Budget 2019: एविएशन, मीडिया और एनिमेशन सेक्टर में बढ़ेंगे नौकरियों के मौके, FDI बढ़ाने के लिए सरकार मांगेगी सुझाव
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 5, 2019 11:58 AM2019-07-05T11:58:11+5:302019-07-05T11:58:11+5:30
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। इस बजट में उन्होंने एविएशन, मीडिया, एनिमेशन और इंश्योरेंस क्षेत्र में अधिक एफडीआई आने की बात कही।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। इस बजट में उन्होंने एविएशन, मीडिया, एनिमेशन और इंश्योरेंस क्षेत्र में अधिक एफडीआई की अनुमति देने की बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार इसके लिए प्रस्ताव आमंत्रित करेगी। सीतारमण ने कहा कि । इंश्योरेन्स इंटरमीडिएटरीज के क्षेत्र में 100% एफडीआई को अनुमति मिलेगी। उन्होंने कहा कि मैं सोशल स्टॉक एक्सचेंज बनाने का प्रस्ताव रखती हूं ताकि सामाजिक कल्याण के क्षेत्र प्रगति हो सके। गौरतलब है कि इन क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ने से सीधे तौर पर नौकरियों के मौके बढ़ेंगे।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था पांच वर्ष में 2.7 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंची है। हमारा मकसद है- मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस। 5 ट्रिलियन इकोनॉमी हासिल करने के लिए हमारे कुछ उद्देश्य हैं। इस वित्त वर्ष में हमने 3 ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य रखा है। हम दुनिया की 6ठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। हमने कई ढांचागत सुधार किए हैं और अभी कई और सुधार करने हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि वर्ष 2030 तक रेलवे आधारभूत ढांचे को 50 लाख करोड़ रूपये की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि तीव्र विकास एवं यात्री माल ढुलाई सेवा के लिए ‘‘पीपीपी मॉडल’’ का उपयोग किया जाएगा। सीतारमण ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2019-20 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि देश में 657 किलोमीटर मेट्रो रेल नेटवर्क परिचालन में आ गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘रेलवे ढांचागत सुविधा के लिये 2018 से 2030 के दौरान 50 लाख करोड़ रुपये निवेश की जरूरत, तेजी से विकास और रेलवे में यात्री तथा माल ढुलाई सेवाओं के विस्तार के लिये सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी मॉडल) का उपयोग किया जाएगा। ’’ वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार माल वहन के लिए नदी मार्ग का उपयोग करने की परिकल्पना भी कर रही है ताकि सड़क एवं रेल मार्ग पर भीड़भाड़ के कारण रूकावटें कम हो सकें।