अर्थव्यवस्था को झटकाः कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस सहित आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन जुलाई में 9.6 प्रतिशत घटा

By भाषा | Published: August 31, 2020 04:07 PM2020-08-31T16:07:01+5:302020-08-31T20:22:07+5:30

जारी आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में उर्वरक को छोड़कर अन्य सातों क्षेत्रों...कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, इस्पात, सीमेंट तथा बिजली क्षेत्र के उत्पादन में गिरावट आई।

Economy Production of eight basic industries including coal crude oil natural gas declined by 9.6 percent in July | अर्थव्यवस्था को झटकाः कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस सहित आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन जुलाई में 9.6 प्रतिशत घटा

इस्पात, रिफाइनरी उत्पाद और सीमेंट क्षेत्र के खराब प्रदर्शन की वजह से बुनियादी उद्योगों का उत्पादन घटा है। (file photo)

Highlightsजुलाई महीने में 9.6 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह लगातार पांचवां महीना है जबकि बुनियादी उद्योगों का उत्पादन घटा है। प्राकृतिक गैस का 10.2 प्रतिशत, कोयले का 5.7 प्रतिशत, कच्चे तेल का 4.9 प्रतिशत और बिजली का 2.3 प्रतिशत नीचे आया। जुलाई में उर्वरक का उत्पादन 6.9 प्रतिशत बढ़ा। जुलाई, 2019 में उर्वरक उत्पादन 1.5 प्रतिशत बढ़ा था। 

नई दिल्लीः देश के आठ प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्र के उद्योगों में इस्पात एवं रिफाइनरी उत्पादन में आई भारी गिरावट के चलते जुलाई माह के दौरान कुल उत्पादन में 9.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

यह लगातार पांचवां महीना रहा है जब इस उद्योग क्षेत्र में गिरावट दर्ज की गई। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के सोमवार को जारी ओकड़ों के मुताबिक आठ प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्र के उद्योगों का उत्पादन इस साल जुलाई में 9.6 प्रतिशत घट गया जबकि एक साल पहले इसी माह में इसमें 2.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी।

उर्वरक क्षेत्र को छोड़कर अन्य सभी सात ढांचागत उद्योगों में जुलाई 2020 में गिरावट दर्ज की गई। कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, इस्पात, सीमेंट और बिजली क्षेत्र में आलोच्य माह के दौरान गिरावट रही। केवल उर्वरक क्षेत्र ही ऐसा रहा जहां जुलाई माह के दौरान वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि, इस समूचे क्षेत्र में अप्रैल माह के दौरान जहां 37.9 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई थी वहीं जुलाई में यह गिरावट कम होकर 9.6 प्रतिशत रह गई।

जुलाई माह में एक साल पहले इसी माह के मुकाबले इस्पात क्षेत्र के उत्पादन में 16.5 प्रतिशत, रिफाइनरी उत्पादों में 13.9 प्रतिशत, सीमेंट में 13.5 प्रतिशत, प्राकृतिक गैस उत्पादन में 10.2 प्रतिशत, कोयला उत्पादन में 5.7 प्रतिशत, कच्चे तेल के उत्पादन में 4.9 प्रतिशत और बिजली उत्पादन में 2.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इसके विपरीत उर्वरक क्षेत्र के उत्पादन में जुलाई माह के दौरान 6.9 प्रतिशत की वृद्धि रही जबकि एक साल पहले जुलाई में इस क्षेत्र के उत्पादन में 1.5 प्रतिशत वृद्धि ही हुई थी।

बुनियादी ढांचा क्षेत्र से जुड़े आठ प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में अप्रैल से जुलाई की अवधि की यदि बात की जाये तो क्षेत्र में एक साल पहले के मुकाबले उत्पादन में कुल मिलाकर 20.5 प्रतिशत की गिरावट रही है। पिछले साल इसी अवधि में क्षेत्र में 3.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

इक्रा लिमिटेड की प्रधान अर्थशासत्री आदिति नायर ने बुनियादी उद्योग के आंकड़ों पर कहा मौजूदा उपलब्ध रुझान को देखते हुये वाहन उत्पादन और वस्तु निर्यात, ‘‘हमारा मानना है कि औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में गिरावट जुलाई 2020 में कम होकर 7- 11 प्रतिशत रह जायेगी। एक महीना पहले जून में यह 16.6 प्रतिशत पर थी। औद्योगिक उत्पादान सूचकांक (आईआईपी) में बुनियादी ढांचा क्षेत्र के आठ प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों का 40.27 प्रतिशत योगदान है।

औद्योगिक कर्मचारियों के लिये खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई में मामूली घटकर 5.33 प्रतिशत रही

