इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक के साथ विलय, अधिकारियों और कर्मचारियों का मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन
By भाषा | Published: September 17, 2019 05:06 AM2019-09-17T05:06:25+5:302019-09-17T05:06:25+5:30
इलाहाबाद बैंक ने बयान में कहा, ‘‘सेबी की सूचीबद्धता प्रतिबद्धता और खुलासा अनिवार्यता के तहत निदेशक मंडल की सोमवार को हुई बैठक में इस प्रस्ताव पर विचार किया गया और इस विलय को सैद्धान्तिक मंजूरी दी गई।’’
सार्वजनिक क्षेत्र के इलाहाबाद बैंक के निदेशक मंडल ने बैंक का इंडियन बैंक के साथ विलय करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इससे देश का सातवां सबसे बड़ा सरकारी बैंक अस्तित्व में आएगा। वहीं इलाहाबाद बैंक के कर्मचारियों और अधिकारियों ने विलय प्रस्ताव के खिलाफ बैंक के मुख्यालय के सामने प्रदर्शन किया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 30 अगस्त को सार्वजनिक क्षेत्र के दस बैंकों के एकीकरण के जरिये चार बैंक बनाने की घोषणा की थी। इलाहाबाद बैंक ने बयान में कहा, ‘‘सेबी की सूचीबद्धता प्रतिबद्धता और खुलासा अनिवार्यता के तहत निदेशक मंडल की सोमवार को हुई बैठक में इस प्रस्ताव पर विचार किया गया और इस विलय को सैद्धान्तिक मंजूरी दी गई।’’ इस बीच, बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों ने बैंक के मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
बैंक कर्मचारी संघ के एक पदाधिकारी ने दावा किया कि इंडियन बैंक के साथ विलय का प्रस्ताव गैरकानूनी है। नयी दिल्ली की खबर के अनुसार, कॉरपोरेशन बैंक के निदेशक मंडल ने भी अपने यूनियन बैंक आफ इंडिया के साथ विलय प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। बैंक ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में यह जानकारी दी। इससे पहले यूनियन बैंक आफ इंडिया ने नौ सितंबर को सूचित किया था कि उसके निदेशक मंडल ने आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक के उसमें विलय को मंजूरी दे दी है।