दिग्गज कारोबारी ने पीएम मोदी को दिया सरकारी कंपनियां बेचने का सुझाव, कहा- उद्योग धंधे चलाना सरकार का काम नहीं!

By भाषा | Published: June 23, 2019 04:35 PM2019-06-23T16:35:14+5:302019-06-23T16:35:14+5:30

दिग्गज कारोबारी अनिल अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुझाव दिया है कि केंद्र सरकार को एनएमडीसी सहित खनन क्षेत्र से जुड़ी पांच कंपनियों का निजीकरण कर देना चाहिए।

Big businessman gave a suggestion to PM Modi, said, it is not the govt work to run industry business | दिग्गज कारोबारी ने पीएम मोदी को दिया सरकारी कंपनियां बेचने का सुझाव, कहा- उद्योग धंधे चलाना सरकार का काम नहीं!

दिग्गज कारोबारी ने पीएम मोदी को दिया सरकारी कंपनियां बेचने का सुझाव, कहा- उद्योग धंधे चलाना सरकार का काम नहीं!

Highlightsप्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को 40 से अधिक अर्थशास्त्रियों एवं विभिन्न क्षेत्रों के उद्योग विशेषज्ञों के साथ बैठक की थी। जिन उद्योगपतियों को बैठक में बुलाया गया था उनमें से एक अनिल अग्रवाल थे।

नयी दिल्ली, 23 जून: दिग्गज कारोबारी अनिल अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुझाव दिया है कि केंद्र सरकार को एनएमडीसी सहित खनन क्षेत्र से जुड़ी पांच कंपनियों का निजीकरण कर देना चाहिए। उनके मुताबिक इससे भारत को हर साल कम-से-कम 400 अरब डॉलर की बचत होगी। यह राशि आयात पर खर्च होती है। उन्होंने कहा कि उद्योग- धंधे चलाना सरकार का काम नहीं है।

वेदांता रिसोर्सिस के चेयरमैन अग्रवाल ने बजट पूर्व आयोजित बैठक में प्रधानमंत्री से कहा कि नौकरियों में छंटनी के बिना इन उद्योगों का निजीकरण करने से इनकी क्षमता बढ़ेगी एवं घरेलू उत्पादन बढ़ेगा, जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को 40 से अधिक अर्थशास्त्रियों एवं विभिन्न क्षेत्रों के उद्योग विशेषज्ञों के साथ बैठक की थी। यह बैठक बजट पूर्व सलाह लेने एवं परिचर्चा के लिये बुलाई गई थी। जिन उद्योगपतियों को बैठक में बुलाया गया था उनमें से एक अनिल अग्रवाल थे।

अग्रवाल ने इस बैठक में खनन एवं प्राकृतिक संसाधन क्षेत्र में बेहतरी से जुड़े सुझाव दिए। वहीं टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र और आईटीसी के चेयरमैन संजीव पुरी ने अर्थव्यवस्था में मूल्य संवर्धन के बारे में प्रधानमंत्री को अपने सुझाव दिए। वेदांता रिसोर्सिस के चेयरमैन अग्रवाल ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ''नीति आयोग की ओर से शनिवार को आयोजित बैठक में शामिल होना मेरे लिए गर्व की बात थी और मैंने प्रधानमंत्री को सुझाव दिया कि उद्योग- धंधे चलाना, कारोबार करना सरकार का काम नहीं है। सरकार को हिन्दुस्तान जिंक, हिन्दुस्तान कॉपर, कोलार गोल्ड, यूरेनियम कॉरपोरेशन, शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और एनएमडीसी सहित कम-से-कम पांच कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेच देनी चाहिए।''

उन्होंने कहा कि नौकरियों का नुकसान किये बिना कंपनियों का निजीकरण करना अच्छा तरीका है। अग्रवाल ने कहा, ''जब हमने हिन्दुस्तान जिंक के बहुलांश शेयर खरीदे थे तो उसमें 5,000 कर्मचारी थे। आज कंपनी में 25,000 कर्मचारी हैं।'' उन्होंने कहा कि देश में अगर तेल एवं गैस, खनिज एवं धातु का उत्पादन नहीं बढ़ाया जाता है तो भारत का आयात खर्च 400 अरब डॉलर से बढ़कर 1,000 अरब डॉलर तक पहुंच जायेगा।

अग्रवाल ने कहा, ‘‘यदि हम तेल का उत्पादन बढ़ाकर दोगुना कर देते हैं और सोने का उत्पादन 300 टन तक बढ़ा देते हैं तो चालू खाते में होने वाला पूरा घाटा समाप्त हो जायेगा।’’ उन्होंने कहा कि बैंकों और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को पूरी स्वायत्ता दी जानी चाहिये। इसके लिये इन उपक्रमों में सरकार की हिस्सेदारी को कम करके 50 प्रतिशत कर दिया जाना चाहिये। कंपनियों को पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड की तरह पूरी तरह निदेशक मंडल द्वारा संचालित कंपनी बनाया जाना चाहिये।

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