'दूरसंचार विभाग 5जी के लिए अधिक स्पेक्ट्रम पाने की कोशिश में जुटा'
By भाषा | Published: October 17, 2019 01:03 AM2019-10-17T01:03:09+5:302019-10-17T01:03:09+5:30
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने 5जी सेवाओं के लिए 3.3 से 3.6 गीगाहर्ट्ज बैंड की आवृत्ति को उपयोग करने की सिफारिश की है।
दूरसंचार विभाग 5जी सेवाओं के लिए 3.3 से 3.6 गीगाहर्ट्ज बैंड में और अधिक स्पेक्ट्रम का इंतजाम करने की कोशिश कर रहा है। दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश ने बुधवार को यह बात कही। दूरंसचार विभाग स्पेक्ट्रम की नीलामी में अधिक स्पेक्ट्रम उपलब्ध कराना चाहता है क्योंकि दूरसंचार उद्योग 5जी सेवाओं के लिए तय इस बैंड में स्पेक्ट्रम की उपलब्धता सीमित होने पर चिंताएं व्यक्त कर चुका है।
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने 5जी सेवाओं के लिए 3.3 से 3.6 गीगाहर्ट्ज बैंड की आवृत्ति को उपयोग करने की सिफारिश की है। रक्षा और अंतरिक्ष विभाग के इस बैंड के लिए आरक्षित स्पेक्ट्रम के बाद मोबाइल सेवाओं के लिए मात्र 175 मेगाहर्ट्ज रेडियो तरंग ही बची हैं।
दूरसंचार सचिव ने कहा, ‘‘हम 5जी के लिए 3.5 गीगाहर्ट्ज बैंड की मध्यम श्रेणी में और अधिक स्पेक्ट्रम पाने की कोशिश कर रहे हैं। सब-1 गीगाहर्ट्ज बैंड श्रेणी में 700 मेगाहर्ट्ज को भी 5जी सेवाओं के लिए उपयोग किया जा सकता है।’’
प्रकाश ने कहा कि इस वित्त वर्ष में होने वाली स्पेक्ट्रम नीलामी में 26 गीगाहर्ट्ज बैंड के स्पेक्ट्रम की नीलामी नहीं की जाएगी। इस बैंड को भी संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार यूनियन (आईटीयू) ने 5जी सेवाओं के लिए मान्य किया है।