ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन को बेचेगी मोदी सरकार, 100 फीसदी विनिवेश का कैबिनेट ने लिया फैसला
By पल्लवी कुमारी | Published: November 8, 2018 09:00 PM2018-11-08T21:00:05+5:302018-11-08T21:03:27+5:30
वर्तमान में सरकार के ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीसीआईएल) में 73.44 प्रतिशत हिस्सेदारी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसके साथ ही आंध्र प्रदेश में केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009 में संशोधन को मंजूरी दे दी है।
नरेन्द्र मोदी कैबिनेट ने सरकार ने ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के शत प्रतिशत शेयर किसी चुनिंदा कंपनी को बेचने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। सरकार ने 100 प्रतिशत विनिवेश का फैसला लिया है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और मोरक्को के बीच प्रत्यर्पण समझौते पर हस्ताक्षर करने और अनुमोदन को भी मंजूरी दे दी है, यह समझौता आर्थिक अपराधों, आतंकवाद और अन्य गंभीर अपराधों के आरोप में भगोड़ा अपराधियों के प्रत्यर्पण के लिए कानूनी आधार प्रदान करेगा।
The Union Cabinet has given in-principle approval for sale of enemy shares under the custody of Ministry of Home Affairs/Custodian of Enemy Property of India (CEPI)
— ANI (@ANI) November 8, 2018
वर्तमान में सरकार के ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीसीआईएल) में 73.44 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
एक आधिकारिक ने ट्वीट में बताया है कि, "सीसीईए(CCEA) ने डीसीआईएल(DCIL) में भारत सरकार के 100 प्रतिशत सरकार के रणनीतिक विनिवेश के लिए 4 बंदरगाहों, अर्थात् विशाखापत्तनम पोर्ट ट्रस्ट, परदीप पोर्ट ट्रस्ट, जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट और कंदला पोर्ट ट्रस्ट के कंसोर्टियम के लिए सामरिक विनिवेश के लिए सिद्धांत रूप से मंजूरी दे दी है।"
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसके साथ ही आंध्र प्रदेश में केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009 में संशोधन को मंजूरी दे दी है।
The Union Cabinet approves Amendment to the Central Universities Act, 2009 for setting up of Central Tribal University in Andhra Pradesh.
— ANI (@ANI) November 8, 2018