तो इस वजह से जमाने भर से 'पंगा' लेती हैं बॉलीवुड की क्वीन कंगना रनौत, पढ़ें पूरी खबर

By भाषा | Published: September 13, 2020 02:08 PM2020-09-13T14:08:37+5:302020-09-13T14:08:37+5:30

23 मार्च 1987 को हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में एक छोटे से कस्बे भांबला में जन्मी कंगना की परवरिश एक रूढ़िवादी संयुक्त परिवार में हुई। उनकी मां आशा रनौत एक स्कूल में शिक्षिका थीं और पिता अमरदीप रनौत का अपना कारोबार था।

why Kangana Ranaut of Bollywood takes Panga everyone know reason | तो इस वजह से जमाने भर से 'पंगा' लेती हैं बॉलीवुड की क्वीन कंगना रनौत, पढ़ें पूरी खबर

कंगना के फिल्मों में काम करने से निराश थे पिता। (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)

Highlights विद्रोही स्वभाव की कंगना को लीक से बंधना कभी रास नहीं आया। कंगना ने विरोध के अपने इस गुण को फिल्मी दुनिया में रहते हुए भी बचाए रखा और तमाम तरह के भेदभाव के खिलाफ खड़ी नजर आईं। कंगना ने कई फिल्मों में काम किया और धीरे-धीरे फिल्मी दुनिया का हिस्सा बन गईं।

 कंगना रनौत एक बार फिर सुर्खियों में हैं। विभिन्न मामलों पर उनकी बेबाक टिप्पणियां और जमाने भर से टकराने का उनका हौसला देखकर कुछ लोग भले इसे राजनीति से जोड़ रहे हों, लेकिन अपने अभिनय के लिए तीन राष्ट्रीय पुरस्कार और चार फिल्म फेयर अवार्ड जीत चुकी बॉलीवुड की यह ‘क्वीन’ अपने करियर के शुरूआती दिनों से ही बॉलीवुड के दिग्गजों से ‘पंगा’ लेती रही हैं और उससे भी बहुत पहले वह बचपन से धारा के विपरीत बहते हुए अपना रास्ता बनाती रही हैं। 

23 मार्च 1987 को हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में एक छोटे से कस्बे भांबला में जन्मी कंगना की परवरिश एक रूढ़िवादी संयुक्त परिवार में हुई। उनकी मां आशा रनौत एक स्कूल में शिक्षिका थीं और पिता अमरदीप रनौत का अपना कारोबार था। कंगना की एक बड़ी बहन रंगोली और छोटा भाई अक्षत है। रंगोली पिछले कई बरस से बॉलीवुड में कंगना के साथ हैं और कई बार कंगना की टिप्पणियों पर आने वाली तल्ख प्रतिक्रियाओं का जवाब रंगोली ही देती रही हैं। विद्रोही स्वभाव की कंगना को लीक से बंधना कभी रास नहीं आया। बचपन में उनके छोटे भाई को खिलौना बंदूक और उसे गुड़िया दी जाती तो वह न सिर्फ उसे लेने से इंकार कर देती थीं, बल्कि इस भेदभाव का पुरजोर विरोध भी करती थीं। उन्हें अपनी मर्जी के कपड़े पहनना और अपने हिसाब से जीना पसंद था। 

तमाम तरह के भेदभाव के खिलाफ रहती हैं कंगना

कंगना ने विरोध के अपने इस गुण को फिल्मी दुनिया में रहते हुए भी बचाए रखा और तमाम तरह के भेदभाव के खिलाफ खड़ी नजर आईं। फिर चाहे वह पुरूष साथी कलाकारों से कम मेहनताना मिलने का सवाल हो, मीटू का विवाद हो या फिर फिल्म नगरी में भाई भतीजावाद का मुद्दा, कंगना ने हर बार बड़े पुरजोर तरीके से अपनी बात रखी और उस पर डटी रहीं। कंगना का परिवार उन्हें डॉक्टर बनाना चाहता था और इसी ख्याल के साथ वह चंडीगढ़ के डीएवी स्कूल में विज्ञान विषय के साथ पढ़ाई कर रही थीं, लेकिन अचानक एक दिन उन्हें लगा कि वह इसके लिए नहीं बनी हैं और मात्र 16 बरस की उम्र में वह दिल्ली चली आईं। 

कंगना के फिल्मों में काम करने से निराश थे पिता 

कंगना के पिता को उनका यह कदम कतई रास नहीं आया और उन्होंने अपनी बेटी से रिश्ता तोड़ लिया। दिल्ली में कुछ समय तक मॉडलिंग करने के बाद कंगना ने अभिनय का रुख किया और अस्मिता थिएटर ग्रुप के साथ जुड़ गईं। इस दौरान उन्होंने कुछ नाटकों में काम किया और उनके अभिनय की खूब सराहना हुई। यहां अपने अभिनय की धार परखने के बाद कंगना सपनों की नगरी मुंबई पहुंच गईं और आशा चंद्रा के ड्रामा स्कूल में चार महीने का कोर्स करने के बाद अपने सपनों की दुनिया में पहुंचने का रास्ता तलाशने में जुट गईं। 

‘गैंगस्टर’ से किया था डेब्यू

कंगना को 2004 में अनुराग बासु के निर्देशन में फिल्म ‘गैंगस्टर’ में काम करने का मौका मिला और 17 साल की लड़की ने अपने मंझे अभिनय से अपनी आगे की राह आसान कर ली। इसके बाद भी कंगना ने कई फिल्मों में काम किया और धीरे-धीरे फिल्मी दुनिया का हिस्सा बन गईं। वर्ष 2008 में आई फिल्म ‘फैशन’ कंगना को सातवें आसमान पर ले गई। फैशन और मॉडलिंग की दुनिया के स्याह चेहरे को बयां करती इस फिल्म में कंगना ने नशा करने के कारण बर्बाद हुई मॉडल शोनाली गुजराल की भूमिका को इस अंदाज में निभाया कि उन्हें इसके लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया।

विवादों से जुड़ता रहा है कंगना का नाम

इस दौरान कंगना को सफलता तो मिल रही थी, लेकिन वह एक ही तरह की भूमिकाओं में बंधती जा रही थीं। उन्हें इस बंधन से निकाला 2011 में आई फिल्म ‘तनु वेड्स मनु’ ने। आर माधवन के साथ आई कंगना की इस फिल्म ने यह साबित कर दिया कि वह हर तरह की भूमिकाएं पूरे विश्वास के साथ निभा सकती हैं। 2014 में आई फिल्म ‘क्वीन’ में कंगना ने एक ऐसी लड़की की भूमिका निभाई जिसका मंगेतर शादी से ठीक पहले उसे छोड़ देता है और वह हाथों में मेहंदी लगाए दुखी मन से अकेले ही अपने हनीमून पर निकल जाती है। इस फिल्म में कंगना के बेहतरीन अभिनय ने उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार ही नहीं दिलाया बल्कि सही मायने में बॉलीवुड की रानी बना दिया। पर्दे पर हों या पर्दे के बाहर कंगना का नाम अकसर विवादों से जुड़ता रहा, लेकिन उनका व्यक्तित्व अपने दम पर दुनिया को जीतने का सपना देखने वाले लोगों के लिए एक मिसाल है। 

Web Title: why Kangana Ranaut of Bollywood takes Panga everyone know reason

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