आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज ने कहा, ऋण का मौद्रिकरण फिलहाल सरकार के एजेंडा में नहीं

By भाषा | Published: July 23, 2020 03:16 PM2020-07-23T15:16:39+5:302020-07-23T15:16:39+5:30

आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज ने कहा है ऋण का मौद्रिकरण फिलहाल सरकार के एजेंडा में नहीं है। साथ ही उन्होंने राजस्व संग्रह के मोर्चे पर कुछ सकारात्मक संकेत भी दिए है।

Economic Affairs Secretary Tarun Bajaj said, loan monetization is not currently on the government's agenda | आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज ने कहा, ऋण का मौद्रिकरण फिलहाल सरकार के एजेंडा में नहीं

आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज (file photo)

Highlightsआर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज ने कहा है कि ऋण का मौद्रिकरण फिलहाल सरकार के एजेंडा में नहीं है। उन्होंने राजस्व संग्रह के मोर्चे पर कुछ सकारात्मक संकेत भी दिए।

नई दिल्ली: आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज ने कहा है कि ऋण का मौद्रिकरण फिलहाल सरकार के एजेंडा में नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने राजस्व संग्रह के मोर्चे पर कुछ सकारात्मक संकेत भी दिए। बजाज ने बृहस्पतिवार को उद्योग मंडल फिक्की द्वारा आयोजित एक वर्चुअल सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘अभी मेरे पास कुछ गणना है। मेरे दिमाग में कुछ योजनाएं हैं। रिजर्व बैंक ने इस समय हमें सहयोग दिया है। फिलहाल मौद्रिकरण मेज पर नहीं है। केंद्रीय बैंक के साथ भी इसपर चर्चा नहीं हुई है।

’’ उन्होंने कहा कि राजस्व बढ़ रहा है। सरकार को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क से भी कुछ अतिरिक्त राजस्व मिला है। आर्थिक मामलों के सचिव ने कहा कि तीन-चार महीने बाद आंकड़े हाथ में होने पर वह इस बारे में कुछ कहने की बेहतर स्थिति में होंगे। ऋण के मौद्रिकरण से सीधा अर्थ केंद्रीय बैंक द्वारा सरकार के किसी आपात खर्च तथा राजकोषीय घाटे को पाटने के लिए मुद्रा की छपाई से है। वित्तीय दबाव से जूझ रही सरकार ने मई में पहले ही अपने कर्ज के लक्ष्य को 50 प्रतिशत बढ़ाकर 7.8 लाख करोड़ रुपये से 12 लाख करोड़ रुपये कर दिया है।

बजाज ने बताया कि विनिर्माण को प्रोत्साहन के लिए सरकार ने पहले ही मोबाइल और चिकित्सा उपकरण तथा फार्मा पर उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन की घोषणा की है। सरकार निर्यात संभावना वाले चार से छह और क्षेत्रों के लिए इस योजना का विस्तार करने पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इस संकट के समय में कृषि एक चमकता क्षेत्र है। रबी फसल का उत्पादन अच्छा रहा है और खरीफ का उत्पादन भी अच्छा रहने की उम्मीद है।

बजाज ने कहा कि कृषि क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में उल्लेखनीय योगदान नहीं है। लेकिन यह देश की 40 प्रतिशत आबादी का जीवनयापन करता है। आर्थिक मामलों के सचिव ने कहा, ‘‘यदि हमें ग्रामीण इलाकों में कुछ समृद्धि दिख रही है तो इसकी वजह कृषि है। इसका कुछ प्रभाव विनिर्माण, सेवा और एफएमसीजी क्षेत्र की कंपनियों की वृद्धि पर भी दिखेगा।

’’ उन्होंने उम्मीद जताई कि देश अगले साल से फिर वृद्धि की राह पर लौटेगा। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज की तर्ज पर सरकार जल्द रणनीतिक क्षेत्र की सूची लेकर आएगी। और गैर-रणनीतिक क्षेत्रों की सार्वजनिक कंपनियों का निजीकरण किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मई में घोषणा की थी कि रणनीतिक क्षेत्रों में अधिकतम चार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां रहेंगी। वहीं अन्य क्षेत्रों की सार्वजनिक कंपनियों का अंतत: निजीकरण किया जाएगा।

Web Title: Economic Affairs Secretary Tarun Bajaj said, loan monetization is not currently on the government's agenda

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