अनिल अंबानी को झटका, रिजर्व बैंक ने रिलायंस कैपिटल के निदेशक मंडल को भंग किया, जानिए क्या है कारण

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 29, 2021 06:53 PM2021-11-29T18:53:41+5:302021-11-29T18:54:40+5:30

भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को अनिल अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस समूह की कंपनी रिलायंस कैपिटल लि. (आरईएल कैप) के निदेशक मंडल को भंग करते हुए प्रशासक की नियुक्ति की है।

Anil Ambani’s Reliance Capital over defaults in payment RBI supersedes board  | अनिल अंबानी को झटका, रिजर्व बैंक ने रिलायंस कैपिटल के निदेशक मंडल को भंग किया, जानिए क्या है कारण

मुंबई से भी ऋण शोधन समाधान पेशेवर के रूप में प्रशासक नियुक्त करने का आग्रह करेगा।

Highlightsरिजर्व बैंक ने कहा कि निदेशक मंडल को भंग कर दिया गया है। कंपनी का निदेशक मंडल इन मुद्दों का समाधान प्रभावी तरीके से नहीं कर पाया।2019 के तहत कंपनी को लेकर समाधान प्रक्रिया शुरू करेगा।

मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अनिल अंबानी समूह की रिलायंस कैपिटल का अधिग्रहण कर लिया है। यह 'चूक' और 'गंभीर सरकारी चिंताओं' के कारण किया गया। निदेशक मंडल को भंग करते हुए प्रशासक की नियुक्ति की है। कंपनी के भुगतान बाध्यताओं को पूरा करने में विफल रहने के बाद यह कदम उठाया गया है।

रिजर्व बैंक ने कहा कि निदेशक मंडल को भंग कर दिया गया है। ‘‘कंपनी के अपने कर्जदाताओं को कर्ज लौटाने में चूक और कंपनी संचालन से जुड़ी गंभीर चिंताओं को देखते हुए यह कदम उठाया गया। कंपनी का निदेशक मंडल इन मुद्दों का समाधान प्रभावी तरीके से नहीं कर पाया।’’

केंद्रीय बैंक ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र के पूर्व कार्यकारी निदेशक नागेश्वर राव वाई को गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) का प्रशासक नियुक्ति किया है। केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा, ‘‘रिजर्व बैंक जल्दी ही ऋण शोधन अक्षमता और दिवाला (वित्तीय सेवा प्रदाताओं की दिवाला और परिसमापन कार्यवाही और न्यायनिर्णय प्राधिकरण को आवेदन) नियम, 2019 के तहत कंपनी को लेकर समाधान प्रक्रिया शुरू करेगा।

रिजर्व बैंक राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी), मुंबई से भी ऋण शोधन समाधान पेशेवर के रूप में प्रशासक नियुक्त करने का आग्रह करेगा। रिलायंस कैपिटल ने 27 नवंबर को स्टॉक एक्सचेंज को जानकारी दी थी।

सेबी ने एआरएसएस इंफ्रा, छह अन्य को पूंजी बाजार से प्रतिबंधित किया, जुर्माना लगाया

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एआरएसएस इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स लि. और छह लोगों को कंपनी के वित्तीय स्थिति के बारे में गलत जानकारी देने को लेकर पूंजी बाजार से एक साल तक के लिये प्रतिबंधित कर दिया है और उनपर कुल 47.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

इन छह लोगों (कंपनी के निदेशकों, मुख्य कार्यपालक अधिकारी और मुख्य निवेश अधिकारी) पर छह महीने या एक साल की पाबंदी लगायी गयी है। साथ ही 1.5 लाख रुपये से लेकर 7.5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया गया है। छह व्यक्तियों में से, सेबी ने एआरएसएस इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स (एआईपीएल) के बोर्ड में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नामित कृष्णा चंद्र राउत को छह महीने के लिए पूंजी बाजार से प्रतिबंधित कर दिया है और उन पर 1.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है अपने आदेश में सेबी ने कहा कि एआईपीएल सही वित्तीय ब्योरा देने में नाकाम रही।

साथ ही ऐसे सौदे किये जो जो सही नहीं थे। इस प्रकार कंपनी का गलत वित्तीय ब्योरा देने के साथ उसके कोष का दुरुपयोग किया गया। नियामक के अनुसार, कंपनी के निदेशकों, मुख्य कार्यपालक अधिकारी और मुख्य वित्त अधिकारी अपने कर्तव्य का निवर्हन करने में नाकाम रहे।

सेबी ने 25 नवंबर के आदेश में कहा कि इस प्रकार की गतिविधियों में शामिल होकर कंपनी और छह लोगों ने सूचीबद्धता बाध्यता तथा खुलासा जरूरत संबंधी नियम का उल्लंघन किया। इसके आधार पर एआईपीए को पूंजी बाजार से एक साल के लिये प्रतिबंधित करने के साथ 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

एक अलग आदेश में नियामक ने सेबी पंजीकरण के बिना निवेश सलाहकार का कार्य कर रहे ऋषि सकुजा पर 12 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा तीन अलग-अलग आदेशों में सेबी ने आस्तिक गोयल, अभय वर्मा एचयूएफ, शिवम चौधरी एचयूएफ (हिंदु अविभाजित परिवार) पर बीएसई में कम कारोबार वाले शेयर विकल्प अनुबंधों में गलत तरीके से व्यापार में लिप्त होने के लिए प्रत्येक पर 5-5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

(इनपुट एजेंसी)

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