'सोनचिड़िया' के डायरेक्टर अभिषेक चौबे ने कहा- डाकुओं की संस्कृति है दिलचस्प!
By भाषा | Published: February 14, 2019 04:35 PM2019-02-14T16:35:01+5:302019-02-14T16:35:01+5:30
सोनचिड़िया फिल्म चंबल के बीहड़ो की कहानी है। जिसमें डाकुओं की संस्कृति को दिलचस्प अंदाज में दिखाया जाएगा।
चंबल घाटी के डकैतों पर बनी फिल्म 'सोनचिरिया' भले ही अतीत की पृष्ठभूमि पर आधारित है, लेकिन इसके निर्देशक अभिषेक चौबे का कहना है कि यह कहानी आज भी प्रासंगिक है कि क्योंकि इसमें लैंगिक और जातिगत भेदभाव के मुद्दों को उठाया गया है, जो अभी तक समाज में व्याप्त हैं।
‘इश्किया’, ‘डेढ़ इश्किया’ और ‘उड़ता पंजाब’ जैसी दिलचस्प फिल्मों का निर्देशन कर चुके चौबे हमेशा से मानते हैं कि चंबल की कहानी फिल्म बनाने के लिये एक बेहतरीन विषय है।
चौबे ने पीटीआई-भाषा को बताया, "हमने वहां का दौरा किया और डाकुओं के बारे में पढ़ना शुरू किया। उन लोगों से बात की जो या तो खुद डाकू थे या पुलिसवाले थे या फिर डाकुओं से बातचीत कर चुके थे। हमने पाया कि डाकुओं की यह संस्कृति दिलचस्प है। हम चाहते थे कि इस फिल्म के जरिये और बहुत से पहलुओं को सामने लाया जाए।’’
उन्होंने कहा कि एक समय डाकुओं का पर्याय बन चुके इस स्थान पर डकैतों ने एक संस्कृति बना दी थी, जो अब भी वैसी ही है। सुशांत सिंह राजपूत, मनोज वाजपेयी, रणवीर शौरी, अशुतोष राणा और भूमि पेडनेकर अभिनीत यह फिल्म एक मार्च को रिलीज होगी।