एयर इंडिया के विनिवेश के लिए वित्तीय बोलियां मिलीं, बोली लगाने वालों में टाटा संस भी शामिल
By भाषा | Published: September 15, 2021 07:37 PM2021-09-15T19:37:46+5:302021-09-15T19:37:46+5:30
नयी दिल्ली, 15 सितंबर सरकार ने बुधवार को कहा कि उसे राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया के अधिग्रहण के लिए कई वित्तीय बोलियां मिली हैं।
इस बीच, टाटा संस के प्रवक्ता ने पीटीआई-भाषा से कहा कि कंपनी ने एयरलाइन के लिए बोली सौंपी है।
निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने ट्विटर पर लिखा, "लेनदेन सलाहकार को एयर इंडिया के विनिवेश के लिए वित्तीय बोलियां मिली हैं। प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है।"
केंद्र सरकार सरकारी स्वामित्व वाली एयरलाइन में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचना चाहती है जिसमें एआई एक्सप्रेस लिमिटेड में एयर इंडिया की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी और एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी शामिल हैं।
जनवरी, 2020 से शुरू हुई विनिवेश की प्रक्रिया में कोविड-19 महामारी के कारण देरी हुई है। सरकार ने अप्रैल, 2021 में संभावित बोलीदाताओं को वित्तीय बोली सौंपने के लिए कहा था।
बुधवार (15 सितंबर) बोली सौंपने का आखिरी दिन था।
टाटा समूह उन इकाइयों में शामिल था, जिन्होंने एयरलाइन को खरीदने के लिए दिसंबर, 2020 में प्रारंभिक रुचि पत्र (ईओआई) दिया था।
2017 के बाद से, पिछले प्रयासों में कोई महत्वपूर्ण रुचि हासिल करने में विफल रहने और संभावित निवेशकों से प्रतिक्रिया प्राप्त करने के बाद, सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में एयर इंडिया के ऋण को नए निवेशक को हस्तांतरित करने से संबंधित ईओआई के नियम में ढील दी थी। इससे बोलीदाताओं को उस विशाल ऋण का आकार तय करने की छूट मिली जिसकी वे जिम्मेदारी लेना चाहते हैं।
जनवरी, 2020 में दीपम द्वारा जारी एयर इंडिया के ईओआई के अनुसार, 31 मार्च, 2019 तक एयरलाइन के कुल 60,074 करोड़ रुपये के ऋण में, खरीदार को 23,286.5 करोड़ रुपये के ऋण की जिम्मेदारी लेनी होगी। बाकी ऋण एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड (एआईएएचएल) को हस्तांतरित किया जाएगा, जो एक विशेष इकाई (एसपीवी) है।
एयर इंडिया, 2007 में घरेलू विमान सेवा इंडियन एयरलाइंस के साथ अपने विलय के बाद से घाटे में चल रही है।
एयरलाइन के लिए सफल बोली लगाने वाली कंपनी को घरेलू हवाई अड्डों पर 4,400 घरेलू और 1,800 अंतरराष्ट्रीय लैंडिंग एवं पार्किंग स्लॉट के साथ-साथ विदेशी हवाई अड्डों पर 900 स्लॉट का नियंत्रण हासिल होगा।
इसके अलावा, कंपनी को एयरलाइन की कम लागत वाली सेवा एयर इंडिया एक्सप्रेस का 100 प्रतिशत और एआईएसएटीएस का 50 प्रतिशत स्वामित्व मिलेगा। एआईएसएटीएस प्रमुख भारतीय हवाई अड्डों पर कार्गो और ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं प्रदान करती है।
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