डिजिटल इंडिया मुहिम: ज्वैलरी निर्माताओं को मानक ऑनलाइन पर मिलेगा हॉलमार्किंग का लाइसेंस

By एसके गुप्ता | Published: August 21, 2020 08:22 PM2020-08-21T20:22:42+5:302020-08-21T20:22:42+5:30

आभूषण खरीदने वाले लोगों को तय मानक के अनुरूप खरे सोने के आभूषण मिल सकेंगे। ज्वैलरी पर लगे हॉलमार्किंग के चार निशान खरे सोने की पहचान को दर्शाएंगे। इसके अलावा ज्वैलरी उद्योग से जुड़े व्यापारियों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस मिलने से व्यापार में आसानी होगी।

Digital India Campaign Jewelery manufacturers get hallmarking license on standard online | डिजिटल इंडिया मुहिम: ज्वैलरी निर्माताओं को मानक ऑनलाइन पर मिलेगा हॉलमार्किंग का लाइसेंस

सोने की ज्वैलरी एवं शिल्पवस्तुओं की संख्या 5 करोड़ के वर्तमान स्तर से 10 करोड़ तक जा सकती है।

Highlightsकेंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि सोने की ज्वैलरी और शिल्पवस्तुओं की हॉलमार्किंग को अनिवार्य किया गया है। साल 2021 की शुरुआत में बिना हॉलमार्किंग की ज्वैलरी बाजार में नहीं बेची जाएगी। ऐसे में अनुमान है कि 5 लाख नए पंजीकरण  आवेदन आएंगे।ऐसे में ऑनलाइन प्रणाली का सर्वोत्तम पक्ष यह है कि आवेदन को प्रोसेस करने में किसी प्रकार का ह्यूमन हस्तक्षेप नहीं होगा।

नई दिल्लीः केंद्रीय उपभोक्ता मामले और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को मानकऑनलाइन डॉट इन पर आभूषण निर्माताओं के पंजीकरण, एसेयिंग और हॉलमार्किंग केंद्रों की मान्यता के लिए ऑनलाइन प्रणाली लॉन्च की।

उन्होंने कहा कि इससे आभूषण खरीदने वाले लोगों को तय मानक के अनुरूप खरे सोने के आभूषण मिल सकेंगे। ज्वैलरी पर लगे हॉलमार्किंग के चार निशान खरे सोने की पहचान को दर्शाएंगे। इसके अलावा ज्वैलरी उद्योग से जुड़े व्यापारियों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस मिलने से व्यापार में आसानी होगी।

केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि सोने की ज्वैलरी और शिल्पवस्तुओं की हॉलमार्किंग को अनिवार्य किया गया है। देश में फिलहाल पंजीकृत ज्वैलरों की संख्या 31000 है। साल 2021 की शुरुआत में बिना हॉलमार्किंग की ज्वैलरी बाजार में नहीं बेची जाएगी। ऐसे में अनुमान है कि 5 लाख नए पंजीकरण आवेदन आएंगे।

जिनका मेनयुअल निपटारा नहीं किया जा सकता। ऐसे में ऑनलाइन प्रणाली का सर्वोत्तम पक्ष यह है कि आवेदन को प्रोसेस करने में किसी प्रकार का ह्यूमन हस्तक्षेप नहीं होगा। कोई ज्वैलर जैसे ही अपेक्षित शुल्क के साथ आवेदन जमा करेगा, उसे पंजीकरण प्रदान कर दिया जाएगा। पंजीकरण संख्या की सूचना देते हुए उसे एक ईमेल और एसएमएस अलर्ट भेजा जाएगा और उस पंजीकरण संख्या का प्रयोग करके वह पंजीकरण प्रमाण पत्र manakonline.in से डाउनलोड कर सकेगा।

हॉलमार्किंग पूरी तरह लागू होने से खरीददारों में विश्वसनीयता बढेगी, जिससे सोने की ज्वैलरी एवं शिल्पवस्तुओं की संख्या 5 करोड़ के वर्तमान स्तर से 10 करोड़ तक जा सकती है। ऐसे में एसेयिंग एवं हॉलमार्किंग केन्द्रों की संख्या बढ़ानी होगी। देश में अभी 234 जिलों में 921 एसेयिंग एवं हॉलमार्किंग केन्द्र है।

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के तहत नए केन्द्र की शुरुआत होगी। लाइसेंस देने की पूरी प्रक्रिया को स्वचालित किया गया है। इसमें केन्द्रों का ऑडिट, ऑडिट रिपोर्ट की प्रस्तुति एवं मान्यता तथा नवीकरण मंजूरी शामिल है। पासवान ने कहा कि उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सोने की शुद्धता जानने के लिए पहले बीआईएस एप को लॉन्च किया गया था।

 इस ऐप की मदद से उपभोक्ता घर बैठे अपने गोल्ड की परख कर सकते हैं। ऐप बताएगा कि आपका सोना कितना खरा है और कितना नहीं। सोने में खोट, हॉलमार्क नंबर या रजिस्ट्रेशन गलत पाया जाता है तो ग्राहक इस ऐप की जरिए तुरंत बीआईएस पर शिकायत कर सकता है। 

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