एजीआर मामलाः सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ एयरटेल, वोडाफोन आइडिया ने दायर की पुनर्विचार याचिका
By रामदीप मिश्रा | Published: November 22, 2019 05:46 PM2019-11-22T17:46:22+5:302019-11-22T17:46:22+5:30
AGR issue: लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क समेत भारती एयरटेल पर सर्वाधिक 42,000 करोड़ रुपये की देनदारी बनी। वहीं वोडाफोन-आइडिया पर यह 40,000 करोड़ रुपये, जियो को केवल 14 करोड़ रुपये के आसपास देना पड़ सकता है।
भारती एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और अन्य दूरसंचार कंपनियों ने शुक्रवार (22 नवंबर) को समायोजित सकल आय (एजीआर) के मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट फैसले पर फिर से समीक्षा के लिए पुनर्विचार याचिका दायर की है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को एजीआर मुद्दे पर 92,000 करोड़ से अधिक का भुगतान करने का आदेश दिया था।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया, टाटा टेलीसर्विसेज ने सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए 24 अक्टूबर के आदेश पर समीक्षा करने के लिए पुनर्विचार याचिका दायर की है। शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में दूरसंचार कंपनियों को एजीआर (एडजस्टेबल ग्रॉस रेवेन्यू) मुद्दे पर केंद्र को लगभग 92,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया था।
Bharti Airtel, Vodafone Idea, Tata Teleservices file review petitions in Supreme Court challenging the Court's earlier order of October 24, which had directed the telecom companies to pay around Rs 92,000 crores to the Centre on AGR (Adjusted Gross Revenue) issue. pic.twitter.com/GIndtWSOsZ
— ANI (@ANI) November 22, 2019
सरकार ने संशोधित आय के आधार पर लाइसेंस शुल्क मद में भारती एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया और कई बंद हो चुकी दूरसंचार परिचालकों से 92,000 करोड़ रुपये की मांग की है। लेकिन स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क, जुर्माना और ब्याज को जोड़ने के बाद वास्तविक भुगतान करीब 1.4 लाख करोड़ रुपये बैठेगा।
लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क समेत भारती एयरटेल पर सर्वाधिक 42,000 करोड़ रुपये की देनदारी बनी। वहीं वोडाफोन-आइडिया पर यह 40,000 करोड़ रुपये, जियो को केवल 14 करोड़ रुपये के आसपास देना पड़ सकता है। शेष राशि एयरसेल और रिलायंस कम्युनिकेशंस जैसे अन्य परिचालकों पर निकल सकती है।
एजीआर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बकाया सांविधिक देनदारियों के लिए भारी खर्च के प्रावधान के चलते वोडाफोन, आइडिया और भारती एयरटेल को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कुल मिलाकर करीब 74,000 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। इसमें वोडाफोन आइडिया ने पुरानी सांविधिक देनदारियों के लिए दूसरी तिमाही में ऊंचे प्रावधान के चलते 50,921 करोड़ रुपये और जबकि भारती एयरटेल ने इसी के चलते 23,045 करोड़ रुपये का नुकसान दिखाया है।
इससे पहले टाटा मोटर्स ने अक्टूबर-दिसंबर 2018 की तिमाही में 26,961 करोड़ रुपये का तिमाही नुकसान दिखाया था। यह उस समय तक किसी भारतीय कंपनी का सबसे बड़ा तिमाही घाटा था। वोडाफोन आइडिया ने पुरानी सांविधिक देनदारी के लिए समीक्षावध में 25,680 करोड़ रुपये और भारती एयरटेल ने 28,450 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।