“जोधा अकबर” और “लगे रहो मुन्नाभाई” में काम कर चुके विश्व मोहन वडोला का निधन, जॉली एलएलबी 2 में एक यादगार रोल निभाया
By सतीश कुमार सिंह | Published: November 24, 2020 04:42 PM2020-11-24T16:42:21+5:302020-11-24T18:57:51+5:30
विश्व मोहन वडोला ने लगभग 50 साल तक अभिनय किया। ऑल इंडिया रेडियो के लिए 400 नाटकों में काम किया। आखिरी बार मनोज वाजपेयी और तब्बू की फिल्म मिसिंग में काम किया था।
मुंबईःकई दशक तक फिल्म और टीवी की दुनिया में काम कर चुके विश्व मोहन वडोला का निधन हो गया। वह 84 साल के थे। अभिनेता के साथ-साथ गायक और पत्रकार भी थे।
विश्व मोहन के निधन की खबर उनकी बहू और टीवी एक्टर वरुण वडोला की पत्नी राजेश्वरी सचदेव ने दी। शौकिया ट्रेवलर के तौर पर उन्होंने दो बार वर्ल्ड टूर किया। वडोला का उम्र संबंधी बीमारियों से 23 नवम्बर को निधन हो गया था।
उन्होंने आशुतोष गोवारिकर की फिल्म “स्वदेस” समेत कई लोकप्रिय फिल्मों में भी काम किया था। वडोला ने गोवारिकर की 2008 में आई फिल्म “जोधा अकबर” और राजकुमार हिरानी की “लगे रहो मुन्नाभाई” में भी अभिनय किया था। उन्होंने ‘जॉली एलएलबी 2’ में भी काम किया था। वडोला के बेटे और प्रसिद्ध अभिनेता वरुण वडोला ने मंगलवार को इंस्टाग्राम पर एक भावनात्मक पोस्ट लिखकर अपने पिता के निधन की पुष्टि की।
वरुण ने पिता को याद करते हुए एक भावुक नोट लिखकर श्रद्धांजलि दी। इंस्टाग्राम पर वरुण ने लिखा- तमाम लोग यह शिकायत करते हैं कि उनके बच्चे उनकी नहीं सुनते। कई लोग यह बात भूल जाते हैं कि बच्चे उन्हें देख रहे हैं। मेरे पिता ने कभी मुझे बिठाकर कुछ नहीं सिखाया। उन्होंने मुझे सिखाने के लिए जीवन जीया।
उन्होंने ऐसी मिसाल पेश की कि मेरे सामने उसे मानने के सिवा कोई दूसरा रास्ता नहीं था। अगर आपको लगता है कि मैं अच्छा कलाकार हूं, तो इसके लिए वही ज़िम्मेदार हैं। अगर मैं लिखता हूं तो इसका श्रेय उन्हें ही जाता है। अगर मुझमें गायकी का उनका दशांश हुनर भी होता तो मैं सिंगर बन जाता।
वडोला ने कई टीवी धारावाहिकों और फिल्मों में काम किया था और वह थियेटर की दुनिया की भी जानी मानी हस्ती थे। उनके परिवार के नजदीकी सूत्रों के अनुसार सोमवार की रात अभिनेता का उनके आवास पर निधन हो गया। वडोला ने पेशेवर पत्रकार के रूप में अपनी यात्रा की शुरुआत की थी लेकिन बाद में उन्होंने कला जगत का रुख किया और दिल्ली के थियेटरों में काम करने लगे। वडोला ने अपने पांच दशक के करियर में आकाशवाणी के लिए चार सौ से अधिक नाटक किये।