Income Tax: आयकर विभाग ने एक सप्ताह में 3 बड़े छापे मारे, पवन मुंजाल, निरंजन हीरानंदानी और ओमेक्स ग्रुप शामिल, बेहिसाब संपत्ति बरामद
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 23, 2022 01:21 PM2022-03-23T13:21:54+5:302022-03-23T13:23:15+5:30
Income Tax: आयकर विभाग के अधिकारियों की टीम कंपनी और उसके प्रवर्तकों के वित्तीय दस्तावेजों एवं अन्य कारोबारी लेनदेन की पड़ताल कर रही है।
Income Tax: आयकर विभाग ने कर-वंचना के मामले में देश की अग्रणी दोपहिया विनिर्माता हीरो मोटोकॉर्प के कई परिसरों पर छापेमारी की है। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि हीरो मोटोकॉर्प समूह के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी पवन मुंजाल और अन्य प्रवर्तकों के कार्यालय एवं आवासीय परिसरों पर छापे मारे गए हैं।
यह छापेमारी गुरुग्राम, दिल्ली और अन्य शहरों में स्थित कंपनी परिसरों पर की जा रही है। आयकर विभाग के अधिकारियों की टीम कंपनी और उसके प्रवर्तकों के वित्तीय दस्तावेजों एवं अन्य कारोबारी लेनदेन की पड़ताल कर रही है। यह कार्रवाई कर-वंचना को लेकर चल रही जांच के सिलसिले में की गई है।
आयकर विभाग की इस कार्रवाई के बारे में अभी तक हीरो मोटोकॉर्प की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। वर्ष 2001 में दुनिया की अग्रणी दोपहिया वाहन विनिर्माता बन जाने वाली कंपनी लगातार 20 वर्षों से इस मुकाम पर बनी हुई है। अभी तक हीरो मोटोकॉर्प ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में 10 करोड़ से अधिक वाहनों की बिक्री की है। पवन मुंजाल की अगुआई वाली हीरो मोटोकॉर्प की एशिया, अफ्रीका, दक्षिण एवं मध्य अमेरिका के 40 देशों में मौजूदगी है।
हीरानंदानी समूह से जुड़े मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई में 25 स्थानों पर तलाशी
आयकर विभाग निरंजन हीरानंदानी के नेतृत्व में मुंबई स्थित हीरानंदानी समूह से जुड़े मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई में 25 स्थानों पर तलाशी ली। कर प्राधिकरण के सूत्रों ने कहा कि तलाशी कथित कर चोरी के विभिन्न मुद्दों से संबंधित है, जिसमें परिवार के स्वामित्व वाले ट्रस्ट सहित विदेशी संपत्ति भी शामिल है।
द पेंडोरा पेपर्स के रिकॉर्ड में सामने आया है। कर प्राधिकरण निरंजन हीरानंदानी के भाई सुरेंद्र हीरानंदानी से जुड़े परिसरों की भी तलाशी ली। पेंडोरा पेपर्स रिकॉर्ड के अनुसार, निरंजन और उनके परिवार के प्रमुख सदस्य बीवीआई-आधारित सॉलिटेयर ट्रस्ट के लाभार्थी थे, जिनकी संपत्ति $ 60 मिलियन से अधिक थी।
आयकर विभाग ने ओमेक्स समूह पर छापेमारी में 3,000 करोड़ रुपये के बेहिसाबी नकद लेनदेन का पता लगाया
आयकर विभाग ने रियल एस्टेट समूह ओमेक्स द्वारा ग्राहकों के साथ 3,000 करोड़ रुपये से अधिक के ‘बेहिसाबी’ नकद लेनदेन का पता लगाया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि विभाग को इस बेहिसाबी लेनदेन के बारे में कुछ ‘साक्ष्य’ मिले हैं।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि उसने उत्तर भारत के एक अग्रणी रियल एस्टेट समूह के परिसरों पर 14 मार्च को छापेमारी की थी। इसमें कहा गया, ‘‘छापेमारी की कार्रवाई दिल्ली-एनसीआर, चंडीगढ़, लुधियाना, लखनऊ और इंदौर में 45 से अधिक परिसरों पर की गई।’’
अधिकारियों ने कहा कि छापेमारी की कार्रवाई जिस पर की गई वह ओमेक्स समूह है। सीबीडीटी ने कहा, ‘‘छापेमारी में 25 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी, पांच करोड़ रुपये के आभूषण जब्त किए गए और 11 लॉकरों पर रोक लगाई गई। तलाशी के दौरान दस्तावेजों और डिजिटल डेटा समेत बड़ी संख्या में ऐसे साक्ष्य मिले जो अपराध में संलिप्तता दर्शाते हैं।’’
अधिकारियों ने बताया कि जब्त किए गए दस्तावेजों से समूह द्वारा अपने ग्राहकों के साथ 10 साल से अधिक के बेहिसाबी नकद लेनदेन की जानकारी मिली है। बयान में कहा गया, ‘‘इस तरह के 3,000 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन के सबूत मिले हैं।’’
आयकर विभाग ने महाराष्ट्र के स्टार्टअप समूह पर छापेमारी में 224 करोड़ रुपये के काले धन का पता लगाया
आयकर विभाग ने महाराष्ट्र के यूनिकॉर्न स्टार्टअप इंफ्रा डॉट मार्केट पर हाल में छापेमारी की थी जिसके बाद विभाग ने लगभग 224 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति का पता लगाया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की ओर से रविवार को यह जानकारी दी गई। विभाग ने एक बयान में कहा कि छापेमारी की कार्रवाई नौ मार्च को महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में 23 परिसरों पर की गई। इसमें बताया गया कि इस समूह की स्थापना सौविक सेनगुप्ता और आदित्य शारदा ने 2016 में की थी और यह निर्माण सामग्री की थोक और खुदरा बिक्री का काम करता है।
समूह का सालाना 6,000 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार है। अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी इंफ्रा डॉट मार्केट समूह पर की गई है। सीबीडीटी ने बताया कि अब तक एक करोड़ रुपये की अघोषित नकदी और 22 लाख रुपये के आभूषण बरामद किए गए हैं। बयान के मुताबिक, यह पाया गया कि समूह ने खातों में फर्जी खरीदारी दर्ज की।
इसके अलावा समूह ने बेहिसाबी नकदी जमा की, ये सब मिलाकर 400 करोड़ रुपये से अधिक है। सीबीडीटी ने कहा, ‘‘ये साक्ष्य सामने रखकर समूह के निदेशकों से पूछताछ की गई जिसमें उन्होंने विभिन्न आकलन वर्षों में 224 करोड़ रुपये से अधिक की अतिरिक्त आय का खुलासा किया। उन्होंने इसके बाद बकाया कर देनदारी के भुगतान की पेशकश की।’’ जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि समूह ने मॉरीशस मार्ग से काफी ऊंचे प्रीमियम पर शेयर जारी कर विदेशी कोष भी जुटाया। सीबीडीटी ने कहा कि मुंबई और ठाणे की मुखौटा कंपनियों के एक ‘जटिल’ हवाला नेटवर्क का भी पता चला है।