India Retail Inflation: नए साल से पहले राहत की खबर, जानें नवंबर में क्या-क्या चीजें सस्ती?, देखें खुदरा मुद्रास्फीति रिपोर्ट
By सतीश कुमार सिंह | Published: December 12, 2024 05:39 PM2024-12-12T17:39:02+5:302024-12-12T17:39:54+5:30
India Retail Inflation Live: सितंबर में 5.5 प्रतिशत और अक्टूबर, 2024 में 6.2 प्रतिशत हो गई। यह सितंबर, 2023 के बाद से सबसे अधिक है।
India Retail Inflation Live: नए साल से पहले मीडिल क्लास को राहत की खबर है। मुद्रास्फीति में नरमी से नए केंद्रीय बैंक प्रमुख संजय मल्होत्रा राहत दे सकते हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक ने लगभग दो वर्षों से ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। विश्लेषकों को उम्मीद है कि मल्होत्रा मौद्रिक नीति के प्रति नरम रुख अपनाएंगे और अगले साल की शुरुआत में नरमी शुरू करेंगे। नवंबर, 2024 में महंगाई दर में फिर से गिरावट आई है। खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर में घटकर 5.48 प्रतिशत पर आ गई है। अक्टूबर में यह 6.21 प्रतिशत के स्तर पर थी। इसकी मुख्य वजह खाद्य पदार्थों खासकर सब्जियों की कीमतों में नरमी है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति घटकर 9.04 प्रतिशत रह गई।
अक्टूबर में यह 10.87 प्रतिशत और नवंबर 2023 में 8.70 प्रतिशत थी। एनएसओ ने कहा, ‘‘ नवंबर, 2024 में सब्जियों, दालों चीनी व मिष्ठान्न, फलों, अंडे, दूध, मसालों, परिवहन व संचार और व्यक्तिगत देखभाल संबंधी उत्पादों की मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट आई।’’ सीपीआई आधारित कुल मुद्रास्फीति जुलाई-अगस्त के दौरान औसतन 3.6 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर में 5.5 प्रतिशत और अक्टूबर, 2024 में 6.2 प्रतिशत हो गई। यह सितंबर, 2023 के बाद से सबसे अधिक है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए मुद्रास्फीति अनुमान को पिछले सप्ताह 4.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.8 प्रतिशत कर दिया थी। साथ ही केंद्रीय बैंक ने खाद्य कीमतों पर दबाव से दिसंबर तिमाही में कुल मुद्रास्फीति के ऊंचे स्तर पर बने रहने की आशंका भी जाहिर की थी।
वाहन कलपुर्जा उद्योग पहली छमाही में 11 प्रतिशत बढ़कर 3.32 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा
वाहन कलपुर्जा उद्योग चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में सालाना आधार पर 11 प्रतिशत बढ़कर 3.32 लाख करोड़ रुपये हो गया। उद्योग निकाय एक्मा ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। पिछले साल की समान अवधि में वाहन कलपुर्जा उद्योग 2.98 लाख करोड़ रुपये का था। भारतीय वाहन कलपुर्जा विनिर्माता संघ (एक्मा) की अध्यक्ष श्रद्धा सूरी मारवाह ने कहा कि सभी खंडों में वाहनों की बिक्री महामारी-पूर्व स्तर पर पहुंच गई है और निर्यात के मोर्चे पर भू-राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद वाहन कलपुर्जा क्षेत्र ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों में लगातार वृद्धि देखी है।
उन्होंने कहा कि त्योहारी मौसम में वाहन उद्योग के अधिकांश खंडों में अच्छी बिक्री हुई। हालांकि, वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों में दोपहिया वाहनों ने आशाजनक वृद्धि दिखाई है वहीं यात्री वाहनों और वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री अपेक्षाकृत मध्यम रही है। मारवाह ने कहा कि कलपुर्जा उद्योग घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों ग्राहकों के लिए प्रासंगिक बने रहने के लिए मूल्य संवर्धन, प्रौद्योगिकी उन्नयन और स्थानीयकरण के उद्देश्यों के लिए निवेश जारी रखे हुए है।
एक्मा के महानिदेशक विन्नी मेहता ने कहा कि पहली छमाही में निर्यात सात प्रतिशत बढ़कर 11.1 अरब डॉलर हो गया जबकि आयात चार प्रतिशत बढ़कर 11 अरब डॉलर रहा। इस दौरान घरेलू बाजार में वाहन विनिर्माताओं को कलपुर्जों की आपूर्ति 11 प्रतिशत बढ़कर 2.83 लाख करोड़ रुपये हो गई।
अक्टूबर में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर धीमी होकर 3.5 प्रतिशत पर
खनन, बिजली और विनिर्माण क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन की वजह से इस साल अक्टूबर में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर घटकर 3.5 प्रतिशत रह गई। बृहस्पतिवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के संदर्भ में मापा जाने वाला औद्योगिक उत्पादन पिछले साल इसी महीने में 11.9 प्रतिशत की दर से बढ़ा था।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि देश का औद्योगिक उत्पादन अक्टूबर, 2024 में 3.5 प्रतिशत बढ़ा है। इसके पहले सितंबर महीने में यह 3.1 प्रतिशत बढ़ा था। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन अक्टूबर में 4.1 प्रतिशत बढ़ा, जबकि एक साल पहले इसी महीने में इसमें 10.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
अक्टूबर, 2024 में खनन उत्पादन में 0.9 प्रतिशत और बिजली उत्पादन में दो प्रतिशत की वृद्धि हुई। इस तरह चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-अक्टूबर अवधि में औद्योगिक उत्पादन में चार प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में औद्योगिक उत्पादन सात प्रतिशत बढ़ा था। आंकड़ों के अनुसार, खनन उत्पादन की वृद्धि अक्टूबर में घटकर 0.9 प्रतिशत रह गई, जबकि एक साल पहले इसी महीने में इसमें 13.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि अक्टूबर में घटकर 4.1 प्रतिशत रह गई, जबकि एक साल पहले इसी महीने में इसमें 10.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
इसी तरह, बिजली उत्पादन में वृद्धि भी एक साल पहले की 20.4 प्रतिशत वृद्धि से गिरकर दो प्रतिशत रह गई। उपयोग-आधारित वर्गीकरण के मुताबिक, पूंजीगत उत्पाद खंड की वृद्धि दर इस साल अक्टूबर में घटकर 3.1 प्रतिशत रह गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 21.7 प्रतिशत थी।
अक्टूबर में गैर-टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं के उत्पादन की वृद्धि दर धीमी होकर 2.7 प्रतिशत रह गई, जबकि साल भर पहले की समान अवधि में यह 9.3 प्रतिशत बढ़ा था। टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं के उत्पादन में समीक्षाधीन माह के दौरान 5.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि अक्टूबर, 2023 में यह 15.9 प्रतिशत बढ़ा था।
आंकड़ों से पता चलता है कि बुनियादी ढांचे/ निर्माण वस्तुओं की वृद्धि दर चार प्रतिशत रही जो एक साल पहले की समान अवधि में 12.6 प्रतिशत थी। इस दौरान प्राथमिक वस्तुओं के उत्पादन में 2.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 11.4 प्रतिशत बढ़ा था। समीक्षाधीन माह में मध्यवर्ती वस्तु खंड में 3.7 प्रतिशत वृद्धि हुई, जो एक साल पहले की समान अवधि के 9.5 प्रतिशत से कम है।