ब्याज दरों में कटौती के RBI ने लिए फैसले, तो परेशान जमाकर्ता निकाल रहे हैं बैंकों से जमा राशि
By शीलेष शर्मा | Published: May 29, 2020 06:40 PM2020-05-29T18:40:44+5:302020-05-29T19:28:37+5:30
नकदी की निकासी ने रिकॉर्ड कायम किया है चार सप्ताह में 84461 करोड़ की नकद राशि देश भर में बैंकों से निकाली गयी।
नयी दिल्ली: सरकार और रिज़र्व बैंक के फैसलों से लॉक डॉउन में लोगों का बैंकों से विश्वास लगातार उठता जा रहा है ,आंकड़े बताते हैं कि लॉक डॉउन के दौरान जमाकर्ताओं ने बैंकों से बड़े पैमाने पर अपनी जमा धन राशि की निकासी की है, लगभग 53 हज़ार करोड़ की बड़ी रकम की निकासी लॉक डॉउन के शुरूआती पखवाड़े में ही लोगों ने निकाल ली, दरअसल आमतौर पर भारतीय बचत की अनेक स्कीमों जिसमें फ़िक्स डिपॉज़िट ,पीपीएफ ,एनएससी ,केवीपी शामिल हैं में भविष्य के लिये जमा करते आये हैं।
इतना ही नहीं नकदी की निकासी ने भी रिकॉर्ड कायम किया है चार सप्ताह में 84461 करोड़ की नकद राशि देश भर में बैंकों से निकाली गयी। कांग्रेस इसका एक बड़ा कारण रिज़र्व बैंक की नीतियों को मानती है। पार्टी की दलील है कि जिस तरह आरबीआई जमा पर ब्याज दरों को घटा रही है उसका व्यापक असर लोगों पर पड़ रहा है।
पार्टी के नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सरकार के फैसलों ने 30 करोड़ जमा कर्ताओं के साथ धोखा किया है ,यदि केवल स्टेट बैंक की बात करें तो इन 30 करोड़ जमाकर्ताओं को अपने जमा पर ब्याज़ से जो राशि मिलती थी उसमें 44670 करोड़ की कमी आयी है। यह रकम सरकार द्वारा घोषित राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेज की राशि 186650 करोड़ का 24 फ़ीसदी है ,उल्लेखनीय है कि 30 करोड़ जमाकर्ताओं ने बैंकों की जमा योजनाओं
में 14 लाख करोड़ का निवेश किया था जो अब लगातार निकासी का रास्ता तैय कर रहा है। एसबीआई ने जिस तरह ब्याज दरों को घटाने का सिलसिला शुरू किया है उससे जमाकर्ताओं का बैंकों से भरोसा उठता जा रहा है। कांग्रेस ने ब्याज दरों की कटौती को तुरंत वापस लेने की भी मांग सरकार से की है।