अदालत ने ओएलएक्स, क्विकर को वेब पोर्टल पर रिलायंस में भर्ती का फर्जी विज्ञापन देने से रोका

By भाषा | Published: May 29, 2020 09:48 PM2020-05-29T21:48:43+5:302020-05-29T21:48:43+5:30

आरआईएल ने याचिका में कहा कि उसके पास जियो और रिलायंस का ट्रेडमार्क और मालिकाना हक है।

Court restrains OLX, Quikr from giving fake advertisement for recruitment in Reliance on web portal | अदालत ने ओएलएक्स, क्विकर को वेब पोर्टल पर रिलायंस में भर्ती का फर्जी विज्ञापन देने से रोका

सांकेतिक तस्वीर

Highlightsन्यायालय ने आरआईएल द्वारा दाखिल दो याचिकाओं पर बृहस्पतिवार को आदेश जारी किया।न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने दो अलग अंतरिम आदेश में कहा कि ऐसे विज्ञापन की अनुमति नहीं दी जाएगी।

नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने ओएलएक्स इंडिया और क्विकर इंडिया को अपने वेब पोर्टल पर ‘जियो जॉब्स’ और ‘रिलायंस ट्रेंड्स जॉब्स’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) की प्रतिष्ठा और साख को कथित तौर पर नुकसान पहुंचाने के लिए भर्ती के ‘फर्जी और भ्रामक’ विज्ञापन पोस्ट करने से रोक दिया है।

न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने दो अलग अंतरिम आदेश में कहा कि पहली नजर में आरआईएल और रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड के पक्ष में मामला बनता है और ऐसी स्थिति में उनको नुकसान पहुंचाने वाले विज्ञापन की अनुमति नहीं दी जाएगी। उच्च न्यायालय ने आरआईएल द्वारा दाखिल दो याचिकाओं पर बृहस्पतिवार को आदेश जारी किया।

आरआईएल ने याचिका में कहा कि उसके पास जियो और रिलायंस का ट्रेडमार्क और मालिकाना हक है। ओएलक्स इंडिया बीवी और ओएलएक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड तथा क्विकर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा इस नाम का इस्तेमाल करने से उनकी प्रतिष्ठा और साख को गहरा नुकसान पहुंचा है। दोनों वेब पोर्टल वर्गीकृत विज्ञापनों का प्रकाशन करते हैं।

इस पर समान बेचने के लिए विज्ञापन प्रकाशित किए जाते हैं । याचिकाओं में कहा गया है कि प्रतिवादी की वेबसाइटों पर फर्जी और भ्रामक विज्ञापनों को प्रकाशित किया गया । इसमें ‘जियो जॉब्स’, ‘रिलायंस ट्रेंड्स जॉब्स’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर जियो और रिलायंस के ट्रेडमार्क का उल्लंघन किया गया । ओएलएक्स के वकील ने उच्च न्यायालय से कहा कि उन्होंने पोर्टल के कुछ यूआरएल हटा दिए हैं और कुछ तकनीकी कारण से एक यूआरएल को हटाया नहीं जा सका।

इसके लिए काम किया जा रहा है। क्विकर इंडिया के वकील ने कहा कि उसके पोर्टल पर अपने आप विज्ञापनों की सूची प्रकाशित होती है । चूंकि वेब पोर्टल पर बड़ी संख्या में लोग विज्ञापन देते हैं इसलिए पोर्टल के पास इसकी सत्यता को परखने का तंत्र नहीं है। उच्च न्यायालय ने ओएलएक्स इंडिया और क्विकर इंडिया को समन जारी किया और मामले की अगली सुनवाई 21 सितंबर के लिए सूचीबद्ध की।  

Web Title: Court restrains OLX, Quikr from giving fake advertisement for recruitment in Reliance on web portal

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