भारत में आर्थिक गतिविधियां सामान्य होने के प्रमाण: गीता गोपीनाथ
By भाषा | Published: April 7, 2021 12:20 PM2021-04-07T12:20:28+5:302021-04-07T12:22:41+5:30
हालांकि, कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये शुरू हुए टीकाकरण अभियान से कारोबारी भरोसे में सुधार हुआ है। इसके चलते मार्च में सूचकांक लगातार छठे महीने 50 से ऊपर रहा।
वाशिंगटन: अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा है कि ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि भारत में आर्थिक गतिविधियां सामान्य होने लगी हैं। उल्लेखनीय है कि मुद्राकोष ने मंगवार को अपने एक अनुमान में भारत की आर्थिक वृद्धि में चालू वित्त वर्ष में इसके शानदार 12.5 प्रतिशत तक रहने का अनुमान लगाया है। यह दर चीन से भी ऊंची रहेगी। चीन एक मात्र ऐसी बड़ी अर्थव्यवस्था थी जिसने 2020 में वृद्धि दिखायी है।
मुद्रा कोष और विश्व बैंक की ग्रीष्मकालीन वार्षिक बैठकों से पहले गीता गोपीनाथ ने कहा कि भारत के बारे में , ‘पिछले दो एक महीनों से हमें जो प्रमाण मिल रहे हैं उससे दिता है कि आर्थिक गतिविधियां सामान्य हो रही हैं।’ मुद्राकोष ने अपनी वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (वैश्विक आर्थिक परिदृश्य) शीर्षक रपट में कहा है कि अगले वित्ती वर्ष (2022-23) में भारत की आर्थिक वृद्धि 6.9 प्रतिशत रहेगी।
कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में अनुमानित रूप से 8 प्रतिशत का रिकार्ड संकुचन हुआ है। गोपीनाथ ने एक सवाल के जवाब में कहा कि ‘भारत के संबंध में हमने बहुत हल्का संशोधन किया है जो 2021-22 के लिए एक प्रतिशत है। मु्द्राकोष से पहले चालू वित्त वर्ष में भारत के सकल घरेलू उत्पादन में 2020-21 की तुलना में 11.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया था।
बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण में तेजी और लागत बढ़ने के चलते भारत में सेवा क्षेत्र की गतिविधियां मार्च महीने में थोड़ी सुस्त हुईं। एक मासिक सर्वेक्षण में बुधवार को यह कहा गया। भारत सेवा व्यवसाय गतिविधि सूचकांक फरवरी के 55.3 से घटकर मार्च में 54.6 पर पहुंच गया। इस तरह हालांकि पिछले महीने के मुकाबले गतिविधियां कुछ सुस्त हुई हैं, लेकिन यह पिछले लगातार छह महीने से वृद्धि को दर्शाता है।
कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये शुरू हुए टीकाकरण अभियान से कारोबारी भरोसे में सुधार हुआ है। इसके चलते मार्च में सूचकांक लगातार छठे महीने 50 से ऊपर रहा। सूचकांक का 50 से ऊपर रहना वृद्धि यानी विस्तार का संकेत देता है, जबकि 50 से नीचे का सूचकांक बताता है कि उत्पादन में गिरावट आयी है।
आईएचएस मार्किट की सहायक निदेशक (अर्थशास्त्र) पॉलिएना डी लीमा ने कहा, ‘‘चुनावों के चलते मांग में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन कोविड-19 महामारी और आवाजाही में रोकथाम से चुनौतियां बढ़ी हैं।’’ लीमा ने चेतावनी दी कि महामारी का प्रकोप बढ़ने और रोकथाम बढ़ने से अप्रैल में उल्लेखनीय सुस्ती आ सकती है।