बजट 2019: 5 लाख पर टैक्स में छूट को लेकर क्या आप भी पड़ गए गलतफहमी में, यहां दूर कर लें सारा कन्फ्यूजन
By पल्लवी कुमारी | Published: February 1, 2019 08:59 PM2019-02-01T20:59:25+5:302019-02-02T10:26:32+5:30
Budget 2019: प्रभारी वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने मध्यम वर्ग और नौकरी पेशा तबके की मांग को स्वीकार करते हुए पांच लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय को कर मुक्त कर दिया। उन्होंने कहा कि वह कर स्लैब में फिलहाल कोई बदलाव नहीं कर रहे हैं लेकिन पांच लाख रुपये तक की आय पर कर से पूरी छूट होगी।
नरेन्द्र मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले ज्यादा से ज्यादा वर्गों को खुश करते हुए अंतरिम बजट पेश कर दिया है। बजट 2019 में जिस बात की सबसे अधिक चर्चा रही है वो है- मध्यम वर्ग और आम नौकरी पेशा तबके की पांच लाख रुपये तक की आय को कर मुक्त कर देना। प्रभारी वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने मध्यम वर्ग और नौकरी पेशा तबके की मांग को स्वीकार करते हुए पांच लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय को कर मुक्त कर दिया। उन्होंने कहा कि वह कर स्लैब में फिलहाल कोई बदलाव नहीं कर रहे हैं लेकिन पांच लाख रुपये तक की आय पर कर से पूरी छूट होगी।
पीयूष गोयल ने कहा- ''यदि आपने कर छूट वाली विभिन्न योजनाओं में निवेश किया है तो साढे़ छह लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं देना होगा।'' लेकिन लोगों ने इस जिस तरीके से समझा उसका गणित कुछ और ही है। मिडिल क्लास इस घोषणा के बाद गलतफहमी और कन्फूंजन दोनों का शिकार होगी। असल में लोगों ने समझा की टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया है। लेकिन अंतरिम बजट में पांच लाख तक टैक्सेबल इनकम ही टैक्स फ्री की गई है। टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बताया आखिर क्यों किया ऐसा?
बजट पेश होने के बाद पीयूष गोयल ने कहा, 'एक ऐसा वर्ग है जो निम्न मध्यम वर्ग है। पीएम मोदी इन्हें नियो मिडिल क्लास से पुकारते हैं। इन सबको अगर अभी टैक्स लाभ का पता नहीं चलता, तो टैक्स डिडक्शन की वजह से फाइनल बजट तक इनकम में कटौती होती और उनकी आमदनी घटती। इससे उनको रिफंड के लिए टैक्स विभाग के पास जाना होता। इस सब असुविधा से बचाने के लिए तीन करोड़ से अधिक टैक्सपेयर्स को यह लाभ दिया गया है।'
क्या है पांच लाख तक की टैक्स स्लैब का मतलब
वित्त मंत्री ने पांच लाख तक की टैक्स स्लैब का मतलब समझाते हुए कहा- पांच लाख तक की टैक्सेबल इनकम के सभी लोग टैक्स को टैक्स नहीं देना होगा। पीयूष गोयल ने कहा- इनकम टैक्स ऐक्ट के प्रावधान के मुताबिक डिडक्शन के बाद टैक्सेबल इनकम को गिना जाता है। किसी के भी डेढ़ लाख रुपये पीएफ में हो या घर खरीदने पर दो लाख का ब्याज दिया हो, मेडिकल के लिए डिडक्शन क्लेम किया हो, तो इसके बाद जिनकी इनकम पांच लाख से कम रहती है तो उनको कोई टैक्स नहीं देना होगा।
वित्त मंत्री के मुताबिक, इसको लेकर सरकार पर 18 करोड़ रुपये को बोझ बनेगा। इस घोषाण से सीधे तौर पर देश के तीन करोड़ नौकरीपेशा वाले लोगों को सीधे फायदा मिलेगा। बजट में मानक कटौती को 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है।
इसको ऐसे समझिए, मान लीजिए कि आपकी सैलरी साढे पांच लाख भी है तो भी आप टैक्स से बाहर हैं, क्योंकि सरकार ने बजट में मानक कटौती को 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है। यानी साढे पांच लाख सैलरी में से 50,000 रुपये घटाए जाए तो आपकी वार्षिक आय फिर से पांच लाख ही हो जाएगी। जिससे आपको टैक्स नहीं देना होगा।
2019 अंतरिम बजट में मोदी सरकार के द्वारा किया गया ऐलान
- छोटे किसानों को साल में 6,000 रुपये का नकद समर्थन, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिये मैगा पेंशन योजना और नौकरी पेशा तबके के लिये पांच लाख रुपये तक की वार्षिक आय को कर मुक्त कर दिया गया है। इन तीन क्षेत्रों के लिए बजट में कुल मिला कर करीब सवा लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है और इससे कुल मिला करीब 25 करोड़ लोगों को फायदा होगा।
- गोयल ने मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुये उनकी पांच लाख रुपये तक की सालाना आय को कर मुक्त कर दिया।
- मानक कटौती को भी मौजूदा 40 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया गया है। वित्त मंत्री की इस घोषणा के समय सदन सत्ता पक्ष के सदस्यों की मेजों की थपथपाहट से गूंज गया।
- महिलाओं के लिए उज्ज्वला योजना में 6 करोड़ मुफ्त गैस कनेक्शन दिए।
- डिजिटल इंडिया कैंपेन के तहत एक लाख डिजिटल विलेज बनाने की है।
- वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को घोषणा की कि केंद्र गायों के कल्याण के लिए 'कामधेनु योजना' स्थापित करेगा।
- वित्त वर्ष 2019-20 के लिए रक्षा बजट 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक रखा गया है।
- आयुष्मान योजना' से 10 लाख लोगों को मिला मुफ्त इलाज, हरियाणा में बनेगा 22वां एम्स