Uttar Pradesh: यूपी में होटल, इंश्योरेंस, टेलीकाम और ई कामर्स कंपनियों की होगी स्क्रूटनी
By राजेंद्र कुमार | Updated: June 19, 2025 17:39 IST2025-06-19T17:39:00+5:302025-06-19T17:39:10+5:30
राज्य कर विभाग के इस स्क्रूटनी में उक्त कंपनियों से मिलने वाली जीएसटी की गणना की जाएगी. फिर जो कंपनियां सेंट्रल जीएसटी में पंजीकृत होगी, उसकी सूचना केंद्र सरकार से साझा की जाएगी. राज्य के कर आयुक्त नितिन बंसल का मानना है कि उक्त स्क्रूटनी से राज्य के राजस्व में इजाफा होगा.

Uttar Pradesh: यूपी में होटल, इंश्योरेंस, टेलीकाम और ई कामर्स कंपनियों की होगी स्क्रूटनी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में टैक्स चोरी को रोकने और राजस्व में इजाफा करने के लिए व्यापार और निर्माण क्षेत्र के साथ ही अब सेवा क्षेत्र पर भी निगरानी बढ़ाई जा रही है. इसके चलते अब राज्य कर विभाग इंश्योरेंस (बीमा), टेलीकॉम, होटल-रेस्टोरेंट और ई-कॉमर्स सेक्टर में सक्रिय कंपनियों के टर्नओवर की जांच करेगा.
राज्य कर विभाग के इस स्क्रूटनी में उक्त कंपनियों से मिलने वाली जीएसटी की गणना की जाएगी. फिर जो कंपनियां सेंट्रल जीएसटी में पंजीकृत होगी, उसकी सूचना केंद्र सरकार से साझा की जाएगी. राज्य के कर आयुक्त नितिन बंसल का मानना है कि उक्त स्क्रूटनी से राज्य के राजस्व में इजाफा होगा.
इसलिए दिए गए जांच के निर्देश :
नितिन बंसल के अनुसार, प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2024-25 में विभाग ने 1,14,637.54 करोड़ रुपए का कर संग्रह किया था. वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपए राजस्व वसूली का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस राजस्व वसूली के इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को आईटी टूल्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डाटा एनालिटिक्स का उपयोग कर राजस्व में इजाफा करने का निर्देश दिया है.
इसी क्रम में अब विभाग ने सेवा क्षेत्र में कार्यरत इंश्योरेंस (बीमा), टेलीकाम, होटल-रेस्टोरेंट और ई-कॉमर्स सेक्टर में सक्रिय कंपनियों के टर्नओवर की जांच करने का फैसला किया है. कंपनियों के टर्नओवर की स्क्रूटनी करने के लिए एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोसेस) जारी की गई है. नितिन बंसल के मुताबिक उत्तर प्रदेश ट्रेडिंग के लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्य होने के साथ ही सर्विस सेक्टर के क्षेत्र में देश के तीन प्रमुख राज्यों में शामिल है.
इसके बाद भी यूपी में जिस रफ्तार से सर्विस सेक्टर के क्षेत्र में कंपनियों की संख्या बढ़ी है उस अनुपात में सेवाकर में इजाफा नहीं हुआ है. विभाग के आंकड़ों के अनुसार राज्य कर की मद में मिलने वाले कुल टैक्स में सेवा कर की हिस्सेदारी मात्र 25 प्रतिशत ही है. इसे देखते हुए ही सर्विस सेक्टर से जुड़ी कंपनियों की जांच के लिए सूबे के सभी 20 जोन अपर आयुक्तों को निर्देश दिया गया है.
राजस्व में इजाफा होने की उम्मीद :
नितिन बंसल का कहना है कि 25 करोड़ से अधिक आबादी वाले उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में होटल और रेस्टोरेंट हैं. इसी तरह से हर परिवार के पास कोई ना कोई इंश्योरेंस (बीमा) पॉलिसी है. इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि यूपी में बीमा पालिसी का बड़ा बाजार है. बीमा पॉलिसी पर 18 प्रतिशत से लेकर 2.25 प्रतिशत जीएसटी है. अब बीमा कंपनियों और होटल-रेस्टोरेंट, ई-कॉमर्स और टेलीकॉम कंपनियों की होनी वाली स्क्रूटनी के जरिए यह देखा जाएगा कि बीमा कंपनियों ने कितना टर्नओवर और कितना खर्च दिखाया है.
इस आधार पर आडिट कर बीमा कंपनियों की वित्तीय स्थिति और इनपुट टैक्स क्रेडिट के क्लेम की जांच भी की जाएगी. सर्विस सेक्टर में इंश्योरेंस और री इंश्योरेंस की सेवा में दिए जा रहे जीएसटी की पड़ताल भी का जाएगी. यह भी पता लगाया जाएगा कि टैक्स की देनदारी कितनी है और उसे कैसे एडजेएसटी किया जा रहा है. विभाग की इस कवायद से सूबे के राजस्व में इजाफा होने की उम्मीद विभाग के अफसरों से साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी है.