अब एक दिन में केवल निकाल पाएंगे इतने रुपये, SBI ने किया ऐलान

By स्वाति सिंह | Published: October 30, 2018 07:45 PM2018-10-30T19:45:55+5:302018-10-30T19:45:55+5:30

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने यहां कहा कि आईएलएंडएफएस संकट में कुछ ही सप्ताह में चीजें सामान्य हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस संकट के मद्देनजर प्रणाली को शीघ्रता से स्थिर करने की दिशा में सरकार और रिजर्व बैंक के साथ ही एसबीआई भी कोशिशें कर रहा है।

Daily Cash withdrawal limits for Classic and Maestro Debit Cards reduced from 40,000 to Rs 20,000 per day | अब एक दिन में केवल निकाल पाएंगे इतने रुपये, SBI ने किया ऐलान

अब एक दिन में केवल निकाल पाएंगे इतने रुपये, SBI ने किया ऐलान

भारत के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के अपने खाता धारकों और एटीएम धारकों के लिए बुधवार (31 अक्टूबर) से एटीएम से कैश निकालने की नई लिमिट लागू करने का ऐलान किया है। 

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक अब एसबीआई के क्लासिक और मास्ट्रो डेबिट कार्ड धारक केवल 20 हजार रुपये ही प्रतिदिन निकाल सकेंगे। बता दें कि पहले ये लिमिट 40, 000 प्रति दिन थी। 

उधर, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने यहां कहा कि आईएलएंडएफएस संकट में कुछ ही सप्ताह में चीजें सामान्य हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस संकट के मद्देनजर प्रणाली को शीघ्रता से स्थिर करने की दिशा में सरकार और रिजर्व बैंक के साथ ही एसबीआई भी कोशिशें कर रहा है।

कुमार ने कहा कि आईएलएंडएफएस बुनियादी संरचना एवं निर्माण के क्षेत्र में वित्तपोषण करने वाली अनोखी संस्थान रही। उन्होंने कहा कि भारत में बुनियादी संरचना में वित्तपोषण चाहे गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) कर रही हों या फिर बैंक कर रहे हों, उन्हें दिक्कतों का सामना करना ही पड़ेगा।

भारतीय वाणिज्य दूतावास में आयोजित नौवें नया भारत व्याख्यान के तहत परिचर्चा सत्र में कुमार ने कहा, ‘‘बुनियादी संरचना क्षेत्र मूल तौर पर निर्माण-परिचालन-हस्तांतरण तरीके पर आधारित है और इस क्षेत्र ने बैंकों के लिये भी समस्याएं खड़ी की हैं। इस क्षेत्र में वित्तपोषण को लेकर हमें भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है।’’ 

आईएलएंडएफएस तथा भारतीय अर्थव्यवस्था पर एनबीएफसी के प्रभाव के बारे में एक सवाल पूछे जाने पर कुमार ने कहा कि चूंकि आईएलएंडएएफएस एक एनबीएफसी है, इसका संक्रामक असर होता है।

उन्होंने कहा, ‘‘आईएलएंडएफएस के ऋण भुगतान में चूक करने से म्यूचुअल फंडों पर दबाव है। म्यूचुअल फंडों को तरल कोष प्रदान करने वाली कंपनियां काफी सावधान हो गयी हैं। इसके कारण म्यूचुअल फंड अपने निवेश के प्रति सजग हो गये हैं।’’ 

कुमार ने कहा कि आईएलएंडएफएस संकट के मद्देनजर एसबीआई ने भी बड़े कदम उठाये हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम इस तरह से तंत्र को स्थिर करने और परिस्थिति से निपटने की कोशिश कर रहे हैं। रिजर्व बैंक ने एनबीएफसी को तरलता प्रदान करने के लिए कदम उठाने की घोषणा की है। सरकार, रिजर्व बैंक और एसबीआई, हम तीनों तंत्र को शीघ्रता से स्थिर करने की कोशिशें कर रहे हैं। मेरा मानना है कि यह महज कुछ समय की बात है।।।एक दो सप्ताह में चीजें सामान्य हो जाएंगी।’’ 

दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा कि मौजूदा सरकार द्वारा किया गया यह सबसे महत्वपूर्ण सुधार है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह एक नया कानून है, एक नयी प्रक्रिया है। अत: यह निश्चित है कि कुछ झटके लगेंगे क्योंकि मुद्दा यह है कि किस तरह से संहिता के प्रावधानों की व्याख्या की जाती है।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा प्रवर्तकों के लिये यह यकीन कर पाना काफी मुश्किल है कि अब एक ऐसा भी कानून है जिसके तहत उन्हें कंपनी के ऊपर नियंत्रण से हाथ धोना पड़ सकता है। यह भारत में इससे पहले कभी नहीं हुआ। यही असली लड़ाई है लेकिन इसकी बेहद सख्त जरूरत थी।’’ 

कुमार ने कहा कि कुछ समय बाद मुकदमे कम हो जाएंगे और ऋणशोधन की प्रक्रिया 180 से 270 दिन की समयसीमा के भीतर पूरी होने लगेगी।

(भाषा इनपुट के साथ)
 

Web Title: Daily Cash withdrawal limits for Classic and Maestro Debit Cards reduced from 40,000 to Rs 20,000 per day

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे