जीएसटी संग्रहः फरवरी में खुशखबरी, 7% की वृद्धि, 1.13 लाख करोड़ रुपये, लगातार पांचवें महीने में तोहफा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 1, 2021 09:26 PM2021-03-01T21:26:08+5:302021-03-01T21:27:04+5:30
जनवरी में जीएसटी संग्रह 1,19,875 करोड़ रुपये रहा था। इससे पहले जनवरी में जीएसटी संग्रह 1.15 लाख करोड़ रुपये रहा था। फरवरी में सकल जीएसटी संग्रह 1,13,143 करोड़ रुपये रहा।
नई दिल्लीः माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का संग्रह फरवरी में लगातार पांचवें महीने एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि फरवरी में जीएसटी संग्रह सात प्रतिशत बढ़कर 1.13 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो अर्थव्यवस्था में सुधार का संकेत है।
हालांकि, फरवरी का जीएसटी संग्रह का आंकड़ा जनवरी से कम रहा है। जनवरी में जीएसटी संग्रह 1,19,875 करोड़ रुपये रहा था। इससे पहले जनवरी में जीएसटी संग्रह 1.15 लाख करोड़ रुपये रहा था। फरवरी में सकल जीएसटी संग्रह 1,13,143 करोड़ रुपये रहा।
इसमें केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) का हिस्सा 21,092 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) का हिस्सा 27,273 करोड़ रुपये और एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) का हिस्सा 55,253 करोड़ रुपये रहा। आईजीएसटी में 24,382 करोड़ रुपये वस्तुओं के आयात पर जुटाए गए। उपकर का हिस्सा 9,525 करोड़ रुपये रहा। इसमें से 660 करोड़ रुपये वस्तुओं के आयात पर जुटाए गए। पिछले साल फरवरी में जीएसटी संग्रह 1.05 लाख करोड़ रुपये रहा था।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि पिछले पांच माह से जीएसटी राजस्व संग्रह में सुधार का रुख दिख रहा है। फरवरी, 2021 में जीएसटी संग्रह पिछले साल के समान महीने से सात प्रतिशत अधिक रहा है। बयान में कहा गया, ‘‘माह के दौरान वस्तुओं के आयात से राजस्व 15 प्रतिशत ऊंचा रहा। घरेलू लेनदेन (सेवाओं के आयात सहित) से राजस्व पिछले साल के समान महीने की तुलना में पांच प्रतिशत अधिक रहा।’’
जीएसटी राजस्व लगातार पांचवें महीने एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। यह लगातार तीसरा महीना है जबकि जीएसटी संग्रह 1.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। जीएसटी संग्रह प्रत्यक्ष रूप से आर्थिक गतिविधियों की स्थिति का संकेतक होता है। महामारी के बीच अप्रैल, 2020 में जीएसटी संग्रह घटकर 32,172 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया था।
इक्रा की प्रमुख अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि फरवरी, 2021 में जीएसटी संग्रह की वृद्धि मामूली घटी है, लेकिन इसके बावजूद यह मजबूत स्तर पर है। यह आर्थिक गतिविधियों में सुधार का संकेत है। नायर ने कहा कि अनुकूल आधार प्रभाव की वजह से मार्च में सीजीएसटी संग्रह 18 से 23 प्रतिशत बढ़ सकता है।
शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी के भागीदार रजन बोस ने कहा कि सरकार ने अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जो कदम उठाए हैं उसके अच्छे नतीजे सामने आ रहे हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि बुरा समय बीत गया है। इससे निश्चित रूप से सरकार उत्साहित होगी।
केंद्र ने जीएसटी मुआवजे में कमी की भरपाई को अबतक 1.04 लाख करोड़ रुपये जारी किए
वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि केंद्र ने अक्टूबर, 2020 से अब तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) मुआवजे में कमी भरपाई के लिए 1.04 लाख करोड़ रुपये जारी किए हैं। मंत्रालय ने सोमवार को 23 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों (दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी) को 4,000 करोड़ रुपये की 18वीं साप्ताहिक किस्त जारी की, जिसके साथ पिछले साल अक्टूबर में स्थापित विशेष ऋण सुविधा के तहत अब तक जारी की गई कुल राशि 1.04 लाख करोड़ रुपये हो गई है।
शेष पांच राज्यों अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड और सिक्किम में जीएसटी के कार्यान्वयन के कारण राजस्व में कोई अंतर नहीं आया है। केंद्र ने जीएसटी के कार्यान्वयन के कारण राजस्व में 1.10 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित कमी को पूरा करने के लिए अक्टूबर, 2020 में राज्यों के लिए कर्ज जुटाने की एक विशेष सुविधा शुरू की है। केंद्र द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से इस सुविधा के जरिये बाजार से उधार लिया जा रहा है।