंकर, तेल आयात नहीं करने को लेकर भारत से निराश नहीं है ईरान

By भाषा | Published: October 2, 2019 01:56 PM2019-10-02T13:56:17+5:302019-10-02T13:56:17+5:30

चाबहार बंदरगाह ईरान के सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत में हिंद महासागर में स्थित है। इसे मध्य एशियाई देशों के साथ कारोबार के लिए भारत, ईरान और अफगानिस्तान को स्वर्णिम अवसर मुहैया कराने वाले द्वार के तौर पर देखा जाता है।

Iran is not disappointed with India for not importing oil says s Jaishankar | अमेरिकी प्रतिबंध पर बोले विदेश मंत्री जयशंकर, तेल आयात नहीं करने को लेकर भारत से निराश नहीं है ईरान

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Highlightsकड़े अमेरिकी प्रतिबंधों के मद्देनजर ईरान से तेल नहीं खरीदने पर भारत से तेहरान के निराश होने की खबरों को खारिज कर दिया।विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि ईरान के साथ भारत के मजबूत राजनीतिक एवं सांस्कृतिक संबंध हैं जहां वह एक रणनीतिक बंदरगाह का भी संचालन करता है।

कड़े अमेरिकी प्रतिबंधों के मद्देनजर ईरान से तेल नहीं खरीदने पर भारत से तेहरान के निराश होने की खबरों को खारिज करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि ईरान के साथ भारत के मजबूत राजनीतिक एवं सांस्कृतिक संबंध हैं जहां वह एक रणनीतिक बंदरगाह का भी संचालन करता है।

उल्लेखनीय है कि चाबहार बंदरगाह ईरान के सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत में हिंद महासागर में स्थित है। इसे मध्य एशियाई देशों के साथ कारोबार के लिए भारत, ईरान और अफगानिस्तान को स्वर्णिम अवसर मुहैया कराने वाले द्वार के तौर पर देखा जाता है।

जयशंकर ने ‘यूएस इंडिया स्ट्रैटेजिक एंड पार्टनरशिप फोरम’ के कार्यक्रम में मंगलवार को कहा, ‘‘मैं आपकी इस बात से असहमत हूं कि ईरान निराश है। मेरा मानना है कि ईरानी वास्तविक सोच रखते हैं। वे और हम एक वृहद वैश्विक स्थिति में काम कर रहे हैं। मैं जिस दुनिया में रहता हूं, उसमें हम एक-दूसरे की मजबूरियों और संभावनाओं को समझते हैं।’’

ईरान से तेल नहीं खरीदने के भारत के फैसले पर ईरानियों के निराश होने के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में जयशंकर ने यह प्रतिक्रिया की। उन्होंने खाड़ी में अस्थिरता पर चिंता जताते हुए कहा, ‘‘हमारे नजरिए से असल समस्या यह है कि मुझे किस प्रकार किफायती एवं समय पर तेल एवं गैस की आपूर्ति मिलेगी? अभी तक यह संभव था।’’

जयशंकर ने कहा कि ईरान के संदर्भ में भारत की दो चिंताएं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी चिंता यह है कि हम ऊर्जा का आयात करने वाली एक बड़ी अर्थव्यवस्था हैं और हमारे लिए किफायती एवं समय पर ऊर्जा हासिल करना बहुत महत्वपूर्ण है। हमें बार बार यह भरोसा दिलाया गया है कि यह होगा। इसलिए हम इस मानक के साथ क्षेत्र के पास जाएंगे कि हमें ऐसे समाधान की आवश्यकता है जो हमारे लिए कारगर हो।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे (ईरान के साथ) मजबूत राजनीतिक संबंध हैं। हमारे बीच सांस्कृतिक संबंध हैं। हम उनके साथ काम करते हैं। हम उस देश में वास्तव में बंदरगाह का संचालन करते हैं, जिससे अफगानिस्तान को लाभ होता है।’’

जयशंकर ने कहा कि ऊर्जा, प्रेषण और सुरक्षा या उस क्षेत्र से पैदा होने वाली कट्टरपंथ की चुनौतियों के संदर्भ में भी खाड़ी महत्वपूर्ण है। भारत के लिए इराक और सऊदी अरब के बाद ईरान अब तक तेल का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक था।

Web Title: Iran is not disappointed with India for not importing oil says s Jaishankar

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