सिटीबैंक ने एक कंपनी के खाते में गलती से भेज दिए 6554 करोड़ रुपये, कोर्ट ने कहा- अब पैसा नहीं होगा वापस
By अनुराग आनंद | Published: February 18, 2021 01:04 PM2021-02-18T13:04:11+5:302021-02-18T13:09:56+5:30
अमेरिका की एक कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सिटी बैंक को 500 मिलियन अमरीकी डॉलर की वसूली करने की अनुमति नहीं होगी। बैंक ने गलती से कॉस्मेटिक कंपनी के खाते में भुगतान कर दिया था।
नई दिल्ली: सिटीबैंक ने बैंकिंग इतिहास में एक बड़ी गलती की है, इसकी वजह से बैंक को काफी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है। सिटी बैंक के एक छोटी सी चूक के कारण तगड़ी आर्थिक चपत लगने का मामला सामने आया है। दरअसल, सिटी बैंक के एक अधिकारी की गलती से कॉस्मेटिक कंपनी रेवलॉन के खाते में 6554 करोड़ रुपये का भारी-भरकम अमाउंट ट्रांसफर हो गया।
इंडिया डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, रेवलॉन को सिटी बैंक ने गलती से 6554 करोड़ रुपये की बड़ी रकम ट्रांसफर कर दी। मामला पकड़ में आने पर जब रेवलॉन से पैसे लौटाने को कहा गया तो उसने गलती से ट्रांसफर हुई इस रकम को वापस करने से इनकार कर दिया।
अदालत ने सिटी बैंक मामले में ये फैसला सुनाया है-
एक अधिकारी की चूक से रेवलॉन के अकाउंट में पहुंचे इस पैसे को सिटी बैंक अब तक वापस नहीं ले पाया है। इस पैसे की वापसी के लिए आखिरकार बैंक ने कोर्ट जाने का फैसला किया। इसके बाद अमेरिका के एक कोर्ट में इस मामले में काफी लंबी-लंबी बहस हुई। अमेरिकी कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करने के बाद सिटी बैंक की गलती को बैंकिंग सेक्टर के इतिहास की सबसे बड़ी चूक करार दिया है। साथ ही कहा कि बैंक इसके लिए जिम्मेदार है और जबरण कंपनी से पैसा वापस नहीं ले सकता है।
सिटी बैंक ने पैसा वापस लेने के लिए केस दर्ज कराया-
सिटी बैंक ने पहले तो गलती से भेजी गई राशि वापस पाने के लिए नोटिस भेजा, लेकिन जब 6554 करोड़ रुपये वापस नहीं मिले तो पिछले साल अगस्त में मुकदमा कर दिया। अब कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करने के बाद बैंक के खिलाफ अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कॉस्मेटिक कंपनी की गलती मानने से इनकार कर दिया और इस पूरे वाकये के लिए बैंक को जिम्मेदार माना है।
सिटी बैंक अब जिला जज के फैसले के खिलाफ अपील करेगा-
कोर्ट के इस फैसले के बाद सिटी बैंक ने कहा है कि अब वह जिला जज के फैसले के खिलाफ अपील करेगा। वहीं, बैंक के खिलाफ फैसला आने के बावजूद, पैसा पाने वाली संस्थाएं अभी उन रुपयों को खर्च नहीं कर सकतीं क्योंकि कोर्ट का एक अन्य फैसला लागू है। इस फैसले में पैसे खर्च करने पर अस्थाई रोक लगाई गई थी।