आर्थिक मंदी के बीच नौकरी में कटौती की योजना बना रही 50 फीसदी कंपनियां: रिपोर्ट
By रुस्तम राणा | Published: August 19, 2022 10:19 PM2022-08-19T22:19:15+5:302022-08-19T22:34:03+5:30
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सभी रेस्पोंडेंट्स में से 50 प्रतिशत अपने समग्र हेडकाउंट को कम कर रहे हैं। 46 प्रतिशत साइनिंग बोनस को गिरा रहे हैं या कम कर रहे हैं और 44 प्रतिशत ऑफर रद्द कर रहे हैं।
नई दिल्ली: एक रिपोर्ट के अनुसार, आर्थिक मंदी के बीच 50 प्रतिशत कंपनियां अपने कर्मचारियों की की छंटनी करने की योजना बना रही हैं। ज्यादातर कंपनियां आर्थिक मंदी के बीच बोनस कम कर रही हैं और नौकरी की पेशकश को रद्द कर रही हैं। अमेरिका में नवीनतम पीडब्ल्यूसी 'पल्स: 2022 में व्यावसायिक जोखिमों का प्रबंधन' सर्वेक्षण ने यह दावा किया है।
रिपोर्ट के लिए कराए गए सर्वेक्षण के अनुसार, 50 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने अपने समग्र हेडकाउंट को कम कर रहे हैं और बिजनेस लीडर्स प्रतिभा को काम पर रखने और बनाए रखने के बारे में चिंतित हैं। साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है, उत्तरदाता कार्यबल को सुव्यवस्थित करने और भविष्य के लिए वर्कर स्किल का उपयुक्त मिश्रण स्थापित करने के लिए सक्रिय कदम उठा रहे हैं।"
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कंपनियां 46 प्रतिशत साइनिंग बोनस को गिरा रही हैं या कम कर रही हैं। इसके अलावा 44 प्रतिशत ऑफर रद्द किए गए हैं। जुलाई तक अमेरिका में 32,000 से अधिक तकनीकी कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। जिसमें माइक्रोसॉफ्ट और मेटा (पूर्व में फेसबुक) जैसी बड़ी टेक कंपनियां शामिल हैं।
वहीं भारत के आंकड़ों पर नजर डालें तो कोरोना महामारी शुरू होने के बाद से यहां 25,000 से अधिक स्टार्टअप श्रमिकों ने नौकरी खो दी है और इस वर्ष 12,000 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है।
पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि ये एहतियाती कदम कुछ उद्योगों में ज्यादा हैं। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है, "उपभोक्ता बाजार और प्रौद्योगिकी, मीडिया और दूरसंचार कंपनियों के श्रम की कमी को दूर करने के लिए ऑटोमेशन (स्वचालित) में निवेश करने की अधिक संभावना है।"
रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनियां मानव श्रम को छोड़ स्वचालन की ओर और अधिक बढ़ रही हैं। हालांकि सही प्रतिभा के बिना, ऑटोमेशन वादा की गई दक्षताओं को पूरा करने और परिचालन जोखिम को बढ़ाने में विफल हो सकता है।