आर्थिक वृद्धि के सुझावों पर पीएनबी, बैंक आफ बड़ौदा समेत कई बैंकों ने की बैठकें
By भाषा | Published: August 19, 2019 07:37 PM2019-08-19T19:37:04+5:302019-08-19T19:37:04+5:30
पीएनबी के प्रबंध निदेशक सुनील मेहता ने बेहतर तरीके से बैंक कार्यों को लेकर अनूठे उपायों के उपयोग और अलग सोच को लेकर आकांक्षवादी बैंक अधिकारियों को प्रोत्साहित करने की जरूरत पर बल दिया।
सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), बैंक आफ बड़ौदा और कार्पोरेशन बैंक ने क्षेत्र को भविष्य के लिये तैयार करने और आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान के इरादे से शाखा स्तर पर दो दिवसीय परामर्श बैठकों का आयोजन किया है। वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग के निर्देश पर 17-18 अगस्त को दो दिवसीय परामर्श बैठकें हुई।
बैंक आफ बड़ौदा ने एक बयान में कहा, बैठक में बैंकों विशेषकर हमारे बैंक के कामकाज में सुधार को लेकर क्रियान्वयन योग्य और कई अनूठे सुझाव आए। बैठक में वित्तीय सेवा विभाग के अतिरिक्त सचिव देबाशीष पांडा भी शामिल हुए। बयान के अनुसार सुझाव प्राप्त करने को लेकर शाखा स्तर पर प्रबंधकों के साथ बैठक की गयी। इन सुझावों और विचारों पर राज्य स्तर तथा राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली बैठकों में चर्चा की जाएगी। इसमें बैंकों को भविष्य के लिये तैयार करने को लेकर कामकाज की समीक्षा की जाएगी।
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने भी अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को कर्ज बढ़ाने को लेकर उपायों, प्रौद्योगिकी के अधिक-से-अधिक उपयोग और बैंक को ग्राहक केंद्रित बनाने के साथ किसानों, लघु उद्योगों, उद्यमियों, युवा छात्रों और महिलाओं की जरूरतों के मुताबिक अधिक बेहतर तरीके से कार्य करने पर विचार और सुझावों के लिये इसी प्रकार की बैठक का आयोजन किया है।
पीएनबी के प्रबंध निदेशक सुनील मेहता ने बेहतर तरीके से बैंक कार्यों को लेकर अनूठे उपायों के उपयोग और अलग सोच को लेकर आकांक्षवादी बैंक अधिकारियों को प्रोत्साहित करने की जरूरत पर बल दिया। कार्पोरेशन बैंक के अनुसार परामर्श प्रक्रिया से राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ जमीनी स्तर पर काम करने का भाव मजबूत हुआ है।
बयान के अनुसार बैंक बैठकों से निकले सुझावों और विचारों को क्रियान्वित करने के लिये कदम उठाने जा रहा है ताकि बैंक को विकास की जो जिम्मेदारी मिली है, उसे पूरा किया जा सके। पंजाब एंड सिंध बैंक ने कहा कि राष्ट्रीय प्राथमिकताओं तथा देश की आर्थिक वृद्धि में भागीदारी को ध्यान में रखते हुए बैंक अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किये गये।