लोन मोरेटोरियम मामले में ग्राहकों को मिलेगी राहत!, 1 अक्टूबर को हलफनामा दाखिल करेगी सरकार

By स्वाति सिंह | Published: September 29, 2020 08:22 AM2020-09-29T08:22:13+5:302020-09-29T08:22:13+5:30

केंद्र ने शीर्ष अदालत को बताया कि इस मामले में बहुत गंभीरता के साथ विचार किया गया है और निर्णय लेने की प्रक्रिया बेहद उन्नत स्तर पर है। न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह विभिन्न उद्योगों, व्यापार संघों और व्यक्तियों द्वारा दायर याचिका की सुनवाई पांच अक्टूबर को करेगी।

Customers will get relief in loan moratorium case !, government to file affidavit on October 1 | लोन मोरेटोरियम मामले में ग्राहकों को मिलेगी राहत!, 1 अक्टूबर को हलफनामा दाखिल करेगी सरकार

पीठ ने कहा कि वह विभिन्न उद्योगों, व्यापार संघों और व्यक्तियों द्वारा दायर याचिका की सुनवाई पांच अक्टूबर को करेगी।

Highlightsलोन मोरेटोरियम पर सुप्रीम कोर्ट में अंतिम सुनवाई 5 अक्टूबर तक के लिए टाल दी गई है। केंद्र सरकार ने सुनवाई के दौरान कोर्ट से समय मांगा है।

नई दिल्ली: लोन मोरेटोरियम पर सुप्रीम कोर्ट में अंतिम सुनवाई 5 अक्टूबर तक के लिए टाल दी गई है। केंद्र सरकार ने सुनवाई के दौरान कोर्ट से समय मांगा है। केंद्र ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर ऋण की किस्त टालने की अवधि के दौरान बैंकों द्वारा ब्याज वसूलने पर 2-3 दिन में फैसला होने की संभावना है। शीर्ष अदालत ने टाली गई किस्तों पर ब्याज लेने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र से निर्णय को रिकॉर्ड में लाने और संबंधित पक्षकारों को हलफनामा देने को कहा।

पीठ ने कहा, ''हम सोमवार (पांच अक्टूबर) को मामले की सुनवाई करेंगे। आपकी जो भी नीति है, जो भी आप चाहते हैं, उसे बताइए। हम इस मामले को सोमवार को सुनेंगे। हम आगे कोई स्थगन नहीं चाहते हैं। इस पीठ में न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायामूर्ति एम आर शाह भी शामिल हैं।     

केंद्र ने शीर्ष अदालत को बताया कि इस मामले में बहुत गंभीरता के साथ विचार किया गया है और निर्णय लेने की प्रक्रिया बेहद उन्नत स्तर पर है। न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह विभिन्न उद्योगों, व्यापार संघों और व्यक्तियों द्वारा दायर याचिका की सुनवाई पांच अक्टूबर को करेगी। पीठ में न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायामूर्ति एम आर शाह भी शामिल हैं। पीठ ने केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के बयान को दर्ज किया। मेहता ने कहा कि इस मुद्दे पर सरकार सक्रियता के साथ विचार कर रही है और इस पर दो-तीन दिनों के भीतर फैसला होने की संभावना है।

पीठ ने कहा कि मेहता गुरुवार तक संबंधित पक्षों को हलफनामा देने का प्रयास करें, ताकि इस मामले की सुनवाई पांच अक्टूबर को हो। पीठ ने कहा, ‘‘सरकार द्वारा लिए गए फैसले को हलफनामे के साथ रिकॉर्ड में लाया जाना चाहिए।’’ मेहता ने कहा कि इस मुद्दे पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है और निर्णय लेने के बाद हलफनामा दाखिल किया जा सकता है। इसके बाद पीठ ने कहा, ‘‘उन्होंने (मेहता) ने कहा है कि वह मामले में उपस्थित वकीलों को एक अक्टूबर तक ईमेल के जरिए हलफनामा भेज देंगे। मामले की सुनवाई पांच अक्टूबर 2020 को होगी।’’

मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार कई आर्थिक पहलुओं पर विचार कर रही है। पीठ ने कहा, ‘‘हम सोमवार (पांच अक्टूबर) को मामले की सुनवाई करेंगे। आपकी जो भी नीति है, जो भी आप चाहते हैं, उसे बताइए। हम इस मामले को सोमवार को सुनेंगे। हम आगे कोई स्थगन नहीं चाहते हैं।’’

मुख्य याचिकाकर्ता गजेंद्र शर्मा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव दत्ता ने कहा कि यह एक बेहद महत्वपूर्ण मामला है और बैंक ऐसे काम कर रहे हैं, मानो यह एक बहुत ही सामान्य मुद्दा है। मेहता ने उनसे 2-3 दिन इंतजार करने का अनुरोध किया, ताकि सरकार अंतिम फैसला ले सके। मेहता ने कहा, ‘‘मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि यह विचाराधीन है और यह बहुत ही उन्नत चरण में है।’’ 

Web Title: Customers will get relief in loan moratorium case !, government to file affidavit on October 1

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