बजट में आर्थिक वृद्धि पर जोर, कर की दरों में स्थायित्व का संकेत: देबरॉय
By भाषा | Published: March 5, 2021 07:53 PM2021-03-05T19:53:38+5:302021-03-05T19:53:38+5:30
नयी दिल्ली, पांच मार्च प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन बिवेक देबराय ने शुक्रवार को कहा कि इस बार के बजट में कर दरों में स्थायित्व का संकेत दिए जाने के साथ साथ सुधारों को आगे बढ़ाते हुये उपभोग, निवेश और सरकारी व्यय को बढ़ावा देकर आर्थिक वृद्धि तेज करने पर जोर दिया गया है।
अगले वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि 11 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। कोराना वायरस महामारी के कारण चालू वित्त वर्ष के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में आठ प्रतिशत गिरावट आने का अनुमान है।
देबराय ने कहा कि वास्तविक वृद्धि चार क्षेत्रों- उपभोग, निवेश, सरकारी व्यय और शुद्ध निर्यात से आती है। बाहरी क्षेत्र (निर्यात) में इस समय काफी अनिश्चितता बनी हुई है। ‘‘इसलिये इस समय वास्तविक वृद्धि मुख्य रूप से उपभोग , निवेश और सरकारी व्यय के जारिए आनी है ... और बजट में इन तीनों क्षेत्रों में सुधारों पर जोर दिया गया है। ’’ वह यहां डन एण्ड ब्राडस्ट्रीट बीएफएसआई एण्ड फिनटेक समिट 2021 में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि परम्परागत दृष्टि से बजट को करों की दरों में बदलाव के अवसर के रूप में जाना जाता रहा है। इस बार के बजट में एक संदेश दिया गया है कि कर की दरों में स्थायित्व रहेगा। ’’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021--22 का बजट एक फरवरी 2021 को पेश किया था।
देबराय ने माना कि 2021- 22 में आर्थिक वृद्धि के आंकड़े बेहतर रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि कोविड- 19 का सबसे बुरा वक्त, आर्थिक गतिविधियों के लिहाज से, निकल चुका है और हम आगे अर्थव्यवस्था में सामान्य तौर पर उम्मीद और आशा के साथ देख सकते हैं।
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