14 माह में पहली बार महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक के दायरे से बाहर?, अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 6.21 प्रतिशत, पहुंच से दूर सब्जी और तेल!

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 12, 2024 04:37 PM2024-11-12T16:37:04+5:302024-11-12T18:31:26+5:30

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों से पता चलता है कि खाद्य वस्तुओं में मुद्रास्फीति अक्टूबर में बढ़कर 10.87 प्रतिशत हो गई, जो सितंबर में 9.24 प्रतिशत और पिछले साल अक्टूबर में 6.61 प्रतिशत थी।

Inflation For first time in 14 months inflation rate outside scope Reserve Bank of India rbi Retail inflation rises to 6-21 percent in October vegetables and oil out of reach | 14 माह में पहली बार महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक के दायरे से बाहर?, अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 6.21 प्रतिशत, पहुंच से दूर सब्जी और तेल!

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Highlightsपिछले साल इसी महीने में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति 4.87 प्रतिशत थी।सरकार ने केंद्रीय बैंक को मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत घट-बढ़) पर रखने की जिम्मेदारी दी हुई है।खुदरा मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर के ऊपर निकल गई है।

नई दिल्लीः उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अक्टूबर में बढ़कर 6.21 प्रतिशत हो गई, जो इससे पिछले महीने यानी सितंबर में 5.49 प्रतिशत थी। मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने से खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ी है। इस तरह खुदरा मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर के ऊपर निकल गई है। पिछले साल इसी महीने में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति 4.87 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों से पता चलता है कि खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति अक्टूबर में बढ़कर 10.87 प्रतिशत हो गई, जो सितंबर में 9.24 प्रतिशत और पिछले साल अक्टूबर में 6.61 प्रतिशत थी।

आरबीआई ने पिछले महीने नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा था। सरकार ने केंद्रीय बैंक को मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत घट-बढ़) पर रखने की जिम्मेदारी दी हुई है। खुदरा मुद्रास्फीति पिछले साल सितंबर से आरबीआई के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से नीचे चल रही थी। अगस्त, 2023 में यह 6.83 प्रतिशत पर थी।

एनएसओ ने कहा, “अक्टूबर, 2024 के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 6.21 प्रतिशत है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए मुद्रास्फीति की दर क्रमशः 6.68 प्रतिशत और 5.62 प्रतिशत है।” एनएसओ के आंकड़ों से पता चलता है कि अक्टूबर, 2024 के दौरान ‘दालों और इसके उत्पादों’, अंडे, ‘चीनी और कन्फेक्शनरी’ और मसालों के उपसमूह में मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई। एनएसओ ने कहा, “अक्टूबर, 2024 में उच्च खाद्य मुद्रास्फीति मुख्य रूप से सब्जियों, फलों और तेलों और वसायुक्त वस्तुओं की मुद्रास्फीति में वृद्धि के कारण हैं।”

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि सीपीआई मुद्रास्फीति चिंताजनक रूप से बढ़कर अक्टूबर, 2024 में 14 महीने के उच्चस्तर पर पहुंच गई, जो मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की मध्यम अवधि लक्ष्य सीमा चार प्रतिशत (दो प्रतिशत घट-बढ़) से अधिक है।

उन्होंने कहा, “मुद्रास्फीति में क्रमिक वृद्धि मुख्य रूप से खाद्य और पेय पदार्थ खंड के कारण हुई, जिसके बाद मुख्य वस्तुओं में हल्की वृद्धि हुई।” नायर ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर को पार कर गई है और चालू वित्त वर्ष (2024-25) की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के लिए एमपीसी के अनुमान से कम से कम 0.6-0.7 प्रतिशत अधिक रहने की आशंका है। इससे एमपीसी की आगामी बैठक में रेपो दर में कटौती की संभावनाएं समाप्त हो गई हैं। उन्होंने कहा, “हमारा अनुमान है कि 0.5 प्रतिशत का दर कटौती चक्र फरवरी, 2025 या उसके बाद शुरू हो सकता है।”

Web Title: Inflation For first time in 14 months inflation rate outside scope Reserve Bank of India rbi Retail inflation rises to 6-21 percent in October vegetables and oil out of reach

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