अप्रैल-जून तिमाही में सोने की वैश्विक मांग आठ प्रतिशत बढ़ी, भारत में इस कारण हुई ज्यादा खरीदारी
By भाषा | Published: August 1, 2019 01:00 PM2019-08-01T13:00:26+5:302019-08-01T13:00:41+5:30
आलोच्य अवधि के दौरान केंद्रीय बैंकों की मांग 67 प्रतिशत बढ़कर 224.40 टन पर पहुंच गयी। इस दौरान पोलैंड सोने का सबसे बड़ा खरीदार रहा।
केंद्रीय बैंकों की खरीद तथा स्वर्ण आधारित ईटीएफ में निवेश बढ़ने से अप्रैल-जून तिमाही में सोने की वैश्विक मांग आठ प्रतिशत बढ़कर 1,123 टन पर पहुंच गयी। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी। विश्व स्वर्ण परिषद की दूसरी तिमाही की गोल्ड डिमांड ट्रेंड्स रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल की समान तिमाही में सोने की वैश्विक मांग 1,038.80 टन रही थी।
रिपोर्ट के अनुसार, आलोच्य अवधि के दौरान केंद्रीय बैंकों की मांग 67 प्रतिशत बढ़कर 224.40 टन पर पहुंच गयी। इस दौरान पोलैंड सोने का सबसे बड़ा खरीदार रहा। उसने आलोच्य तिमाही के दौरान अपने भंडार में 100 टन सोने की वृद्धि की और सोना खरीदने के मामले में रूस को दूसरे स्थान पर खिसका दिया। इसी तरह कुल निवेश मांग में एक प्रतिशत की तेजी देखी गयी।
इस दौरान स्वर्ण आधारित ईटीएफ 67.20 टन बढ़कर छह साल के उच्चतम स्तर 2,548 टन पर पहुंच गया। ईंट और सिक्कों की मांग में 12 प्रतिशत की कमी देखी गयी। स्वर्ण आभूषणों की मांग दो प्रतिशत बढ़कर 531.70 टन पर पहुंच गयी।
इसका मुख्य कारण वैवाहिक एवं त्योहारी मौसम के चलते भारतीय बाजार में मांग में तेजी आना रहा। समीक्षाधीन तिमाही के दौरान सोने की आपूर्ति छह प्रतिशत बढ़कर 1,186.70 टन पर पहुंच गयी।