एयर इंडिया में 100% हिस्सा बेचेगी सरकार, 17 मार्च तक लगाई जा सकती हैं बोली
By स्वाति सिंह | Published: January 27, 2020 10:32 AM2020-01-27T10:32:08+5:302020-01-27T10:32:08+5:30
गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बने मंत्री समुह ने सात जनवरी को एयर इंडिया के निजीकरण से जुड़े रुचि पत्र और शेयर खरीद समझौते को मंजुरी दी थी। अधिकारी ने यह भी कहा था हम अगले तीन से चार दिन में इन्हें जारी कर देंगे।
सरकार ने कर्ज में डूबी सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया में 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि मोदी सरकार ने ‘एयर इंडिया’ में 100 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री के लिए सोमवार को प्रारंभिक सूचना ज्ञापन जारी किया है ।
निविदा दस्तावेज के मुताबिक रणनीतिक विनिवेश के तौर पर एयर इंडिया ‘एयर इंडिया एक्सप्रेस’ की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी और संयुक्त उद्यम एआईएसएटीएस की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगा। एयरलाइन के प्रबंधन पर नियंत्रण सफल बोली लगाने वाले को हस्तांतरित किया जाएगा। सरकार ने रुचि पत्र जमा कराने की समयसीमा 17 मार्च तय की।
अधिकारियों ने जानकारी दी कि गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बने मंत्री समुह ने सात जनवरी को एयर इंडिया के निजीकरण से जुड़े रुचि पत्र और शेयर खरीद समझौते को मंजुरी दी थी। अधिकारी ने यह भी कहा था हम अगले तीन से चार दिन में इन्हें जारी कर देंगे।’’ वित्त वर्ष 2018-19 में एयर इंडिया को 8,556 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। अभी कंपनी पर 80,000 करोड़ रुपये का बकाया है।
एयर इंडिया विनिवेश के लिये बनाये गये मंत्री समूह की आखिरी बैठक सितंबर, 2019 में हुई थी। एयर इंडिया विशिष्ट वैकल्पिक प्रणाली (एआईएसएएम) ने पिछले साल ही विमानन कंपनी में सरकार की शत- प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिये प्रक्रिया को फिर से शुरू करने को मंजूरी दी थी। एयर इंडिया के साथ ही एयर इंडिया एक्सप्रेस और एआईएसएटीएस में उसकी हिस्सेदारी को बेचने की भी मंजूरी दी गई थी।
वहीं, एयर इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पिछले सप्ताह कहा था कि यदि जून तक कोई नया निवेशक सामने नहीं आया तो जेट एयरवेज की तरह यह भी बंद हो जाएगी। हालांकि इसके कुछ ही दिन बाद पुरी ने कहा था कि निजीकरण होने तक एयर इंडिया का परिचालन जारी रहेगा।