बज़ट 2019: इन सेक्टर में नरेंद्र मोदी सरकार कर सकती है लोकलुभावनी घोषणाएँ, पढ़ें एक्सपर्ट की राय
By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Published: January 31, 2019 10:04 AM2019-01-31T10:04:05+5:302019-01-31T10:19:49+5:30
मौजूदा नरेंद्र मोदी सरकार अपना आखिरी बज़ट एक फ़रवरी को पेश करेगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली के बीमार होने की वजह से उनके मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार रेल मंत्री पीयूष गोयल को दिया गया है। माना जा रहा है कि बज़ट 2019 गोयल ही पेश करेंगे। चंद महीनों के अंदर लोक सभा चुनाव 2019 होने हैं इसलिए यह अंतरिम बज़ट होगा।
इन दिनों देश के करोड़ों लोगों की निगाहें मोदी सरकार के द्वारा 1 फरवरी को प्रस्तुत किए जाने वाले वर्ष 2019-20 के अंतरिम बजट की ओर लगी हुई हैं. यह अंतरिम बजट वित्त मंत्नालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी सम्हाल रहे रेल मंत्नी पीयूष गोयल के द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा.
सरकार ने आम आदमी, किसानों, छोटे उद्यमियों, कारोबारियों, मध्यम वर्ग और छोटे आयकरदाताओं के लिए राहत के स्पष्ट संकेत भी दिए हैं. चूंकि 2019-20 का अंतरिम बजट आम चुनाव के पहले का आखिरी बजट होगा, अतएव इसे लोक-लुभावन बनाए जाने की संभावनाएं हैं.
नया अंतरिम बजट प्रमुखतया खेती और किसानों को लाभान्वित करते हुए दिखाई दे सकता है. सरकार इस बजट में नकद के रूप में राहत देने के लिए ऐसी योजना प्रस्तुत कर सकती है जिसके तहत किसानों का वित्तीय बोझ कम करने के लिए सब्सिडी की जगह सीधे उनके खातों में नकद रकम ट्रांसफर की जाएगी.
सरकार खेती-बाड़ी से जुड़ी तमाम तरह की सब्सिडी को जोड़ने की एक उपयुक्त योजना प्रस्तुत कर सकती है, जिसमें करीब 70 हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था जरूरी होगी. कृषि कर्ज का लक्ष्य 10 फीसदी बढ़ाकर करीब 12 लाख करोड़ रु. किया जा सकता है. आयकर की दर घटाकर 10 प्रतिशत और 10 से 20 लाख रु पए की आय पर 20 प्रतिशत तथा 20 लाख रु पए से अधिक की आय पर 25 प्रतिशत आयकर लगाया जा सकता है.
सीनियर सिटिजन एवं महिला वर्ग के लिए आयकर में छूट की सीमा भी बढ़ाई जा सकती है. इसके साथ ही बचत को प्रोत्साहन देने के लिए धारा 80सी के तहत कटौती की सीमा बढ़ाकर 2.50 लाख रु पए की जा सकती है. इसके अलावा चिकित्सा खर्च और परिवहन भत्ते पर भी आयकर छूट मिल सकती है. आगामी बजट में छोटी-बड़ी हर प्रकार की कंपनियों पर कार्पोरेट कर की दर घटाकर 25 फीसद रखी जा सकती है. इससे कारोबार का विस्तार होगा और कर संग्रह भी बढ़ेगा.
नए अंतरिम बजट के तहत रियल एस्टेट को प्रोत्साहन दिखाई दे सकता है. यदि इस सेक्टर को उद्योग का दर्जा मिलता है तो इससे जुड़े अन्य उद्योगों को भी तेजी मिलेगी. इससे कम दर पर फंडिंग हासिल करने में भी मदद मिलेगी. डिजिटल ट्रांजेक्शन करने पर टैक्स में छूट दी जा सकती है.
स्टार्टअप्स के लिए एंजेल टैक्स खत्म करने और ई-केवाईसी में ढील की स्थिति दिखाई दे सकती है. एंजेल टैक्स के कारण स्टार्टअप्स में निवेश बाधित हो रहा है. नए अंतरिम बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा, छोटे उद्योग-कारोबार और कौशल विकास जैसे विभिन्न आवश्यक क्षेत्नों के लिए बजट आवंटन बढ़ते हुए दिखाई दे सकता है.
निर्यातकों को रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर विशेष इंसेटिव दिया जा सकता है. सालाना पांच करोड़ रुपए तक बिजनेस वाली कंपनियों को कर्ज पर ब्याज में 2 फीसदी तक छूट देने का प्रोत्साहन सुनिश्चित किया जा सकता है.