कोरोना काल में आर्थिक मंदी के बीच भारत के विदेश मुद्रा भंडार ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, पहली बार 500 अरब डॉलर के पार

By भाषा | Published: June 13, 2020 08:41 PM2020-06-13T20:41:00+5:302020-06-13T20:41:00+5:30

आंकड़ों के मुताबिक पांच जून को समाप्त सप्ताह में 8.22 अरब डॉलर का इजाफा हुआ और इस वजह से विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 501.70 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।

india forex reserves cross 500 billion dollar mark first time | कोरोना काल में आर्थिक मंदी के बीच भारत के विदेश मुद्रा भंडार ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, पहली बार 500 अरब डॉलर के पार

कोरोना काल में आर्थिक मंदी के बीच भारत के विदेश मुद्रा भंडार ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, पहली बार 500 अरब डॉलर के पार

Highlightsपिछले सात हफ्तों में, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने फेसबुक और केकेआर सहित आठ निवेशकों को जियो में हिस्सेदारी बेचकर 97,886 करोड़ रुपये जुटाये हैं।प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में 2019-20 में 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी। यह पिछले चार वित्त वर्ष के दौरान एफडीआई में आया सबसे तेज उछाल है।

मुंबई: विदेशी निवेश में तेजी के चलते पांच जून को सप्ताह सप्ताह में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 8.22 अरब डॉलर की जोरदार वृद्धि हुई। इसके दम पर देश का विदेशी मुद्रा भंडार इतिहास में पहली बार 500 अरब डॉलर के स्तर को पार कर गया। रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों में इसकी जानकारी मिली। आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा आस्तियों में तेज वृद्धि के कारण आलोच्य सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 501.70 अरब डॉलर पर पहुंच गया। यह भंडार एक साल के आयात जरूरतों को पूरा करने के बराबर है। इससे पहले 29 मई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 3.44 अरब डॉलर बढ़कर 493.48 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। पांच जून को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियों में 3.44 अरब डॉलर की वृद्धि हुई और यह 493.48 अरब डॉलर पर पहुंच गई।

विदेशी मुद्रा भंडार का 500 अरब डॉलर के पार हो जाना देश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण- वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी

विदेशी मुद्रा भंडार में सर्वाधिक योगदान विदेशी मुद्रा आस्तियों का होता है। विदेशी मुद्रा भंडार को डॉलर के संदर्भ में गिना जाता है। हालांकि, इसमें यूरो, पाउंड, येन जैसी अन्य मुद्राएं भी शामिल होती हैं। कुल भंडार पर इन मुद्राओं के उतार व चढ़ाव का भी असर पड़ता है।

(प्रतीकात्मक तस्वीर)
(प्रतीकात्मक तस्वीर)

वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, विदेशी मुद्रा भंडार का 500 अरब डॉलर के पार हो जाना देश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। अधिकारी ने कहा, "मार्च 2020 के बाद, लगभग 24 अरब डॉलर की वृद्धि होना भारतीय अर्थव्यवस्था में विश्वास का प्रतीक है।" केयर रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार में इस उछाल का एक कारण चालू खाता घाटा कम होना है।

उन्होंने कहा, "दूसरी बात यह है कि हम पूंजी प्रवाह में काफी वृद्धि देख रहे हैं। वित्तीय संकट के कारण बैंक ऋण देने के लिये उत्साहित नहीं हैं। ऐसे में अधिकांश कंपनियां धन जुटाने के लिये बाहरी वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) का तरीका अपनाने की कोशिश कर रही हैं।"

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में सबसे तेज उछाल

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में 2019-20 में 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी। यह पिछले चार वित्त वर्ष के दौरान एफडीआई में आया सबसे तेज उछाल है। इसके दम पर एफडीआई 2018-19 के 44.36 अरब डॉलर के मुकाबले बढ़कर 2019-20 में 49.97 अरब डॉलर पर पहुंच गया। जून के पहले सप्ताह में, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने बड़े पैमाने पर 18,589 करोड़ रुपये भारतीय बाजारों में डाले। रिलायंस इंडस्ट्रीज के राइट्स इश्यू और कोटक महिंद्रा बैंक में उदय कोटक की 2.8 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री ने महत्वपूर्ण विदेशी निवेश आकर्षित किया है।

(प्रतीकात्मक तस्वीर)
(प्रतीकात्मक तस्वीर)

इनके अलावा, पिछले सात हफ्तों में, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने फेसबुक और केकेआर सहित आठ निवेशकों को जियो में हिस्सेदारी बेचकर 97,886 करोड़ रुपये जुटाये हैं। पांच जून को समाप्त सप्ताह में, सोने के भंडार में 32.9 करोड़ डॉलर की गिरावट आयी और यह 32.35 अरब डॉलर रह गया। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ विशेष आहरण अधिकार एक करोड़ डॉलर बढ़कर 1.44 अरब डॉलर हो गया। आईएमएफ के पास देश की आरक्षित स्थिति भी समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान 12 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.28 अरब डॉलर हो गई। 

Web Title: india forex reserves cross 500 billion dollar mark first time

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