कुछ खाद्य पदार्थों की कीमतें कम होने से औद्योगिक कर्मचारियों के लिये खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई महीने में मामूली घटकर 5.33 पतिशत रही। एक साल पहले इसी महीने में यह 5.98 प्रतिशत थी। श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘सालाना आधार पर सभी जिंसों की मुद्रास्फीति इस साल जुलाई में 5.33 प्रतिशत रही। एक महीने पहले जून 2020 में यह 5.06 प्रतिात और एक साल पहले जुलई 2019 में यह 5.98 प्रतिशत थी।’’ खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर जुलाई महीने में 6.38 प्रतिशत रही। यह पिछले महीने जून में 5.49 प्रतिशत और एक साल पहले जुलाई 2019 में 4.78 प्रतिशत थी।

अखिल भारतीय औद्योगिक कर्मचारियों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-आईडब्ल्यू) जुलाई 2020 में 4 अंक बढ़कर 336 अंक रहा। प्रतिशत के हिसाब से पिछले माह के मुकाबले यानी जून-जुलाई के बीच इसमें 1.20 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि एक साल पहले इसी माह की तुलना में 0.95 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। श्रम मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार मौजूदा सूचकांक में सर्वाधिक तेजी आवास समूह से आयी है। इसका कुल बदलाव में योगदान (+) 2.28 प्रतिशत रहा। जिंसों के आधार पर गेहूं आटा, सरसों तेल, दूध (भैंस), हरी मिर्च, बैगन, पालक, परवल, आलू, टमाटर रसोई गैस, लकड़ी, बस का किराया, पेट्रोल, सिलाई शुल्क आदि के कारण सूचकांक में बढ़ोतरी हुई है।

हालांकि, दूसरी तरफ चावल, ताजी मछली, बकरे का मांस, पाल्ट्री (चिकेन), नींबू आदि सस्ता होने से सूचकांक में तेजी पर अंकुश लगा। केंद्र के स्तर पर जमशेदपुर में सर्वाधिक 36 अंक की वृद्धि हुई। उसके बाद हल्दिया (23 अंक), तिरूचिरापल्ली (13 अंक), कोडरमा और फरीदाबाद (12-12 अंक), श्रीनगर (11 अंक), लखनऊ और दमदम, तिनसुकिया (10-10 अंक) का स्थान रहा। आंकड़ों के अनुसार दो केंद्रों में 8-8 अंक, पांच केंद्रों में 7-7 अंक, आठ केंद्रों में 6-6 अंक, सात केंद्रों में 5-5 अंक, दस केंद्रों में 4-4 अंक, नौ केंद्रों में 3-3 अंक, नौ दूसरे केंद्रों पर 2-2 अंक और नौ अन्य केंद्रों में 1-1 अंक की वृद्धि हुई। इसके विपरीत मदुरै में 5 अंक की गिरावट आयी। इसके अलावा एक केंद्र में 3 अंक, एक और केंद्र में 2 अंक और दो केंद्रों में 1-1 अंक की गिरावट आयी।

शेष छह केंद्रों में सूचकांक स्थिर रहे। कुल 31 केंद्रों का सूचकांक आखिल भारतीय सूचकांक से अधिक है जबकि 45 केंद्रों में यह आखिल भारतीय स्तर से नीचे है। छिंदवाड़ा और जालंधर केंद्रों का सूचकांक आखिल भारतीय स्तर के बराबर है। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा, ‘‘मुख्य रूप से आवास किराया और आलू, टमाटर, अैषधि, बस किराया, पेट्रोल आदि के दाम बढ़ने से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक बढ़ा है।’’ सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिये महंगाई भत्ते के निर्धारण में सीपीआई-आईडब्ल्यू मानक है।

मंत्री ने कहा कि सीपीआई-आईडब्ल्यू (रहन-सहन की लागत) में वृद्धि का संगठित क्षेत्र में काम करने वाले औद्योगिक कर्मचारियों के अलावा सरकारी कर्मचारियों के वेतन/मजदूरी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। श्रम ब्यूरो के महानिदेशक डी एस नेगी ने कहा, ‘‘कोविड-19 के कारण आंकड़ा संग्रह में कर्मचारियों को हुई परेशानी के बावजूद श्रम ब्यूरो बिना किसी बाधा के निर्धारित समय पर मासिक सूचकांक लाने में सफल रहा है।’’

उन्होंने कहा कि सूचकांक में वृद्धि का मुख्य कारण आवास और खाद्य समूह के उत्पाद हैं। आवास सूचकांक हर साल छह महीने के आधार जनवरी और जुलाई में संशोधित होता है। खाद्य वस्तुओं की श्रेणी में आलू और टमाटर बढ़ोतरी के लिये प्रमुख कारक रहें। इसके अलावा रसोई गैस और पेट्रोल के कारण कीमतें बढ़ीं।

Web Title: Economy Production of eight basic industries including coal crude oil natural gas declined by 9.6 percent in July

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