25000 कर्मचारियों की जा सकती है नौकरी, अमेरिकन एयरलाइंस ने दी चेतावनी, जानिए कारण
By भाषा | Published: July 16, 2020 02:41 PM2020-07-16T14:41:47+5:302020-07-16T14:41:47+5:30
दुनिया में कोरोना का कहर जारी है। लाखों लोगों की नौकरियां दांव पर लगी है। इस बीच अमेरिकन एयरलाइंस ने लगभग 25,000 कर्मचारियों को सूचित किया है कि उनकी नौकरी जा सकती है।
डलासः अमेरिकन एयरलाइंस ने लगभग 25,000 कर्मचारियों को सूचित किया है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते हवाई यात्रा की मांग में भारी कमी के कारण अक्टूबर में उनकी नौकरियों को खत्म किया जा सकता है।
अमेरिकी के शीर्ष अधिकारियों ने कहा कि यदि पर्याप्त संख्या में श्रमिक दो साल तक के लिए आंशिक भुगतान के साथ अवकाश ले लेते हैं, तो यह छंटनी कम हो सकती है। एयरलाइन के सीईओ डग पार्कर और अध्यक्ष रॉबर्ट इसोम ने कर्मचारियों को भेजी नोटिस में कहा कि उन्हें छंटनी से बचे जाने की उम्मीद है, क्योंकि महामारी का प्रकोप कम पड़ने से एक अक्टूबर तक हवाई यात्रा की मांग में तेजी आने का अनुमान है।
ब्रिटेन में वेतन समर्थन पैकेज से बेरोजगारी पर लगी लगाम
ब्रिटेन में आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी के चलते लागू लॉकडाउन के दौरान सरकार के वेतन सहायता योजना के कारण बेरोजगारी को काबू में रखने में मदद मिली है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने गुरुवार को कहा कि मार्च और मई के बीच तीन महीनों में देश की बेरोजगारी दर 3.9% थी, जो इससे पिछली तिमाही के लगभग समान ही है।
इससे ऐसा लगता है कि ब्रिटिश अर्थव्यवस्था ने उस अवधि के दौरान सदी के सबसे बड़े संकुचन को खत्म कर दिया है। ब्रिटेन में सरकार उन कर्मचारियों के वेतन के अधिकांश हिस्से का भुगतान कर रही है, जिनकी छंटनी नहीं की गई है। इस कार्यक्रम का करीब 12 लाख नियोक्ताओं ने फायदा उठाया है, जिससे 94 लाख लोगों को अपनी नौकरी बचाने में मदद मिली, और इसके लिए सरकार को करीब 28.7 अरब पाउंड (36 अरब डॉलर) चुकाने पड़े।
महामारी के चलते मंदी से एशिया-प्रशांत की कंपनियों पर पड़ेगा दबाव: मूडीज
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण आयी वैश्विक मंदी एशिया-प्रशांत क्षेत्र की गैर-वित्तीय कंपनियों पर दबाव डालना जारी रखेगी। उसने कहा कि नकारात्मक ऋण रुझान 2020 की बाकी अवधि में भी जारी रहेगा।
उसने कहा कि हालांकि, उन्नत और उभरते दोनों बाजारों में राजकोषीय और मौद्रिक प्रोत्साहन कार्यक्रमों ने वित्तीय बाजारों को स्थिर करने में मदद की है और कंपनियों को अस्थायी राहत प्रदान की है। उसने कहा कि कंपनियों के परिचालन प्रदर्शन और वित्तपोषण की क्षमता वित्तीय बाजार के झटके की चपेट में है, खासकर यदि संक्रमण की एक दूसरी लहर के कारण नये सिरे से लॉकडाउन लगाये जाते हैं।
मूडीज समूह की क्रेडिट ऑफिसर एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष क्लारा लाउ ने कहा, "हमारा अनुमान है कि इस मंदी से उबरने में लंबा समय लगेगा। हालांकि लॉकडाउन की पाबंदियों में ढील से साल की दूसरी छमाही में क्रमिक वापसी को समर्थन मिलना चाहिये।’’ इस बीच मूडीज ने तीन सरकारी बीमा कंपनियों में सरकार के द्वारा 12,450 करोड़ रुपये की पूंजी डाले जाने को क्रेडिट पॉजिटिव बताया।