सरकार ने वोडाफोन पर पूर्व तिथि से कर लगाने के मामले के निपटान के लिए नियम अधिसूचित किए
By भाषा | Published: October 14, 2021 09:02 PM2021-10-14T21:02:40+5:302021-10-14T21:02:40+5:30
नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर सरकार ने ब्रिटेन की दूरसंचार कंपनी वोडाफोन पीएलसी के साथ पूर्व तिथि से कर लगाने से जुड़े विवाद के निपटारे को सुगम बनाने के लिए नये नियमों को अधिसूचित किया है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 13 अक्टूबर को 'वैधता में छूट (वित्त अधिनियम, 2012 की धारा 119) नियम, 2021' को अधिसूचित किया, जिसमें कंपनी द्वारा अपने मामले को निपटाने के लिए दायर की जाने वाली घोषणा के लिए फॉर्म और शर्तें निर्धारित की गयी हैं।
आयकर अधिनियम में 2012 में किए गए विवादास्पद संशोधन का इस्तेमाल कर कंपनियों पर लगाए गए किसी भी कर की मांग को रद्द करने के लिए कानून बनाने के बाद, सरकार ने दो अक्टूबर को ऐसे मामलों को निपटाने के लिए नियम अधिसूचित किए।
सरकार ने इस तरह के कानून का इस्तेमाल करके लिए गए किसी भी कर को बिना किसी ब्याज के वापस करने का वादा किया है लेकिन ऐसा कंपनियों द्वारा सभी लंबित कानूनी कार्यवाही को वापस लेने पर सहमत होने के बाद किया जाएगा।
अधिसूचित नियमों के तहत, कंपनियों के लिए पूर्व तिथि से लगाए गए करों की वसूली को लेकर सरकार के खिलाफ सभी कानूनी कार्यवाही वापस लेने के बारे में आयकर विभाग के पास एक घोषणा प्रस्तुत करना जरूरी है। साथ ही उन्हें यह भी प्रतिबद्धता जताने की जरूरत होगी कि वे भविष्य के दावों के लिए सरकार को क्षतिपूर्ति करने और किसी भी नुकसान की मांग नहीं करेंगे।
इस महीने की शुरुआत में जारी नियमों की पहली सूची ब्रिटिश ऊर्जा कंपनी केयर्न एनर्जी पीएलसी जैसी कंपनियों पर लागू होती है, जिनपर 2012 के संशोधन के बाद कर लगाया गया था। 2012 के कानून की धारा नौ का इस्तेमाल करके इन करों की मांग की गयी थी।
वोडाफोन से जुड़ा मामला अलग है क्योंकि आयकर विभाग के अक्टूबर 2010 के आदेश को मान्य करके कंपनी से कर मांगे गए थे। इस आदेश में 2007 में केमैन आइलैंड में एक सौदे के माध्यम से हच-एस्सार के अधिग्रहण को लेकर वोडाफोन से 11,218 करोड़ रुपये की कर की मांग की गयी थी।
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