फसल वर्ष 2020-21ः देश में तीस करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य, डेढ़ प्रतिशत अधिक
By भाषा | Published: September 21, 2020 08:10 PM2020-09-21T20:10:08+5:302020-09-21T20:10:08+5:30
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने इस आयोजन को संबोधित करते हुए फसल वर्ष 2019-20 में किसानों और राज्य सरकारों को 29 करोड़ 66 लाख 50 हजार टन के रिकार्ड खाद्यान्न उत्पादन के लिए बधाई दी। एक सरकारी बयान में कहा गया, ‘‘सम्मेलन में वर्ष 2020-21 के लिए 30.1 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।’’
नई दिल्लीः मानसून की बेहतर बारिश और खरीफ सत्र में खेती का अधिक रकबा होने के चलते सरकार ने फसल वर्ष 2020-21 के दौरान रिकॉर्ड 30.1 करोड़ टन के खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य रखा है।
यह आंकड़ा पिछले साल के उत्पादन से करीब 1.5 प्रतिशत अधिक है। रबी अभियान 2020 के लिये सामेवार को आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में फसल वर्ष 2020-21 (जुलाई-जून) के लिए यह लक्ष्य निर्धारित किया गया। सम्मेलन खरीफ मौसम की बुवाई (गर्मी की बुवाई) की प्रगति की समीक्षा करने और रबी फसलों की योजना के लिए आयोजित किया गया था।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने इस आयोजन को संबोधित करते हुए फसल वर्ष 2019-20 में किसानों और राज्य सरकारों को 29 करोड़ 66 लाख 50 हजार टन के रिकार्ड खाद्यान्न उत्पादन के लिए बधाई दी। एक सरकारी बयान में कहा गया, ‘‘सम्मेलन में वर्ष 2020-21 के लिए 30.1 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।’’
धान उत्पादन के लिये 11.96 करोड़ टन का लक्ष्य रखा गया
इस दौरान धान उत्पादन के लिये 11.96 करोड़ टन का लक्ष्य रखा गया है, जो पिछले वर्ष 11 करोड़ 84 लाख टन था। इसी प्रकार गेहूं उत्पादन के लिये 10 करोड़ 80 लाख टन का लक्ष्य तय किया गया है जो कि पिछले साल 10.76 करोड़ टन रहा था। मोटे अनाज का उत्पादन लक्ष्य, पिछले वर्ष के चार करोड़ 74 लाख 80 हजार टन के मुकाबले लगभग चार करोड़ 78 लाख टन रखा गया है।
दलहन उत्पादन का लक्ष्य वर्ष 2019-20 में दो करोड़ 31 लाख 50 हजार टन के उत्पादन के मुकाबले 2.56 करोड़ टन तय किया गया है, जबकि तिलहनों का उत्पादन पहले के तीन करोड़ 34 लाख टन के मुकाबले इस बार 3.70 करोड़ टन रखा गया है। तोमर ने कोविड -19 महामारी और लॉकडाऊन के बावजूद खरीफ मौसम में अधिक बुवाई के लिए कृषक समुदाय और राज्यों की सराहना की।
इस साल 11 सितंबर तक खरीफ फसलों की बुवाई 1,113 लाख हेक्टेयर में हुई है जो सामान्य रकबे से 46 लाख हेक्टेयर अधिक है। तोमर ने कहा कि सरकार कृषि के बुनियादी ढांचे और किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए क्रांतिकारी कदम उठा रही है।
उपज की विपणन स्वतंत्रता से संबंधित दो विधेयक संसद में पारित किए गए
हाल में, कृषि-उद्यमी, किसान संघ और स्थानीय सरकारी एजेंसियों द्वारा शीत भंडारगृहों, भंडारगृहों, पैकेजिंग, पकने और वैक्सिंग संयंत्रों की सुविधाएं खड़ी करने को चार साल के लिए एक लाख करोड़ रुपये की कृषि अवसंरचना निधि (एआईएफ) योजना शुरू की गई है।
मंत्री ने आगे कहा कि किसानों को उनकी उपज की विपणन स्वतंत्रता से संबंधित दो विधेयक संसद में पारित किए गए हैं। किसानों की उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक 2020 और मूल्य आश्वासन एवं कृषि सेवा किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता विधेयक 2020, से खेती और उससे जुड़ी गतिविधियों में लगे किसानों को बढ़ावा देगा।
किसानों को देशभर में कहीं भी अपनी उपज बेचने की स्वतंत्रता मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर मौजूदा नेटवर्क के जरिए खरीद के तौर तरीकों को जारी रखेगी। तोमर ने आगे कहा कि सरकार ने सूक्ष्म सिंचाई के तहत पांच वर्षों में 100 लाख हेक्टेयर को सिंचाई के दायरे में लाने का लक्ष्य रखा है।
नाबार्ड के साथ मिलकर सूक्ष्म सिंचाई के विस्तार के लिए 5,000 करोड़ रुपये का समर्पित सूक्ष्म सिंचाई कोष (एमआईएफ) बनाया गया है। वर्ष 2019-20 में, ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली को अपनाने से लगभग 11 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों के दौरान देश में सूक्ष्म सिंचाई के तहत 47.92 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को लाया गया है, जिसमें वर्ष 2019-20 के लिए 11.72 लाख हेक्टेयर शामिल है जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। सम्मेलन में कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला और कैलाश चौधरी भी उपस्थित थे।
The country has witnessed record food grain production of 296.65 million tonnes in 2019-20 under unfavourable conditions imposed by COVID-19. Pulses & oilseed production is expected to be at 23.15 & 33.42 million tonnes respectively: Union Agriculture Minister NS Tomar (file pic) pic.twitter.com/NKQJUdU6N3
— ANI (@ANI) September 21, 2020