खाद्य पदार्थों और मिट्टी के तेल की कीमतों में कमी, औद्योगिक श्रमिकों की खुदरा मुद्रास्फीति जून में घटकर 5.06 प्रतिशत

By भाषा | Published: July 31, 2020 08:23 PM2020-07-31T20:23:22+5:302020-07-31T20:23:22+5:30

श्रम मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि मई 2020 में खुदरा मुद्रास्फीति 5.10 प्रतिशत रही थी। जून 2020 में खाद्य मुद्रास्फीति 5.49 प्रतिशत पर रही जो पिछले महीने में 5.88 प्रतिशत और एक साल पहले जून के दौरान 5.47 प्रतिशत थी।

Food inflation and kerosene prices fall retail industrial workers declined to 5.06 percent in June | खाद्य पदार्थों और मिट्टी के तेल की कीमतों में कमी, औद्योगिक श्रमिकों की खुदरा मुद्रास्फीति जून में घटकर 5.06 प्रतिशत

मुद्रास्फीति की दर पिछले महीने के 5.10 प्रतिशत और साल भर पहले के 8.55 प्रतिशत से कम होकर 5.06 प्रतिशत रह गई। (file photo)

Highlightsइसका मुख्य कारण कुछ खाद्य पदार्थों और मिट्टी के तेल की कीमतों का कम रहना है।खुदरा मुद्रास्फीति को औद्योगिक श्रमिकों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-आईडब्ल्यू) के आधार पर आंका जाता है।जून 2020 के लिए अखिल भारतीय सूचकांक पिछले महीने के दो अंकों की वृद्धि के साथ 332 पर रहा।

नई दिल्लीः औद्योगिक श्रमिकों की खुदरा मुद्रास्फीति इस साल जून में कम होकर 5.09 प्रतिशत पर आ गयी। एक साल पहले इसी महीने में यह 8.59 प्रतिशत थी।

इसका मुख्य कारण कुछ खाद्य पदार्थों और मिट्टी के तेल की कीमतों का कम रहना है। श्रम मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि मई 2020 में खुदरा मुद्रास्फीति 5.10 प्रतिशत रही थी। जून 2020 में खाद्य मुद्रास्फीति 5.49 प्रतिशत पर रही जो पिछले महीने में 5.88 प्रतिशत और एक साल पहले जून के दौरान 5.47 प्रतिशत थी।

औद्योगिक श्रमिकों के लिये खुदरा मुद्रास्फीति को औद्योगिक श्रमिकों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-आईडब्ल्यू) के आधार पर आंका जाता है। यह सूचकांक जून 2020 में दो अंक बढ़कर 332 अंक पर पहुंच गया। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा, "जून 2020 के लिए अखिल भारतीय सूचकांक पिछले महीने के दो अंकों की वृद्धि के साथ 332 पर रहा।

हालांकि, वार्षिक मुद्रास्फीति की दर पिछले महीने के 5.10 प्रतिशत और साल भर पहले के 8.55 प्रतिशत से कम होकर 5.06 प्रतिशत रह गई।’’ श्रम मंत्री ने औद्योगिक कर्मचारियों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का महत्व बताते हुये कहा कि सार्वजनिक उपक्रमों, बैंकों, बीमा कंपनियों और सरकारी कम्रचारियों के साथ साथ संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को दिये जाने वाले महंगाई भत्ता की गणना करने में भी इस्तेमाल होता है। जून माह में सूचकांक में वृद्धि में सबसे ज्यादा दबाव खाद्य समूह के उत्पादों का रहा।

जिन्होंने इसमें 1.65 प्रतिशत की वृद्धि का योगदान किया। चावल, मूंगफलति तेल, मदली, बकरी का मांस, चिकन, भैंस का दूध, बैंगन, हरी धनिया, आलू, टमाटर, रिफाइंड शराब, खाना पकाने की गैस, पेट्रोल आदि का सूचकांक को बढ़ाने में योगदान रहा।

इसके विपरीत इस वृद्धि को अधिक बढ़ने से रोकने में गेहूं आटा, अरहर दाल, लहसुन, प्याज, नारियल, भिंडी, नींबू, आम, मिट्टी तेल आदि का काफी योगदान रहा जिन्होंने इसे नीचे की तरफ खिंचे रखा। सूचकांक में सबसे जयादा नौ अंकों की वृद्धि का योगदान झरिया का रहा वहीं रांची-अतिया में सबसे ज्यादा आठ अंक की गिरावट रिकार्ड की गई। 

Web Title: Food inflation and kerosene prices fall retail industrial workers declined to 5.06 percent in June

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