एसबीआई की पूर्व प्रमुख अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा, "देश में इतने सरकारी बैंकों की जरूरत नहीं है"

By भाषा | Published: September 28, 2022 08:26 PM2022-09-28T20:26:05+5:302022-09-28T20:29:39+5:30

एसबीआई की पूर्व प्रमुख अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के जरिये जिन लक्ष्यों को हासिल करने की उम्मीद है, वे वास्तव में सरकारी बैंकों को सक्षम करके प्राप्त किए जा सकते हैं।

Former SBI chief Arundhati Bhattacharya said, "There is no need of so many public sector banks in the country" | एसबीआई की पूर्व प्रमुख अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा, "देश में इतने सरकारी बैंकों की जरूरत नहीं है"

फाइल फोटो

Highlightsअरुंधति भट्टाचार्य का कहना है कि देश को कम लेकिन मजबूत सार्वजनिक बैंकों की जरूरत हैएसबीआई की पूर्व प्रमुख ने कहा कि निजीकरण कभी भी सभी समस्याओं का हल नहीं कर सकता हैलेकिन इतने सारे सार्वजनिक बैंकों की जरूरत नहीं है, इनकी संख्या कम भी हो सकती है

दिल्ली: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की पूर्व प्रमुख अरुंधति भट्टाचार्य का कहना है कि देश को कम लेकिन मजबूत सार्वजनिक बैंकों (पीएसबी) की जरूरत है और छोटे सरकारी बैंकों का निजीकरण या विलय किया जा सकता है।

इस संबंध में अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के जरिये जिन लक्ष्यों को हासिल करने की उम्मीद है, वे वास्तव में सरकारी बैंकों को सक्षम करके प्राप्त किए जा सकते हैं।

भट्टाचार्य ने रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव के सुझाव पर एक सवाल का जवाब देते हुए समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, ‘‘निजीकरण कभी भी सभी समस्याओं का हल नहीं रहा है।’’ सुब्बाराव ने दरअसल सरकार को सभी सरकारी बैंकों के निजीकरण के लिए 10 साल की रूपरेखा तैयार करने का सुझाव दिया था।

वहीं, अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता है कि हमें इतने सारे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की जरूरत है। सरकारी बैंकों की संख्या कम हो सकती है।’’ सेल्सफोर्स इंडिया की चेयरपर्सन और मुख्य कार्यपालक अधिकारी भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘कुछ सरकारी बैंकों का निजीकरण किया जा सकता है और सार्वजनिक क्षेत्र के मजबूत बैंक अभी भी बने रह सकते हैं।’’

मालूम हो कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2020 में राष्ट्रीय स्तर के दस सरकारी बैंकों का चार बड़े सार्वजानिक क्षेत्र के बैंकों में विलय कर दिया था। जिसके बाद से देश में सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 12 रह गई है।

Web Title: Former SBI chief Arundhati Bhattacharya said, "There is no need of so many public sector banks in the country"

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