वित्त मंत्रालय ने कहा, 'धार्मिक संस्थाओं द्वारा चलाये जा रहे धर्मशालाओं से नहीं वसूला जाएगा 12 फीसदी जीएसटी'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 5, 2022 02:11 PM2022-08-05T14:11:44+5:302022-08-05T14:19:45+5:30
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि किसी भी धार्मिक संस्था द्वारा चलाये जा रहे धर्मशालाओं के द्वारा किराये पर दिये जाने वाले 1,000 रुपये से कम के कमरों पर जीएसटी की वसूली नहीं होगी।
दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने धार्मिक संस्थाओं के द्वारा चलाये जाने वाले धर्मशालाओं को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से मुक्त करने का ऐलान किया है। इस मामले में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने गुरुवार की शाम में एक बयान जारी करते हुए कहा कि किसी भी धार्मिक संस्था द्वारा चलाये जा रहे धर्मशालाओं के द्वाया किराये पर दिये जाने कमरों पर जीएसटी की वसूली नहीं होगी।
दरअसल वित्त मंत्रालय को यह बयान इस कारण जारी करना पड़ा क्योंकि राज्यसभा के सांसद और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता राघव चड्ढा सहित कई धार्मिक संगठनों ने इस संबंध में केंद्रीय वित्त मंत्रालय से मांग की कि धार्मिक संस्थानों द्वारा संचालित धर्मशालाओं को जीएसटी के दायरे से मुक्त किया जाए।
इस संबंध में सांसद राघव चड्ढा ने बीते गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात करके अपील की कि पंजाब के अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर के पास धर्मशालाओं से 12 फीसदी की दर से जीएसटी वसूला जा रहा है, जो श्रद्धालुओं के साथ बड़ा अन्याय है और इससे उनके रहने का खर्च काफी बढ़ गया है। इसलिए धार्मिक यात्राओं के दौरान धार्मिक संस्थाओं की धर्मशालाओं में ठहरने वाले श्रद्धालुओं के जीएसटी से राहत दी जाए ताकि वो अपनी धार्मिक यात्रा को कम खर्च में संपन्न कर सकें।
मालूम हो कि 47वीं जीएसटी परिषद ने बीते जून में फैसला किया था कि जिन होटलों में एक हजार रुपये प्रतिदिन से कम कीमत वाले कमरे हैं, उनसे भी प्रति कमरे प्रति दिन के हिसाब से 12 फीसदी जीएसटी वसूला जाएगा।
जीएसटी काउंसिल का यह प्रस्ताव जब बीते 18 जुलाई 2022 से देशभर में लागू हुआ तो शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) द्वारा चलाये जा रहे गुरु गोबिंद सिंह एनआरआई निवास, बाबा दीप सिंह निवास, माता भाग कौर निवास को मजबूरन प्रति दिन 1,000 रुपये तक के कमरों पर श्रद्धालुओं से जीएसटी लेना पड़ा। जिसका स्वर्ण मंदिर आने वाले श्रद्धाओं ने सही न बताते हुए कड़ा विरोध किया।
हालांकि, इस विवाद के बाद वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि धर्मार्थ संस्थाओं या धार्मिक ट्रस्टों द्वारा चलाये जा रहे धर्मशालाओं पर जीएसटी लागू नहीं होगा और उनसे किसी भी तरह का जीएसटी नहीं वसूला जाएगा।
मत्रालय की ओर से कहा गया है कि धर्मिक संस्थाओं या धार्मिक ट्रस्ट द्वारा चलाये जा रहे धर्मशाला में एसी कमरों पर भी यह छूट लागू रहेगी, जिनकी कीमत प्रतिदिन 1,000 रुपये से कम है। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)