भारत में 59 चीनी ऐप बैन: CAIT ने कहा- मोदी सरकार को 7 करोड़ व्यापारियों का समर्थन, चीन के लिए कही ये बात
By पल्लवी कुमारी | Published: June 30, 2020 08:44 AM2020-06-30T08:44:04+5:302020-06-30T08:44:04+5:30
भारत में 59 चीनी ऐप बैन: केंद्र सरकार ने कहा कि ये ऐप देश की संप्रभुता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आईटी कानून और नियमों की धारा 69ए के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए इन एप्स पर प्रतिबंध लगाया है।
नई दिल्ली: भारत ने सोमवार (29 जून) को चीन से संबंध रखने वाले 59 मोबाइल ऐप पर बैन लगा दिया है। जिसमें लोकप्रिय टिक-टॉक और यूसी ब्राउजर जैसे ऐप भी शामिल हैं। चीन के 59 एप्स पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले को व्यापारियों के संगठन कैट (CAIT) ने समर्थन किया है।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने कहा कि 59 मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगाने का फैसला उसके 'चीन के सामान का बहिष्कार' अभियान के लिए एक बड़ा समर्थन है। कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने एक बयान में कहा, ''इस अभूतपूर्व कदम से कैट के 'चीन का बहिष्कार'अभियान को मजबूत करने में काफी मदद मिलेगी। चीन का बहिष्कार आंदोलन अब वास्तव में एक राष्ट्रीय वास्तविकता है और भारत के सात करोड़ व्यापारी केंद्र सरकार के साथ एकजुटता से खड़े हैं।''
पीएम मोदी इस फैसले के लिए बधाई के पात्र हैं: CAIT के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल
प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाकर भारत सरकार ने एक बहुत बड़ा कदम उठाया है। प्रधानमंत्री मोदी इस साहसिक निर्णय के लिए बधाई के पात्र हैं। प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, CAIT चीनी सामान के बहिष्कार के राष्ट्रीय अभियान के लिए भी बहुत बड़ा समर्थन है।
शेयरचैट ने भी चाइनीज ऐप बैन होने पर जताई खुशी
शेयरचैट के निदेशक (सार्वजनिक नीति) बर्जेस मालू ने भी इस कदम का स्वागत किया। उन्होंने कहा, गोपनीयता, साइबर सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर जोखिम बन चुके प्लेटफार्मों के खिलाफ सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है। हमें उम्मीद है कि सरकार भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को अपना समर्थन जारी रखेगी।
भारत में 59 चीनी ऐप बैन: जानें किस संस्था ने क्या कहा?
-InMobi ग्रुप के संस्थापक और सीईओ नवीन तिवारी ने कहा, "यह डिजिटल आत्मानिर्भर का क्षण है, जो ज्यादातर भारतीयों के लिए निहित है"।
-इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ISPAI) ने भी इस कदम की सराहना की। इसके अध्यक्ष राजेश छारिया ने कहा, "यह बहुत पहले किया जाना चाहिए, अच्छा कदम ... ISPAI आदेश आने के बाद इन ऐप को ब्लॉक करने के लिए बहुत तेजी से कार्य करेगा।"
Apple और Google ने इस मुद्दे पर फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की लेकिन सूत्रों ने कहा कि इन कंपनियों को अभी भी देश में इन ऐप को अवरुद्ध करने के लिए सरकार से आदेश प्राप्त करना है।
भारत सरकार ने बताया क्यों लगाया 59 चाइनीज ऐप पर बैन
भारत ने सोमवार (29 जून) को चीन से संबंध रखने वाले 59 मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आईटी कानून और नियमों की धारा 69ए के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए इन एप्स पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया।
आईटी मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा कि उसे विभिन्न स्रोतों से कई शिकायतें मिली हैं, जिनमें एंड्रॉइड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कुछ मोबाइल ऐप के दुरुपयोग के बारे में कई रिपोर्ट शामिल हैं। इन रिपोर्ट में कहा गया है कि ये ऐप ‘‘उपयोगकर्ताओं के डेटा को चुराकर, उन्हें गुपचुक तरीके से भारत के बाहर स्थित सर्वर को भेजते हैं।
बयान में कहा गया, भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति शत्रुता रखने वाले तत्वों द्वारा इन आंकड़ों का संकलन, इसकी जांच-पड़ताल और प्रोफाइलिंग अंतत: भारत की संप्रभुता और अखंडता पर आधात होता है, यह बहुत अधिक चिंता का विषय है, जिसके खिलाफ आपातकालीन उपायों की जरूरत है।
भारत में 59 चीनी ऐप बैन: जैनें लिस्ट में कौन-कौन से
चीन से संबंध रखने वाले 59 मोबाइल ऐप जो भारत में बैन किए गए हैं उस लिस्ट में वीचैट , बीगो लाइव ,हैलो, लाइकी, कैम स्कैनर, वीगो वीडियो, एमआई वीडियो कॉल - शाओमी, एमआई कम्युनिटी, क्लैश ऑफ किंग्स के साथ ही ई-कॉमर्स प्लेटफार्म क्लब फैक्टरी और शीइन शामिल हैं। ऐसे में इस फैसले ने चीनी प्रौद्योगिकी कंपनियों की बड़ी सफाई कर दी है।
भारत में टिकटॉक के 20 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं, जबकि शाओमी सबसे बड़ा मोबाइल ब्रांड है। अलीबाबा का यूसी ब्राउजर एक मोबाइल इंटरनेट ब्राउजर है, जो 2009 से भारत में उपलब्ध है। इसका दावा है कि सितंबर 2019 में दुनिया भर (चीन को छोड़कर) में उसके 1.1 अरब उपयोगकर्ता थे, जिसमें आधे भारत से थे। वेंचर इंटेलिजेंस के अनुसार अलीबाबा, टेंसेंट, टीआर कैपिटल और हिलहाउस कैपिटल सहित चीनी निवेशकों ने 2015 से 2019 के बीच भारत के स्टार्टअप कंपनी क्षेत्र में 5.5 अरब डॉलर से अधिक निवेश किया है। (पीटीआई- भाषा इनपुट के साथ)