यदि लेनदेन शुल्क लगाया गया तो क्या UPI का इस्तेमाल बंद कर देंगे यूजर्स, जानिए क्या कहता है सर्वे

By भाषा | Published: September 23, 2024 02:32 PM2024-09-23T14:32:40+5:302024-09-23T14:36:01+5:30

सर्वेक्षण के अनुसार, 38 प्रतिशत उपयोगकर्ता अपना 50 प्रतिशत भुगतान लेनदेन डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड या किसी अन्य प्रकार के डिजिटल माध्यम के बजाय यूपीआई के जरिये करते हैं। 

If transaction fee is imposed 75 percent users will stop using UPI says survey | यदि लेनदेन शुल्क लगाया गया तो क्या UPI का इस्तेमाल बंद कर देंगे यूजर्स, जानिए क्या कहता है सर्वे

यदि लेनदेन शुल्क लगाया गया तो क्या UPI का इस्तेमाल बंद कर देंगे यूजर्स, जानिए क्या कहता है सर्वे

Highlightsयूपीआई सेवा पर यदि किसी तरह का लेनदेन शुल्क लगाया जाता है, तो 75 प्रतिशत उपयोगकर्ता इसका इस्तेमाल बंद कर देंगे।'लोकलसर्किल्स' के रविवार को जारी एक सर्वेक्षण में यह निष्कर्ष निकाला गया है।सर्वे कहता है कि सिर्फ 22 प्रतिशत यूपीआई उपयोगकर्ता भुगतान पर लेनदेन शुल्क का बोझ उठाने को तैयार हैं।

नई दिल्ली: यूपीआई सेवा पर यदि किसी तरह का लेनदेन शुल्क लगाया जाता है, तो 75 प्रतिशत उपयोगकर्ता इसका इस्तेमाल बंद कर देंगे। 'लोकलसर्किल्स' के रविवार को जारी एक सर्वेक्षण में यह निष्कर्ष निकाला गया है। सर्वेक्षण के अनुसार, 38 प्रतिशत उपयोगकर्ता अपना 50 प्रतिशत भुगतान लेनदेन डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड या किसी अन्य प्रकार के डिजिटल माध्यम के बजाय यूपीआई के जरिये करते हैं। 

सर्वे कहता है कि सिर्फ 22 प्रतिशत यूपीआई उपयोगकर्ता भुगतान पर लेनदेन शुल्क का बोझ उठाने को तैयार हैं। वहीं 75 प्रतिशत लोगों ने कहा कि अगर लेनदेन शुल्क लगाया जाता है, तो वे यूपीआई का उपयोग करना बंद कर देंगे। यह सर्वे तीन व्यापक क्षेत्रों पर किया गया है। इसमें 308 जिलों से 42,000 प्रतिक्रियाएं मिली हैं। हालांकि प्रत्येक प्रत्येक प्रश्न पर उत्तरों की संख्या अलग-अलग थी। 

यूपीआई पर लेनदेन शुल्क से संबंधित प्रश्न को लेकर 15,598 प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने 2023-24 में इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में लेन-देन की मात्रा में रिकॉर्ड 57 प्रतिशत और मूल्य में 44 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। पहली बार किसी वित्त वर्ष में यूपीआई लेन-देन 100 अरब को पार कर गया है। यह 2023-24 में 131 अरब रहा, जबकि 2022-23 में यह 84 अरब था। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि मूल्य के लिहाज से यह 1,39,100 अरब रुपये से बढ़कर 1,99,890 अरब रुपये पर पहुंच गया है। सर्वे के अनुसार, 37 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने मूल्य के लिहाज से अपने कुल भुगतान के 50 प्रतिशत से अधिक के लिए यूपीआई लेन-देन खातों को साझा किया। सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है, 'यूपीआई तेजी से 10 में से चार उपभोक्ताओं के भुगतान का अभिन्न अंग बन रहा है। 

इसलिए किसी भी तरह का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष लेनदेन शुल्क लगाए जाने का कड़ा विरोध हो रहा है।'' लोकलसर्किल्स इस सर्वेक्षण के निष्कर्षों को वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के साथ आगे बढ़ाएगा, ताकि किसी भी एमडीआर शुल्क की अनुमति देने से पहले यूपीआई उपयोगकर्ता की नब्ज को ध्यान में रखा जा सके। यह सर्वे 15 जुलाई से 20 सितंबर के बीच ऑनलाइन आयोजित किया गया था।

Web Title: If transaction fee is imposed 75 percent users will stop using UPI says survey

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